Eid Milad-un-Nabi 2021:जानें ईद मिलाद उन-नबी कब है,क्या है इसका महत्व

पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन अथवा जन्म उत्सव को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाया जाता है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर रातभर के लिए प्रार्थनाएं होती हैं और जुलूस भी निकाले जाते हैं।

ईद मिलाद उन नबी 2021

When-Eid-Milad-un-Nabi-2021-what-is-importance

नई दिल्ली:प्रेम और भाईचारे का प्रतीक ईद(Eid)का त्यौहार बस आने ही वाला है।इस्लाम(Islam)धर्म में मिलाद उन नबी बहुत महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है।

इस वर्ष आप जानना चाहते है कि ईद मिलाद उन नबी 2021कब (When-Eid-Milad-un-Nabi-2021)है।तो हम बताते है।

इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी अल अव्वल की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने की 12 तारीख को अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था।

जाहिर है कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद पूरी दुनिया में बसे मुसलमानों के लिए श्रद्धा का केन्द्र हैं, लिहाजा उनके जन्म का दिन मिलाद उन नबी भी इस्लाम को मानने वालों के लिए बेहद खास है।

When-Eid-Milad-un-Nabi-2021-what-is-importance

विश्वभर में, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है।

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार,इस वर्ष यानि 2021 को ये पैगंबर हजरत का जन्मदिन 19 अक्टूबर को (Eid-Milad-un-Nabi-2021 on 19 Oct)पड़ेगा।

 

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का क्या है महत्व

When-Eid-Milad-un-Nabi-2021-what-is-importance

पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन अथवा जन्म उत्सव को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाया जाता है।

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी(Eid-Milad-un-Nabi)पर रातभर के लिए प्रार्थनाएं होती हैं और जुलूस भी निकाले जाते हैं।

इस दिन इस्लाम को मानने वाले हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ा करते हैं।

लोग मस्जिदों व घरों में पवित्र कुरान को पढ़ते हैं और नबी के बताए नेकी के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं।

पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस पर घरों को तो सजाया ही जाता है, इसके साथ ही मस्जिदों में खास सजावट होती है. उनके संदेशों को पढ़ने के साथ-साथ गरीबों में दान देने की प्रथा है।

दान या जकात इस्लाम में बेहद अहम माना जाता है। मान्यता है कि जरूरतमंद व निर्धन लोगों की मदद करने से अल्लाह प्रसन्न होते हैं।

When-Eid-Milad-un-Nabi-2021-what-is-importance

 

इतिहास

मक्का में जन्म लेने वाले पैगंबर मोहम्मद साहब का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  था।

उनकी माताजी का नाम अमीना बीबी और पिताजी का नाम अब्दुल्लाह था।

वे पैगंबर हजरत मोहम्मद ही थे, जिन्हें अल्लाह(Allah) ने सबसे पहले पवित्र कुरान(Quran) अता की थी।

इसके बाद ही पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। हजरत मोहम्मद का उपदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है।

 

 

When-Eid-Milad-un-Nabi-2021-what-is-importance

Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l