आग से रचाई जाती है मेहँदी..! नहीं जलते हाथ, माता है साथ या फिर…!

राजस्थान के इस गाँव में हाथों पर आग की मेहँदी लगायी जाती है, माता के नाम पर जानलेवा और हैरतअंगेज रीतिरिवाजों का निर्वहन किया जा रहा है.

आग से रचाई जाती है मेहँदी..! नहीं जलते हाथ, माता है साथ या फिर...!

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

राजस्थान/नईं दिल्ली (समयधारा) : दोस्तों आज हम आपको राजस्थान के एक गाँव की ऐसी प्रथा/आस्था के बारें में जानकारी साझा करेंगे जिससे जान कर आप हैरत में रह जायेंगे l

कुछ लोगों को इन प्रथाओं की आधी-अधूरी तो कई लोगों को इनकी जानकारी तक नहीं होगी l 

पर आज हम राजस्थान में जारी कई प्राचीन प्रथाओं सहित कार्तिक पूर्णिमा पर सदियों से जारी कुछ चमत्कार की बात करेंगे l 

माता के जागरण को लेकर इन आस्थाओं का,  शरीर में देवी का आना और उसके बाद गाँव के लोगों का नतमस्तक होना,

वही शहर के नामचीन पढ़े लिखे लोगों का रिएक्शन सहित इसके बारें में लोगों का क्या कहना है इसकी जानकारी देंगेl

मैं खुंद और मेरा परिवार सदियों से इन में से कई परम्परा का निर्वाह कर रहे है l

मेरे दादाजी के साथ मैं कई मौकों पर इन परंपरा का इन समारोह का हिस्सा बना हूँl और आज इन्ही परंपराओं को मैं आपके समकक्ष रख रहा हूँ l

यहाँ यह बता देना अत्यंत आवश्यक है कि आप और हम इन पर विश्वास करते है..? या नहीं..? यह एक अलग मुद्दा है l 

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

पर हमारा उद्देश्य किसी भी तरह से इनका अनादर या अपमान करना कतई नहीं है l ना ही हम ऐसी किसी भी प्रथाओं के पक्ष में भी खडें है l

हमारा उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ हमारे पाठकों को इन रिवाजों की सही-सही और सटीक जानकारी देना है l जिनसे आज भी आज के युवा जुड़े है l 

तो चलिए चलते है राजस्थान की कुछ रोचक और मनोरंजक और हैरतअंगेज ख़बरों की तरफ….l 

आज हम बात कर रहे है राजस्थान (#Rajasthan) के कम प्रचलित एक गाँव (#Village) जिसका नाम है ‘पडासली(#Padasali)’ जो उदयपुर(#Udaipur) के पास राजसमंद(#Rajsamand / Rajnagar) जीले में है जहाँ सदियों से एक परम्परा चली आ रही है जिसके तहत माता के नाम पर जानलेवा और  हैरतअंगेज रीतिरिवाजों का निर्वहन किया जा रहा है l 

14 नवंबर 2024 गुरूवार के दिन शुरू हुए इस कार्यक्रम का पहला हिस्सा था “माता का जागरण” l

अब आप और हम लोग माता का जागरण का मतलब समझते है की माता के भजन सहित रंगारग कार्यक्रम पर यह माता का जागरण इनसे अलग होता है,

यहाँ पर माता के कई भक्तों के शरीर में माता आती है जिन्हें राजस्थान में (भोपा) कहा जाता है l

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

भोपाजी के अंदर माता(बावची) आती है, और वह अपने शरीर पर तलवार से अपने आप को घायल करते है या फिर बड़ी-बड़ी लोहे की झालरों से अपने शरीर पर वार करते है l

यह सुनने से ही मन में एक सिरहन सी उठ जाती है l पर यह लोग जिन्हें गाँव वाले सहित सभी लोग बड़ी आदर से देवी मानते है अपने शरीर पर इन घावों को लेते है और आश्चर्य की बात यह है की इनके शरीर पर घाव का असर न के बराबर होता है और जख्म जल्दी भर   भी जाते है l

आप नीचे इन वीडियो में गाँव के इन रीती रिवाजों को देख सकते हो l जिनमें आप गाँव के सभी रस्मों को उन आस्थाओं को जीवित होते हुए देख सकते हो आज भी हम कितनी भी प्रगति कर ले पर आस्था का सैलाब लोगों के मन में अभी भी ज़िंदा है l

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

आप में से कई लोग इन आस्थाओं को दकियानूसी या  कुरीतियाँ  मानते होंगे पर l आज भी कई लोगों इन पर विश्वास करते है, जब किसी के शरीर में माता आती है तो लोग अपनी सभी परेशानीयों का जवाब उनसे चाहते है l उनसे अपने भविष्य से जुडी कई समस्याओं का निवारण चाहते है l और उनकी आस्था है की जिनके शरीर में माता आई है वो इसका निवारण कर देंगे l उनकी सभी विपदाएं दूर हो जायेगी l

 ये मेहँदी नहीं ज्वाला है…आस्था के विश्वास ने इसे पाला है… (माता की आग वाली मेहँदी का रहस्य)

मेहंदी तो कई लोगो लगाते है l शादियों में अक्सर दुल्हा-दुल्हन मेहंदी लगाते है l तो करवाचौथ सहित कई तीज त्यौहार पर भी मेहँदी लगायी जाती है l

पर आज हम आपको राजस्थान की उस मेहंदी के बारें में बताएँगे,

जो जलती हुई रस्सी को तेल में डुबोकर उसमे आग लगाकर, आग से हाथों में तेल के जलते हुए बूदों से लगाईं जाती है l

जिसे राजस्थान के इस गाँव के लोग माता की मेहंदी का नाम देते है l यह मेहंदी न सिर्फ इस गाँव में लगाईं जाती है बल्कि,

अधिक जानकारी लेने पर पता चला की यह मेहंदी राजस्थान के कई गाँवों में सदियों से लगाईं जा रही है l

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

इन सब में आश्चर्य की बात यह है की इस मेहंदी को लगाने के बाद जो घाव हाथों पर होते है उससे दर्द नहीं होता ना ही यह घाव ज्यादा दिनों तक हाथ में टिके रहते है l

माता की इस मेहंदी का एक लाइव वीडियो हम आपके समकक्ष रख रहे है l हम यहाँ एक गाँव पडासली जो राजस्थान के उदयपुरं जीले के पास राजसमन्द जीले के अंतर्गत आता है l

यहाँ माता के मंदिर में जागरण के दिन इस माता की मेहंदी के साथ-साथ आस्था के कई चेहरे नजर आयेंl

इस वीडियो के बाद आगे अन्य वीडियो में हम आपको आस्थाओं के ऐसे ही कई वीडियो से अवगत कराएँगे l

तो चलिए देखते है माता की मेहंदी के का वह रहस्य  जिसे जान कर आप दंग रह जायेंगे l

और हाँ आप नीचे कमेंट्स में इस वीडियो को लेकर आप के मन में उठ रहे सवालों से हमें जरुर अवगत कराएँ l

आप इसे लेकर क्या सोचते है … क्या यह प्रथा सही है या इस प्रथा का विरोध होना चाहिए l आखिर आप क्या सोचते है हमें जरुर कमेंट्स करें l

India Rajasthan Traditions Mata Ki Aag Wali Mehandi Ka Rahashy 

डिस्क्लेमर (Disclaimer) : यह लेख (*Post) समाज में प्रचलित सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गयी है l हमारा उद्देश्य किसी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा देना या किसी की धार्मिक सामाजिक रीती रिवाजों पर ऊँगली उठाना बिलकुल नहीं है, पाठको से अनुरोध है अपने विवेक का इस्तेमाल करे समयधारा किसी प्रकार की अप्पति या किसी भी अनहोनी के लिए जिम्मेदार नहीं है l 

Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l