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नयी दिल्ली (समयधारा) : फीफा वर्ल्ड कप 2034 (FIFA World Cup 2034) की मेजबानी सऊदी अरब (#SaudiArbia) करेगा l
फुटबॉल (Football) की वैश्विक संस्था ने बुधवार (#Wednesday) को ऐलान किया है कि 2034 फीफा वर्ल्ड का आयोजन सऊदी अरब (#SaudiArabia) में किया जाएगा,
जबकि मोरक्को (#Moracco), पुर्तगाल (#Portogual) और स्पेन (#Spain) 2030 में विश्व कप (#WorldCup) का आयोजन करेंगे l
इसके अलावा 2030 में होने वाले वर्ल्ड कप के तीन मुकाबले टूर्नामेंट के 100 साल (100 #Years) पूरे होने के उपलक्ष्य में अर्जेंटीना (#Argentina) , पैराग्वे (*Paraguay) और उरुग्वे (#Uruguay) में आयोजित किए जाएंगेl
बीबीसी (#BBC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (#Wednesday) को असाधारण फीफा की बैठक में हुई वोटिंग(#Voting) के बाद दोनों विश्व कप के मेजबानों की पुष्टि की गई है l
इस वर्चुअल मीटिंग में फीफा के सभी 211 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व शामिल रहे l
2030 शताब्दी समारोह और दोनों वर्ल्ड कप की मेजबानी अधिकार के लिए वोटिंग अलग-अलग हुई l
पहली वोटिंग से शताब्दी वर्ष के मेजबान के रूप में सबसे पहले उरुग्वे, पैराग्वे और अर्जेंटीना को चुना गया l
दूसरी वोटिंग से 2030 के लिए तीन मेजबानों की पुष्टि की गई, साथ ही 2034 के मेजबान के रूप में सऊदी अरब को चुना गया l
सदस्य देशों ने अपने वोट कैमरों के सामने ताली बजाकर दिए.
इस दौरान नॉर्वे ने वोटिंग से हटने का फैसला लिया l नॉर्वे का यह फैसला फीफा की मेजबान चुनने की प्रक्रिया के कारण लिया गया l
नॉर्वे ने सऊदी अरब को मेजबान बनाने के लिए वोटिंग से बाहर रहने का फैसला नहीं किया है l
इसके अलावा स्विट्ज़रलैंड ने भी मीटिंग में अपनी टिप्पणियों को शामिल करने के लिए भी कहा l
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तीनों फैसलों में केवल एक मतदान विकल्प उपलब्ध था, जिससे फीफा के इस एक्शन पर विवाद हो रहा है l
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों द्वारा हाल के सालों में सऊदी अरब पर ‘स्पोर्टवॉशिंग’ का आरोप लगाया गया है l
सऊदी अरब पर आरोप है कि वो खेलों पर अकूत पैसा खर्च करके तेल उत्पादक राज्य की छवि में सुधार करने का प्रयास कर रहा है l
2034 विश्व कप में मैच आयोजित करने के लिए पहचाने गए 15 स्टेडियमों में से चार अब तक बनाए जा चुके हैं l
न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, एमनेस्टी इंटरनेशनल और 20 अन्य संगठनों ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि
सऊदी अरब को 2034 विश्व कप की मेजबानी सौंपने का फीफा का फैसला, कई लोगों की जान जोखिम में डालता है और “बड़े खतरे की तरफ इशारा करता है” l
साल 2022 में कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था और उस दौरान भी मानअधिकार संगठन ने फीफा के फैसले पर सवाल उठाए थे. कतर में हुए वर्ल्ड के 12 साल बाद खाड़ी क्षेत्र में एक बार फिर वर्ल्ड का आयोजन होगा l
फीफा के इस फैसले की इसलिए भी आलोचना हो रही है क्योंकि सऊदी अरब 2034 के मेजबान के तौर पर एकमात्र उम्मीदवार था.
ऐसे में इस वर्चुअल मीटिंग को 2034 के मेजबान के रबर-स्टैंप के तौर पर देखा जा रहा है l
एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच, गल्फ सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स और फुटबॉल सपोर्टर्स यूरोप समूह सहित संगठनों ने एक बयान में कहा,
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“निवासियों, प्रवासी श्रमिकों और आने वाले फैंस के लिए प्रसिद्ध और गंभीर जोखिमों के बावजूद सऊदी अरब को टूर्नामेंट का पुरस्कार देना, बड़े खतरे की निशानी है l”