बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति और बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है। इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी।
इस बार यह पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान और दान धर्म के कार्य का विशेष महत्व है।
चलिए अब हम आपको ले चलते है भगवान बुद्ध के अनमोल विचारों की दुनिया में :
कुछ भी स्थायी नहीं है.
सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है.
स्वयं पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से बड़ा काम है.
घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है.
तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे.
सारे गलत काम मन की वजह से होते हैं. यदि मन को बदल दिया जाए तो क्या गलत काम रह सकते हैं?
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं.
सबकुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ़ कर देना.
मैं दुनिया के साथ मतभेद नहीं करता; बल्कि ये दुनिया है जो मेरे साथ मतभेद करती है.
धैर्य महत्त्वपूर्ण है. याद रखिये: एक जग बूँद-बूँद करके भरता है.
मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है.
सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं, कुछ बहुत कम.
हर मनुष्य अपनी सेहत या बीमारी का रचयिता है.
बुराई होनी चाहिए ताकि अच्छाई उसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सके.
ये सोचना हास्यास्पद है कि कोई और आपको प्रसन्न या अप्रसन्न कर सकता है.
आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया.
शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत खोजो.
यदि आप दिशा नहीं बदलते हैं तो संभवतः आप वहीँ पहुँच जायेंगे जहाँ आप जा रहे हैं.
सबसे अँधेरी रात अज्ञानता है.
एक तेज धार चाकू की तरह जीभ…. बिना खून बहाए मार देती है.
हमें हमारे सिवा कोई और नहीं बचाता. न कोई बचा सकता है और न कोई ऐसा करने का प्रयास करे. हमें खुद ही इस मार्ग पर चलना होगा.
पानी से सीखो: नदी शोर मचाती है लेकिन महासागरों की गहराई शांत रहती है.
भूत पहले ही बीत चुका है, भविष्य अभी तक आया नहीं है. तुम्हारे लिए जीने के लिए बस एक ही क्षण है.
शरीर को अच्छी सेहत में रखना हमारा कर्तव्य है…. नहीं तो हम अपना मन मजबूत और स्पष्ठ नहीं रख पायेंगे.
प्रसन्नता का कोई मार्ग नहीं है: प्रसन्नता ही मार्ग है
दर्द निश्चित है, दुख वैकल्पिक है.
Happy Buddha Purnima Thoughts
जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं
जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है.
जीवन में आपका उद्देश्य
अपना उद्देश्य पता करना है
और उसमे जी-जान से जुट जाना है.
जो बुद्धिमानी से जिए हैं उन्हें मृत्यु का भी भय नहीं होना चाहिए
द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।