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भारत में हर 7वां व्यक्ति है डिप्रेशन का शिकार,जानें लक्षण और इलाज

बीमारी का पता केवल लक्षणों से ही लगाया जा सकता है। इसलिए सबसे पहले समझें कि डिप्रेशन के लक्षण क्या है...

Bharat mein depression-India every7thperson is in depression-symptoms and treatment

डिप्रेशन(Depression) को अक्सर सामाज में पागलपन से जोड़कर देखा जाता है जोकि बिल्कुल गलत है। डिप्रेशन बिल्कुल उतनी ही सामान्य मानसिक बीमारी है जितना कि नजला-जुकाम(Cold-Cough)।

बस इसकी गंभीर अवस्था घातक हो सकती है,ठीक वैसे ही जैसे कि नजला-जुकामहद से ज्यादा रहने लगे तो निमोनिया और बुखार व खांसी होने पर कोरोनावायरस(Coronavirus)के लक्षण का भी रुप ले लेता है।

इसलिए सबसे पहले जरूरी है कि डिप्रेशन को एक प्रकार का कलंक कतई न मानें।

आपको जानकर शायद हैरत होगी लेकिन यह सच है कि भारत में प्रत्येक सातवां व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। मद्रास हाईकोर्ट ने इसका जिक्र हाल ही में एक केस की सुनवाई के दौरान किया है।

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कोर्ट ने कहा है कि पूरी दुनिया में भारत सबसे ज्यादा डिप्रेशन वाला देश है और इस बीमारी से निपटने के लिए न तो लोगों में जागरुकता है और न ही हमारे पास पर्याप्त डॉक्टर है।

दरअसल, डिप्रेशन एक ऐसी मानसिक बीमारी है जो कब आपको चुपके से अपनी गिरफ्त में ले लेती है खुद आपको ही पता नहीं चलता।

ऊपर से मानसिक बीमारी का टैग लगने पर समाज में आज के जमाने में भी डिप्रेशन को एक कलंक या पागलपन से जोड़कर देखने वाले अज्ञानियों की कमी नहीं है।

यही कारण है कि डिप्रेशन होने पर या तो व्यक्ति को खुद पता नहीं चलता कि उसे डिप्रेशन है और अगर किसी को समय रहते पता भी चल जाता है तो वह किसी से कुछ कह नहीं पाता कि पता नहीं कहीं लोगों का नजरिया उसके प्रति बदल न जाए।

जबकि ये दोनों ही सिचुएशन आपको मौत के मुंह में ले जाती है,चूंकि आपकी चुप्पी आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। ठीक जैसाकि बॉलिवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के केस में हुआ।

इसलिए जरूरी है कि कम से कम 21वीं सदी के भारत में हम खुलकर डिप्रेशन के बारे में बात करें। उसे समझें, स्वीकार करें और इसका इलाज भी करवाएं ठीक वैसे ही जैसे आप अपने बुखार,खांसी और नजला-जुकाम का वक्त रहते इलाज करते है।

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भारत में प्रत्येक 7वां व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार

आज के समय में देश में डिप्रेशन बहुत बड़ी बीमारी बनकर उभरा है। डिप्रेशन का समय रहते इलाज नहीं होता तो यह खतरनाक रूप ले लेता है।

इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले आप समझे कि डिप्रेशन आखिर है क्या?(What is depression?)

बीमारी का पता केवल लक्षणों से ही लगाया जा सकता है। इसलिए सबसे पहले समझें कि डिप्रेशन के लक्षण क्या है।

 

Bharat mein depression-India every7thperson is in depression-symptoms and treatment

डिप्रेशन के लक्षण-Depression symptoms

– व्यक्ति में हमेशा उदासी और उत्साह की कमी रहना।

– किसी भी काम में मन का न लगना।

– आत्मविश्वास में कमी, नकारात्मक सोच।

– अकेले रहना और किसी से बात न करना।

– खुशी देने वाली बातों पर भी उदास रहना।

– हमेशा बैचेन और विचारों में डूबे रहना।

– बहुत कम या बहुत ज्यादा खाना खाना।

– किसी भी बात से बहुत जल्दी निराश होना।

– बात-बात में चिढ़ जाना और बेवजह गुस्सा।

 

 

डिप्रेशन पर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी

मद्रास हाईकोर्ट ने भारत को सबसे अवसाद ग्रस्त(Depression)देश बताया। कोर्ट ने डिप्रेशन को लेकर सरकार से सवाल भी पूछे। 

कोर्ट ने देश में डिप्रेशन के इलाज पर सवाल उठाए।

वर्ष 2018-19 में हर महीने सिर्फ 20 पैसे डिप्रेशन के इलाज पर खर्च हुए हैं।

कोर्ट ने हर प्रदेश में NIMHANS जैसे संस्थान होने की बात कही है।

 

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डिप्रेशन के बड़े कारण-Depression reasons

– वित्तीय चिंता और दबाव।

– काम से जुड़ा तनाव।

– रिश्तों में दिक्कत आना।

– सोसायटी में सम्मान न मिलना।

– पढ़ाई में पिछड़ जाना।

 

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डिप्रेशन का इलाज-treatment of Depression

अपने लाइफस्टाइल में चेंज करके और चीजों को लेकर अपना नजरियां बदलकर आप आसानी से डिप्रेशन से बच सकते है।

जी हां, वक्त रहते अगर आप कुछ बातों का ख्याल रख लें तो आप आसानी से डिप्रेशन से उबर सकते है। डिप्रेशन से बाहर आने के लिए सबसे पहले आपका खुश रहना जरूरी है।

खुश रहने की कोई दवाई नहीं है,बल्कि आपके मन को खुद ऐसी आदतें,काम और संगत अपनानी होगी जहां से आपको खुशी मिले।यही डिप्रेशन का इलाज है।

 

ऐसे रहें खुश

– सबसे पहले अपनी तुलना दूसरों से करना बिल्कुल बंद कर दें।यानि नजरियां चेंज करें।

-खुद को किसी काम में व्यस्त रखें

– किसी हॉबी को करने से मन लगेगा

– दोस्त बनाएं और उनके साथ वक्त बिताएं

– व्यायाम, योग, ध्यान में थोड़ा वक्त बिताएं

– अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छी वेब सीरीज देखें

– लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे इसकी परवाह बिल्कुल न करें।

 

 

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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