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Modi-Surname मानहानि केस: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात HC को नोटिस भेजा,अगली सुनवाई 4 अगस्त

उच्च न्यायालय ने गांधी की लोकसभा सदस्यता को पुनर्जीवित करने के प्रयास को झटका देते हुए फैसला सुनाया था कि कांग्रेस नेता ने 'विनम्रता का उल्लंघन किया' और उनके अपराध में 'नैतिक अधमता' शामिल(Modi-Surname-defamation-case-gujarat-hc-rejected-rahul-gandhi-plea-to-stay-on-conviction)थी।

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नई दिल्ली:मोदी सरनेम मानहानि मामले(Modi-surname-defamation-case) में आज सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में राहुल गांधी(Rahul Gandhi)की याचिका पर सुनवाई हुई।

आज यानि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर नोटिस जारी(Modi-surname-defamation-case-Rahul-Gandhi’s-plea-Supreme-court-issues-notice-to-Gujarat-HC)किया,

जिसमें आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था और दोषी फैसले पर रोक लगाने के लिए उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तारीख तय(next-hearing-on-Aug-4)की।

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और पीके मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की.

यह अपील 15 जुलाई को दायर की गई थी, जिसके ठीक एक हफ्ते बाद उच्च न्यायालय(Gujarat High Court) ने गांधी की लोकसभा सदस्यता को पुनर्जीवित करने के प्रयास को झटका देते हुए फैसला सुनाया था कि कांग्रेस नेता ने ‘विनम्रता का उल्लंघन किया’ और उनके अपराध में ‘नैतिक अधमता’ शामिल(Modi-Surname-defamation-case-gujarat-hc-rejected-rahul-gandhi-plea-to-stay-on-conviction)थी।

मामले में शिकायतकर्ता, भाजपा (BJP) नेता पूर्णेश मोदी ने पहले ही शीर्ष अदालत में अपनी कैविएट दायर कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गांधी की अपील पर उनका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।

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राहुल गांधी की याचिका पर अगली सुनवाई 4 अगस्त तय 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस अपील पर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार से जवाब मांगा, जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई(Modi-surname-defamation-case-Rahul-Gandhi’s-plea-Supreme-court-issues-notice-to-Gujarat-HC) थी, जिसमें उनकी ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया, जिन्होंने 2019 में गांधी के खिलाफ ‘सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?’ को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।

यह टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी।

इस  टिप्पणी के खिलाफ पूर्णेश मोदी द्वारा आपराधिक शिकायत दर्ज कराने के बाद 23 मार्च को गुजरात की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गांधी को ‘मोदी’ उपनाम पर उनकी टिप्पणी के लिए दोषी ठहराया।

कांग्रेस नेता को दो साल की कैद की सजा सुनाई गई, जिसने उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर(Rahul Gandhi Disqualification as MP)दिया।

राहुल गांधी(Rahul Gandhi)की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई(Modi-surname-defamation-case-Rahul-Gandhi’s-plea-Supreme-court-issues-notice-to-Gujarat-HC) थी।

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’ का दम घुट जाएगा।

राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि “सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?”

इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार(Gujarat Govt)के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय(Gujarat High Court)के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।

उन्‍होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।

इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।

मामले में फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

 

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