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LAC पर चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब,हथियारों के इस्तेमाल पर सेना ने बदले नियम

LAC पर होने वाले ऐसे ही आकस्मात हिंसक हमलों से निपटने के लिए भारतीय जवानों को अब और मजबूत बनाने व छूट देने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है...

Indian Army changes rules of engagement across LAC 

नई दिल्ली: 15 जून की शाम पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley attack) में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर जानबूझकर साजिश के तहत अचानक हिंसक हमला किया था,जिसमें हमारे 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसलिए भारत-चीन सीमा(India-China border tension) पर और ज्यादा तनाव बढ़ गया है।

LAC पर होने वाले ऐसे ही आकस्मात हिंसक हमलों से निपटने के लिए भारतीय जवानों को अब और मजबूत बनाने व छूट देने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।

ताकि भारतीय सेना भी चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब दे सकें। इसके लिए LAC पर हथियारों के इस्तेमाल को लेकर भारतीय सेना ने नियमों में बदलाव(Indian Army changes rules of engagement across LAC) किया है।

बदले नियमों के तहत अब फील्ड कमांडर ही ऐसी असाधारण परिस्थितियों में फायर आर्म्स(Firearms) के इस्तेमाल को मंजूरी दे सकेंगे।

भारतीय सेना (Indian army) ने कहा कि अगर भविष्य में चीन के सैनिक(Chinese troops) पत्थर,लाठी से अटैक करते है तो हमारी सेना भी अब उन्हें उनकी ही भाषा में मुंहतोड़ जवाब देगी।

दोनों देशों के लिए नियम बराबर है और उसका पालन करने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

Indian Army changes rules of engagement across LAC 

चूंकि सोमवार रात को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प अचानक भड़की लड़ाई नहीं थी बल्कि एक सोची-समझी साजिश के साथ किया गया हिंसक हमला था,

जब चीन की सेना ने पेट्रोलिंग कर रहे कमांडिग ऑफिसर पर लाठी-डंडे और पत्थरों से हमला किया।

जबकि 1996 और 2005 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए समझौते के प्रावधानों के अनुसार,टकराव के समय फायर आर्म्स या आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करने पर आपसी सहमति बनी थी।

उस टाइम दोनों देशों ने LAC के दोनों ओर 2किमी. के अंतर्गत विस्फोटकों या फायर आर्म्स का इस्तेमाल नहीं करने पर भी सहमति व्यक्त की थी।

Indian Army changes rules of engagement across LAC 

लेकिन अब इन दशकों पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के एक हफ्ते से भी कम समय के पश्चात हुआ है, जिसमें  20 भारतीय जवानों शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए।

हालांकि सेना ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना का कोई भी जवान अब गंभीर रूप से घायल नहीं है और फिलहाल सभी की हालत स्थिर है।

बकौल सेना अधिकारी, ‘हमारे सभी जवानों की हालत ठीक है और कोई भी सैनिक गंभीर नहीं है।

हमारे 18 जवान लेह के अस्पताल में हैं और वह 15 दिन के भीतर ही ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे।

 इसके अतिरिक्त 56 जवान दूसरे अस्पतालों में हैं, जो मामूली रूप पर घायल हैं और वह एक हफ्ते भर के भीतर ही ड्यूटी पर लौट आएंगे।

 

Indian Army changes rules of engagement across LAC 

 क्या हुआ था 15 जून की शाम?

गौरतलब है कि 15 जून की शाम को बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू ने चीन के कमांडिंग ऑफिसर से समझौते का पालन करने को कहा और गलवान नदी के पास जगह को खाली करने के लिए कहा।

इस पर चीनी सेना का बर्ताव बहुत ही आक्रामक था।

उन्होंने फौरन भारी संख्या में हमला बोल दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी और आयरन रॉड से भारतीय सैनिकों को मारना शुरू कर दिया।

इस दौरान चीनी सैनिकों ने डंडे पर बंधे कटीली तारों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें हमारे एक कर्नल सहित सेना के 20 जवानों की जान चली गई।

इसी हमले में हमारे दस सैनिकों को चीन ने बंधक बना लिया था लेकिन फिर उच्च-स्तर की बातचीत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

हालांकि गलवान घाटी की हिंसक झड़प में चीने के कितने सैनिक मारे गए या घायल हुए इस बारे में भारतीय सेना या सरकार ने कोई भी आधिकारिक आंकड़ा पेश नहीं किया है

लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस हिंसक झड़प में चीन के भी 45 सैनिक या तो मारे गए है या घायल हुए है।

चीन ने भी अपने आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसके कितने जवान हताहत हुए है।

 

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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