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Teacher’s Day 2022:जानें आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाते है शिक्षक दिवस?क्या है इतिहास

शिक्षक की सही शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन को,जीवन के मूल्यों और संघर्षों को सही दिशा देती है

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नई द‍िल्‍ली:भारत में शिक्षक दिवस(Teacher’s-Day)का बहुत महत्व है।

हो भी क्यों न? हमारे पुराणों में भी शिक्षक यानि गुरु(Teacher)को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है।हमेशा की तरह इस वर्ष भी 5 सितंबर 2021 शिक्षक दिवस(Teacher’s-Day 2022) है। 

ऐसे में आज भी कई बच्चे और कुछ बड़े भी है, जो जानना चाहते है कि आखिर शिक्षक दिवस मनाया क्यों जाता है?

विशेष रूप से 5 सितंबर के दिन को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाते(Teacher’s-Day-2022-5-September-ko-teachers-day-kyo-manate-hai) है?

आखिर शिक्षक दिवस का इतना महत्व क्यों(Teacher’s-Day-importance)है?

तो आज हम आपके लिए इसका ही जवाब लेकर आएं है।

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Teacher’s-Day-2022-5-September-ko-teachers-day-kyo-manate-hai:

भारत के पहले उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को याद रखने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाता है।

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में शिक्षक का सर्वाधिक महत्व होता है।शिक्षक हमारे व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करने में अहम भूमिका निभाते है।

किसी भी इंसान की शख्सियत को निखारने,उसकी सोच को संवारने और उसमें शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने में शिक्षक का ही हाथ होता है।

शिक्षक ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र निर्माण में विशेष भूमिका निभाता है।

किसी भी बच्चे के सर्वप्रथम शिक्षक माता-पिता ही होते है लेकिन उस बच्चे की सोच और व्यक्तित्व को धार देने और उसे श्रेष्ठ इंसान बनाने में सर्वाधिक मेहनत एक शिक्षक ही करता है।

शिक्षक की सही शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन को,जीवन के मूल्यों और संघर्षों को सही दिशा देती है।

ऐसे शिक्षकों को सम्मान देने उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए ही 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता(Teacher’s-Day-2022-5-September-ko-teachers-day-kyo-manate-hai) है।

शिक्षक दिवस के दिन स्कूल,कॉलेजों में छात्र अपने शिक्षकों का न केवल सम्मान करते है। बल्कि उनके सम्मान में स्पीच देते है, पूर्व छात्र अपने शिक्षकों को इस दिन आराम देते हुए उनकी जगह क्लासेज लेते है।

बहुत से स्कूलों में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह आयोजित होते है। शिक्षकों को उपहार दिए जाते है।

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5 सितंबर को ही क्यों मनाते है शिक्षक दिवस

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भारतीय संस्कृति में गुरु -शिष्य की परंपरा का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन(Dr.Sarvepalli Radhakrishnan birthday 5 September) का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था।

वे एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के चालीस वर्ष एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाए।

उनके शिक्षक के रूप में दिए गए योगदान को हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

 

 

 

 

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शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्व क्या है?

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डॉक्टर राधाकृष्णन(Sarvepalli Radhakrishnan)जब भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ दोस्त और पूर्व छात्र उनसे मिलने पहुंचे। यहां उन्होंने सर्वपल्ली जी से उनका जन्मदिन भव्य तरीके से मनाने की अनुमति मांगी तो,

डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग तरीके से मनाने के बदले अगर 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बहुत खुशी और गौरव होगा।

बस उसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को भारत में शिक्षक दिवस (Teachers day) के रूप में मनाने का प्रचलन शुरू हुआ, जो आज तक चला आ रहा है।

 

 

 

 

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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