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India में मिले Omicron के सब वेरिएंट्स BA4 और BA5,जानें कितनी चिंताजनक है स्थिति

तमिलनाडु और तेलंगाना में बीए.4(BA.4)और बीए.5 (BA.5)के मामले सामने आए हैं। यानि अब देश में ओमिक्रोन स्ट्रेन के दो सब वेरिएंट्स बीए.4 और बीए.5 के केस भी दर्ज हो रहे है।

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नई दिल्ली:भारत में कोरोना ने एक बार फिर से सिर उठाया(Corona update in India)है। कोरोनावायरस(Coronavirus) के ओमिक्रोन(Omicron) स्ट्रेन के मामलो में एकदम से उछाल देखने को मिला है।

हालांकि महाराष्ट्र(Maharashtra)में दर्ज हुए ताजा मामलों में ओमिक्रोन का XE वेरिएंट ज्यादा देखने को मिला है।

लेकिन तमिलनाडु और तेलंगाना में बीए.4(BA.4)और बीए.5 (BA.5)के मामले सामने आए(India-Omicron-sub-variant-BA4-BA5-found-here-details) हैं।

यानि अब देश में ओमिक्रोन स्ट्रेन के दो सब वेरिएंट्स बीए.4 और बीए.5 के केस भी दर्ज हो रहे है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)अप्रैल से ही कोरोनावायरस के सबसे संक्रामक ओमिक्रोन स्ट्रेन के दो सब-वेरिएंट्स बीए.4 और बीए.5 की निगरानी कर रहा है।

ये दोनों ओरिजिनल BA.1 ओमीक्रोन वेरिएंट(Omicron Variant Sub Variants) के सब-वेरिएंट हैं।

कोरोना के स्ट्रेन की निगरानी रखने वाले सरकारी समूह INSACOG ने 22 मई को भारत में इन सब-वेरिएंट के होने की पुष्टि (India-Omicron-sub-variant-BA4-BA5-found-here-details)की।

तमिलनाडु और तेलंगाना में मामले सामने आए हैं।

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इंसाकॉग ने कहा है कि इन सब-वेरिएंट से बीमारी की गंभीरता या अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ने जैसे कोई बात सामने नहीं आई है।

ये सब-वेरिएंट इस साल की शुरुआत में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पता चले थे। अब यह कई देशों में फैल चुका है।

इसलिए जरुरी है कि आप ओमिक्रोन के सब वेरिएंट्स BA.4 और BA.5 के विषय में सभी जरुरी जानकारी जान लें। चलिए बताते है:India-Omicron-sub-variant-BA4-BA5-found-here-details

 

बढ़ रहे मामले

गावी वैक्सीन एलायंस की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, ये वेरिएंट कई नए देशों में पता चले हैं और मामले भी बढ़ रहे हैं। कहा गया है, ‘दक्षिण अफ्रीका में बीए.4 सिक्वेंस जनवरी 2022 में 1 प्रतिशत से भी कम से बढ़कर 29 अप्रैल 2022 को 35 प्रतिशत से अधिक हो गया है। अप्रैल के अंत तक बीए.5 सिक्वेंस 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है।’

मई में, दक्षिण अफ्रीका में बीए.4 और बीए.5 केस दुनिया के मामलों में क्रमश: 69 प्रतिशत और 45 प्रतिशत थे। बीए.4 ऑस्ट्रिया (वैश्विक मामलों का 7 प्रतिशत), यूके (6%), अमेरिका (5 प्रतिशत), डेनमार्क (3 प्रतिशत) में भी पाया गया है।

बीए.5 जर्मनी (22 प्रतिशत), पुर्तगाल (13 प्रतिशत), यूके (9 प्रतिशत) और अमेरिका (3 प्रतिशत) में पता चला है।

अभी किसी नतीजे तक पहुंचना जल्दबाजी होगी, ये सब-वेरिएंट मौजूदा ओमीक्रोन वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल सकता है या टीकाकरण(Vaccine) या संक्रमण के बाद इम्युनिटी को तेजी से घटा सकता है।

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अतिरिक्त म्यूटेशंस

गावी के अनुसार, बीए.4 और बीए.5 मूल ओमीक्रोन वेरिएंट की तरह कई म्यूटेशन करते हैं, लेकिन बीए.2 के साथ अधिक समानताएं हैं जो दुनियाभर में मौजूद चिंता का विषय है। सब-वेरिएंट भी अतिरिक्त म्यूटेशन कर सकते हैं।

गावी वेबसाइट पर बताया गया है, ‘दोनों नए वेरिएंट में L452R म्यूटेशन होता है, जिसे पहले डेल्टा वेरिएंट में भी पाया गया था और माना जाता है कि मानव कोशिशकाओं से जुड़ने की वायरस की क्षमता को बढ़ाकर यह वायरस को और अधिक संक्रामक बना देता है।’ इनमें आनुवंशिक परिवर्तन भी होता है जिसे F486V म्यूटेशन कहा जाता है, जहां उनके स्पाइक प्रोटीन मानव कोशिकाओं से जुड़ते हैं। इससे वे हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से आंशिक रूप से बच सकते हैं।

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गंभीर बीमारी के संकेत नहीं
अब तक इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि बीए.4 या बीए.5 से कोई नए लक्षण दिखाई दें या अधिक गंभीर बीमारी हो। हालांकि दक्षिण अफ्रीका के डरबन में एक संस्थान की स्टडी से पता चला है कि एंटीबॉडीज सब-वेरिएंट के खिलाफ उतने प्रभावी नहीं थे, जितने वे मूल ओमीक्रोन स्ट्रेन पर कारगर थे। यह स्टडी उन 39 लोगों पर की गई, जो मूल स्ट्रेन से ठीक हो चुके थे।

इसमें यह भी पता चला कि जिन 15 लोगों को कोविड-19 के खिलाफ टीका लगा था, उनमें एंटीबॉडी ने रिकवरी से बनी प्राकृतिक प्रतिरक्षा वाले लोगों की तुलना में बेहतर असर किया। स्टडी के बारे में एलेक्स सिगल ने ट्विटर पर कहा कि बीए.4 / बीए.5 परेशानी पैदा कर सकता है और संक्रमण की लहर पैदा करने के लिए पर्याप्त है लेकिन पिछली लहर की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी होने की संभावना नहीं है, खासतौर से उन लोगों में जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है।

दक्षिण अफ्रीका में इन सब-वेरिएंट के कारण संक्रमण के मामले बढ़े लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की संख्या कम बनी रही।

  • दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण की लहर के पीक में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम रही और मौतें कम हुईं।
  • पुर्तगाल में संक्रमण में तेजी से वृद्धि
  • बीए.2 वेव के बगैर दोनों देशों में बढ़ा संक्रमण

एक्सपर्ट बता रहे हैं कि बीए.2 लहर वाले देशों में बीए.4 और बीए.5 धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

 

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(इनपुट एजेंसी से भी)

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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