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Thursday thoughts:हर कोई अगर आपसे सिर्फ ले रहा है चाहे समय हो…

समर्पण हो, विश्वास हो, अपनापन हो, प्यार  या फिर धन, लेकिन लौटा नहीं रहा.....तो निराश न हो,चूंकि ईश्वर ने आपको अपनी तरह 'दाता' बनाया है 'भिखारी' नहीं।

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हर कोई अगर आपसे सिर्फ ले रहा है चाहे समय हो…

समर्पण हो, विश्वास हो, अपनापन हो, प्यार  या फिर धन,

लेकिन लौटा नहीं रहा…..तो निराश न हो,

चूंकि ईश्वर ने आपको अपनी तरह ‘दाता’ बनाया है ‘भिखारी’ नहीं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सबकुछ खोकर  भी अगर आप स्वंय से संतुष्ट और खुश है

तो यकीनन ईश्वर आपके साथ है,क्योंकि जिसका कोई नहीं होता, उसका खुदा होता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अगर आप किसी की मदद करने से सिर्फ इसलिए कतरा रहे है कि आपकी जरुरतों का क्या होगा,

तो ईश्वर भी आपकी मदद करने से इसलिए कतराएंगा कि अच्छा वक्त आने पर आप और स्वार्थी हो जाएंगे

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बार-बार मांगना जब मजबूरी से ज्यादा आदत बन जाएं,

तब इंसान तो क्या,ईश्वर भी मुंह फेर लेता है।

चूंकि ईश्वर भी उनकी मदद करता है जो अपनी मदद खुद करते है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

एक सच्चा दोस्त वही है जो आपके साथ चले,

लेकिन आपके आगे जाने पर जले नहीं…!

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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