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Breaking News:अब शरद पवार नहीं,अजित पवार है NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष-अजित पवार गुट का EC में दावा

अब शरद पवार बनाम अजित पवार(Sharad Pawar vs Ajit Pawar)के बीच लड़ाई एनसीपी के नाम और निशान पर कब्जे की हो चली है और अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग जाकर पार्टी के नाम और निशान पर अपना दावा पेश कर दिया(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC)है।

Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC

महाराष्ट्र में सियासी संग्राम(Maharashtra Political Crisis) ऊफान पर है। एनसीपी नेता अजित पवार(Ajit Pawar)ने आज बुधवार को अपने चाचा और एनसीपी सुप्रीमो रहे शरद पवार को और बड़ा झटका देते हुए स्वंय को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President)दिया,जबकि अभी तीन दिन पहले और आज की बैठक तक वह शरद पवार को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे थे।

अब शरद पवार बनाम अजित पवार(Sharad Pawar vs Ajit Pawar)के बीच लड़ाई एनसीपी के नाम और निशान पर कब्जे की हो चली है और अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग जाकर पार्टी के नाम और निशान पर अपना दावा पेश कर दिया(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC)है।हालांकि अजित पवार गुट ने शक्ति प्रदर्शन से पहले ही चुनाव आयोग में दावा पेश कर दिया।

आपको बता दें कि आज दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक करके शक्ति प्रदर्शन किया।

आज शिवसेना(ShivSena Vs ShivSena)की ही तरह एनसीपी(NCP Vs NCP)के भी दो गुट आमने सामने आ गए और शरद पवार बनाम अजित पवार ने अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन करके विधायकों,कार्यकर्ताओं और सांसदों का जमावड़ा लगाया और संदेश देने की कोशिश की कि एनसीपी पर असल मालिकाना हक किसका है।

अजित पवार(Ajit Pawar)ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चाचा शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाएं और कहा कि 80 साल से ज्यादा के हो गए,अब आराम करों।

जिसका जवाब शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा कि उम्र महज एक संख्या है। रतन टाटा 80 से ज्यादा होने पर भी अभी तक काम कर रहे है।

शरद पवार ने भी अपने भतीजे अजित  पवार को आड़े हाथ लेते हुए अपनी बैठक में कहा कि जो मुझे गुरु मानते थे। वह आज मुझे सीखा रहे है। आप अपने पोस्टर्स में मेरा चेहरे का इस्तेमाल क्यों कर रहे हो। 

इस तरह  एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार बनाम उनके भतीजे अजित पवार(Sharad-Pawar-vs-Ajit-Pawar)के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर जंग छिड़ गई है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर असली हक किसका है? इसके लिए अजित पवार और शरद पवार गुट ने आज बुधवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग बैठक बुलाई(NCP-Vs-NCP-Sharad-Pawar-vs-Ajit-Pawar-show-of-strength-between-NCP-two-factions)है। 

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दोनों पक्षों की बैठक के बाद अजित पवार गुट चुनाव आय़ोग गया और दावा किया कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष(NCP National President) अब शरद पवार नहीं बल्कि अजित पवार(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC)है

और एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर भी उनका ही हक है। अजित पवार गुट ने दावा किया कि उनके साथ 32 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।

वहीं, शरद पवार ने अपने स्टाइल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह कहीं नहीं जा रहा। वह उनका है और उनके पास ही(Sharad Pawar camp files caveat)रहेगा।

सूत्रों के अनुसार, बीती 30 जून को एनसीपी के 40 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी के साथ ही अजित पवार को एनसीपी के अध्यक्ष बनाने की जानकारी चुनाव आयोग को भेजी गई(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC) थी।

जो केंद्रीय चुनाव आयोग(Election Commission)को 5 जुलाई को मिली।

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शरद पवार गुट ने भी याचिका डाल ठोंका दावा

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग को 3 जुलाई को जयंत पाटिल (शरद पवार गुट) की तरफ से भी एक चिट्ठी(Sharad Pawar camp files caveat)मिली।

जिसमें ये कहा गया कि अजित पवार के साथ शपथ लेने वाले 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई के लिए याचिका दे दी गई है।

ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग अगर अजित पवार की तरफ से की गई मांग पर कोई सुनवाई करता है तो बिना उनका पक्ष सुने सुनवाई न की जाए।

अब एनसीपी(NCP)में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई और ज्यादा तेज हो गई है। चाचा शरद पवार बनाम भतीजा अजित पवार एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए है और अजित पवार ने और दो कदम उठाते हुए एनसीपी का खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष एलान कर दिया(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC)है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि शरद पवार अपना कद संभालने के लिए कौनसा सियासी आंकड़ा बैठाते है। 

आपको बता दें कि एनसीपी नेता अजित पवार(Ajit Pawar)ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार(Sharad Pawar)को बड़ा झटका देते हुए एकनाथ शिंदे-भाजपा नित महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया है।

साथ ही अजित पवार अपने साथ एनसीपी(NCP) के सभी बड़े और प्रमुख नेताओं,विधायकों और कार्यकर्ताओं को ले गए है।

अजित पवार,छगन भुजबल,दिलीप वल्से सहित एनसीपी के कई बड़े नेताओं को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद भी मिल चुका है।

यहां तक की एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार का ही साथ दे रहे है,जिसके बाद शरद पवार ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकाल दिया है।

शरद पवार(Sharad Pawar)प्रफुल्ल पटेल के इस धोखे से ज्यादा आहत है।

इतना ही नहीं, अजित पवार ने न सिर्फ एनसीपी को तोड़ दिया बल्कि उन्होंने दावा किया है कि वहीं असली एनसीपी है और आगामी विधानसभा चुनाव उनका गुट ही एनसीपी के नाम और निशान पर लड़ेगा।

इस पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी चैलेंज कर दिया है कि वह फिर से पार्टी खड़ी करके दिखा देंगे और वक्त आने पर बता देंगे कि एनसीपी(NCP)असल में किसकी है।

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पवार बनाम पवार की इस लड़ाई में अजित पवार ने चुनाव आयोग जाकर अपना दावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर ठोंक दिया(Ajit-Pawar-elected-as-NCP-National-President-Claim-Party-name-and-Symbol-in- EC)है।

इससे पहले शक्ति प्रदर्शन के वास्ते दोनों गुटों ने बुधवार को अलग-अलग बैठक बुलाई ।

एनसीपी के शरद पवार गुट ने पार्टी की बैठक दक्षिण मुंबई स्थित यशवंत राव चव्हाण केंद्र में दोपहर 1 बजे बुलाई,जबकि अजित पवार ने मुंबई के उपनगर बांद्रा स्थित मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट के परिसर में 11 बजे बैठक बुलाई।

दोनों गुटों की बैठक से स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है कि किसके साथ कितने विधायक हैं।

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा के 53 विधायक हैं और अजित पवार गुट को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों का समर्थन चाहिए।

अजित पवार गुट ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। वहीं, शरद पवार गुट ने दावा किया है कि सरकार में शामिल अजित पवार सहित केवल 9 विधायकों ने ही पाला बदला है और बाकी शरद पवार के साथ हैं।

विधायक सरोज अहिरे, प्रजाक्त तानपुरे और सुनील भुसारा के बारे में कहा जा रहा था कि वे अजित पवार के साथ हैं लेकिन उन्होंने शरद पवार से मिलकर उनके प्रति निष्ठा व्यक्त की।

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