breaking_newsअन्य ताजा खबरेंदेशदेश की अन्य ताजा खबरेंबिजनेसबिजनेस न्यूज
Trending

क्या आप भी लेने जा रहे है होम लोन? जान लें ये जरुरी बातें वर्ना पड़ेगा पछताना

होम लोन रेडी टू मूव,अंडर कंस्ट्रक्शन या फिर रिपेयरिंग या जमीन-प्लॉट के लिए भी लिया जाता है,इसलिए जरुरी है कि आप अच्छी तरह से समझ लें कि होम लोन लेते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

क्या आपका भी सपना है कि आपके सिर पर छत आपकी अपनी हो? आप भले ही काम के चलते किसी दूसरे शहर में किराएं पर रहते हो या फिर अपने ही शहर में आप अपना खुद का आशियाना बनाना चाहते हो,होम लोन(Home Loan)की जरूरत कभी न कभी हर किसी को पड़ ही जाती है।

फिर चाहे बात खुद का फ्लैट खरीदने की हो या फिर जमीन पर कंस्ट्रक्शन करवाने की या फिर घर का रेनोवेशन,इन सभी जरुरतों के लिए एक सैलरीड क्लास फैमिली को होम लोन(Loan)से अच्छा विकल्प नजर नहीं आता।

होम लोन रेडी टू मूव,अंडर कंस्ट्रक्शन या फिर रिपेयरिंग या जमीन-प्लॉट के लिए भी लिया जाता है,इसलिए जरुरी है कि आप अच्छी तरह से समझ लें कि होम लोन लेते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना (What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan)चाहिए।

ताकि आप गलती से भी बैंक(Banks)या फाइनेंस कंपनी(Finance Company)के किसी छिपे हुए क्लॉज में न फंस जाएं और सही व सरल जानकारी के माध्यम से अपना होम लोन समय रहते चुका सकें।

अगर आप भी होम लोन लेने का सोच रहे है तो आज हम इसी विषय में डिटेल से बात करेंगे और उन सभी अहम पहलूओं के बारे में आपको बताएंगे जो होम लोन लेते समय आपको ध्यान रखने(What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan)चाहिए।

 

 

 

सबसे पहले जानें कि आप कितना होम लोन ले सकते है?

होम लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का आकलन करें कि आप की कमाई कितनी है और उस हिसाब से बैंक कितना लोन दे सकते हैं।

आपकी होम लोन लेने की क्षमता उसे चुकाने की कैपेसिटी पर निर्भर करती है। यह आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी, आय में स्थिरता जैसे मसलों पर निर्भर करती है।

बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं। हर महीने आपके हाथ में जितनी अधिक रकम आएगी, आपके होम लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी। आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आमदनी का 50 फीसदी होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं।

होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है। इसके अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं।

 

 

 

 

अधिक से अधिक आप कितना होम लोन ले सकते हैं?

  • किसी मकान या फ्लैट की कीमत का 10 -20 फीसदी तक डाउन पेमेंट करना पड़ता है। यह आपका अपना योगदान होता है।
  • इसके बाद प्रॉपर्टी की वैल्यू का 80-90 फीसदी तक लोन मिल जाता है। इसमें रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर और स्टांप ड्यूटी जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं।
  • अगर कर्ज देने वाला संस्थान आपको ज्यादा रकम होम लोन के रूप में अप्रूव कर दे तब भी जरुरी नहीं कि आप सारी रकम लोन के रूप में ले लें।
  • प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपको अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करना चाहिए जिससे लोन का बोझ कम से कम रहे। होम लोन पर कर्ज देने वाला बैंक लंबी अवधि में आपसे काफी ब्याज वसूलता है, इसका ध्यान रखें।

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

हो जाएंगे बर्बाद! जो फंस गए इंस्टैंट लोन एप्स के झंझट में,SBI ने दी चेतावनी,बताएं बचने के ये तरीके

 

 

क्या होम लोन के लिए को एप्लिकेंट जरूरी है?

 

हाँ, अधिकतर केस में को-एप्लिकेंट जरुरी है। अगर प्रॉपर्टी दो लोगों के नाम से है तो उस मामले में होम लोन में भी दोनों का शामिल होना जरुरी है। अगर आप प्रॉपर्टी के मालिक हैं तो आपके परिवार का कोई भी व्यक्ति को एप्लिकेंट हो सकता है।

 

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

होम लोन के अप्रूवल के लिए कौन से कागजात चाहिए?

होम लोन के एप्लिकेशन फॉर्म में ही साथ लगाए जाने वाले डॉक्यूमेंट की चेकलिस्ट लगी होती है। इसके साथ ही आपको फोटो लगानी होती है।

घर खरीदने के क़ानूनी कागजात से लेकर बैंक आपसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप (ऑफिस से सत्यापित और खुद से अटेस्टेड) और फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है।

होम लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्युच्युअल फंड यूनिट, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं।

 

 

 

 

 

होम लोन मंजूर होना और जारी होना क्या है?

  • आपके द्वारा दिए गए कागजों के हिसाब से बैंक आपको लोन देने या नहीं देने का फैसला करते हैं। होम लोन की रकम भी इसी पर निर्भर करती है।
  • अगर बैंक ने आपका आवेदन स्वीकार कर लिया और उस हिसाब से होम लोन देने का फैसला कर लिया तो सैंक्शन लेटर में होम लोन की रकम, अवधि और ब्याज दरों आदि के बारे में जानकारी होती है। इसमें ही लोन की शर्त के बारे में जानकारी होती है।
  • जब वास्तव में आपके हाथ में लोन की रकम आ जाती है तो इसे डिस्बर्समेंट कहते हैं। यह दरअसल तकनीकी, कानूनी और वैल्युएशन संबंधी प्रक्रिया पूरी होने के बाद होता है।
  • सैंक्शन लेटर में जो अमाउंट है, आप उससे कम लोन लेने का फैसला कर सकते हैं। लोन पाते समय आपको अलॉटमेंट लेटर, टाइटल डीड की फोटोकॉपी, सेल एग्रीमेंट और इंकम्ब्रेन्स सर्टिफिकेट देना पड़ता है।
  • आपके हाथ में जिस दिन लोन की रकम आई, उस दिन से ही उस पर ब्याज लगता है।

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

 

होम लोन की रकम आपके हाथ में किस तरह आएगी?

होम लोन एकमुश्त या किस्त में आपको दी जाती है। इसमें अधिक से अधिक तीन किस्त हो सकती है। अंदर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम कंस्ट्रक्शन की प्रगति के हिसाब से दी जाती है।

इस तरह की प्रॉपर्टी के मामले में आप कर्ज देने वाले बैंक से यह एग्रीमेंट कर सकते हैं जहां कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाएगी। रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है।

 

 

घर बैठें सिर्फ 3 मिनट में मिल जाएगा हजारों का लोन..! वो भी बिना किसी डॉक्यूमेंट के.!! जानियें कैसे

 

 

 

होम लोन पर ब्याज दरों के क्या विकल्प हैं?

होम लोन पर ब्याज दरें फिक्स्ड या फ्लेक्सिबल हो सकती है। फिक्स्ड में ब्याज दरें पहले ही तय हो जाती हैं और फ्लेक्सिबल में यह बदलती रहती है।

 

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

 

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स आधिरित लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) क्या हैं?

  • होम लोन पर ब्याज दरें तय करने के लिए यह बैंकों द्वारा ईजाद किया गया एक नया तरीका है। पहले बैंक बेस रेट पर आधारित तरीके से ब्याज दरें तय करते थे। अब सिर्फ एमसीएलआर पर आधारित दर पर लोन मिलता है।
  • एमसीएलआर मोड में बैंक एक दिन, एक महीना, तीन महीने या छह महीने, एक साल, तीन साल के लिए एमसीएलआर रेट हर महीने तय करते हैं। इसके बाद इसमें बैंक स्प्रेड कंपोनेंट जोड़कर ब्याज दर तय करते हैं।
  • मसलन एक साल के लिए किसी बैंक का एमसीएलआर रेट 8 फीसदी है और उसका स्प्रेड 0 ।5 फीसदी है तो वास्तव में लोन पर ब्याज दर 8 ।5 फीसदी होगी।
  • एमसीएलआर आधारित ब्याज दरों के मामले में बैंक एक साल में इसे रीसेट कर सकते हैं।
  • घटते ब्याज दरों के इस दौर में तिमाही, छमाही रिसेट ऑप्शन बेहतर है, जिस पर आपका बैंक तैयार हो जाये। अगर ब्याज दरें बढ़ने लगती हैं तो इस मामले में आपको नुकसान हो सकता है।

 

 

 

 

बेस रेट क्या है और क्या करें अगर आपका होम लोन इससे लिंक्ड है

एक जुलाई 2010 (लेकिन 1 अप्रैल 2016 के पहले ) के बाद लिए गए सभी होम लोन बेस रेट से लिंक्ड हैं। इस मामले में बैंकों को यह आजादी है कि वे कॉस्ट ऑफ फंड्स की गणना औसत फंड कोस्ट के हिसाब से करें या एमसीएलआर के हिसाब से करें।

 

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

होम लोन में क्या कॉस्ट शामिल हैं?

    • जब आप होम लोन लेते हैं तो सिर्फ लोन की किस्त नहीं चुकाते। यह हालांकि हर मामले में लागू नहीं होता, लेकिन इसके साथ कई खर्च शामिल हैं।
    • लोन अमाउंट का एक फीसदी तक प्रोसेसिंग चार्ज हो सकता है, जिसे कई बार बैंक माफ कर देते हैं। ज्यादा महंगी प्रॉपर्टी के मामले में दो वैल्युएशन की जाती है और निचले वैल्युएशन पर लोन सैंक्शन किया जाता है।
    • इसे कर्ज देने वाले बैंक टेक्निकल इवैल्युएशन फी कहते हैं। कर्ज देने वाले बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति के कागजात चेक करने के लिए दूसरी फर्म को नियुक्त करते हैं। इसका भी खर्च प्रोसेसिंग फी में शामिल होता है, कुछ इसे अलग से चार्ज करते हैं।

 

 

 

 

 

होम लोन की मासिक किस्त क्या है?


हर महीने आप बैंक को जो रकम चुकाते हैं, उसमें ब्याज और मूलधन दोनों होता है, इसे ही इक्वल मंथली इन्स्टालमेन्ट या इएमआई कहा जाता है।

 

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

होम लोन रीपे कैसे किया जा सकता है?


बैंक को होम लोन चुकाने के कई तरीके हैं। लोन की बकाया रकम बैंक को इलेक्ट्रॉनिक क्लियरेंस सिस्टम (इसीएस) से चुकाई जा सकती है, आप अपने नियोक्ता से यह रकम वेतन से काटकर सीधे बैंक को चुकाने को कह सकते हैं या सैलरी एकाउंट से पोस्ट डेटेटड चेक दे सकते हैं।

 

 

क्या आप भी Online Loan Fraud का हुए है शिकार..! तुरंत करें यह काम

 

 

 

 

होम लोन की रकम में बदलाव कैसे होता है?


हर महीने आप जो किस्त चुकाते हैं उसमें ब्याज के साथ मूलधन भी होता है। यह मूलधन आपके वास्तविक मूलधन से घटा दिया जाता है। वास्तव में हर महीने आपके ब्याज की रकम कम और मूलधन की रकम बढ़ती जाती है। अधिकतर बैंक मंथली रिड्यूसिंग बैलेंस आधारित अप्रोच अपनाते हैं।

 

 

SBI ग्राहक कृप्या ध्यान दें,आप लोन रिस्ट्रक्चर का फायदा ले सकते है या नहीं, करें चेक

 

 

समय से पहले आप होम लोन बंद कर सकते हैं?

आपने जिस अवधि के लिए होम लोन लिया है, उससे पहले भी इसे बंद कर सकते हैं। अगर आप फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट में हैं तो इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता, जबकि फिक्स्ड रेट में बैंक चार्ज लगा सकते हैं।

 

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

 

होम लोन का पार्ट प्री पेमेंट क्या है?

नियमित किस्त के अलावा जब आप कोई रकम होम लोन अकाउंट में जमा करते हैं तो यह पार्शियल पेमेंट होता है। यह आपके मूलधन की रकम को घटा देता है, जिससे आपकी किस्त की रकम में ब्याज का कंपोनेंट कम हो जाता है।

इससे आपके होम लोन की अवधि घट सकती है, और वास्तव में आप ब्याज के रूप में चुकाई जाने वाली रकम बचाते हैं।

 

 

 

 

 

क्या हर साल चुकाए गए किस्त के लिए बैंक दस्तावेज जारी करते हैं?


हर साल बैंक आपको इस तरह का डॉक्यूमेंट भेजते हैं। इस स्टेटमेंट से आपको होम लोन के बारे में जानने में मदद मिलती है। बहुत से बैंक इसे ऑनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा भी देते हैं।

 

 

 

 

 

होम लोन के लिए इंश्योरेंस लेना चाहिए?

यह हमेशा बेहतर है कि आप इस होम लोन के जोखिम को कवर करें। किसी वजह से आपके नहीं रहने की हालत में यह आपके परिवार के लिए बड़ी राहत हो सकती है।

आप इसके लिए प्योर टर्म प्लान ले सकते हैं या मोरगेज इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं। इस तरह के प्लान में सिंगल और रेगुलर प्रीमियम दोनों विकल्प मौजूद हैं।

 

What-should-you-keep-in-mind-while-taking-a-home-loan

 

 

 

 

लोन लेने से पहले प्री-पेमेंट पेनल्टी के बारे में भी जरूर जानकारी ले 

दरअसल कई बैंक समय से पहले लोन अदा करने पर पेनल्टी लगाते हैं। ऐसे में बैंकों से इस बारे में पूरी डिटेल ले लें, क्योंकि समय से पहले लोन अदा करने पर बैंकों को उम्मीद के मुताबिक कम ब्याज मिलता है।

ऐसे में उनकी ओर से कुछ टर्म एडं कंडीशन लगाए जाते हैं। इसलिए होम लोन लेते वक्त इस बारे में पूरी जानकारी पहले जरूर जान लें।

 

अब सभी तरह के लोन होंगे महंगे,RBI ने रेपो रेट 40 फीसदी,CRR 50 फीसदी बढ़ाया

 

(इनपुट ET और एजेंसी से भी)

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button