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महामारी में महिलायें पुरुषों के मुकाबले ज्यादा जीवित रहती है..!

जानें आखिर क्यों पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा समय तक रहती है जिंदा?

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नई दिल्ली (समयधारा) : दोस्तों इस समय देश में कोरोना जैसी महामारी फैली है,
पूरे विश्व भर में इस महामारी ने 10 लाख से भी ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है l
व कई हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए है l दिन ब दिन यह आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है l 
क्या आपको पता है की महिलायें पुरुषों के मुकाबले ज्यादा समय तक ज़िंदा रहती है l
हाँ यह बिलकुल सच बात है l  महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले रोग प्रतिरोध क्षमता कही ज्यादा होती है l
समाज में खासकर भारतीय समाज में यह आम धारणा है की पुरुषों के मुकाबले महिलायें कम्जोर्र होती है l  
पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक मजबूत हैं और अपने पुरुष समकक्षों के मुकाबले ज्यादा दिन जीवित रहती हैं।
पिछले दिनों एक शोध में यह खुलासा हुआ है, जो अब तक की इस धारणा को चुनौती देता है कि महिलाएं कमजोर होती हैं।
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निष्कर्ष यह भी दर्शाते हैं कि महिलाएं न सिर्फ आमतौर पर पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं,
बल्कि खराब परिस्थितियों जैसे महामारी, अकाल में भी उनके जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है।
महिलाओं की जीवन प्रत्याशा इसलिए ज्यादा होती है,
क्योंकि प्रतिकूल परिस्थिति में नवजात बालकों की अपेक्षा नवजात बालकिाओं के जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है।
हालांकि, जब मृत्यु दर दोनों लिंगों के लिए ज्यादा थी,
तब भी महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा औसतन छह महीने से लेकर लगभग चार साल तक ज्यादा जीवित रहती थी।
शोध में बताया गया है कि महिलाओं को यह लाभ ज्यादातर जैविक तथ्यों के चलते मिलता है,
जैसे अनुवांशिकी या हार्मोन खासकर एस्ट्रोजेन, जो संक्रामक बीमारियों के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
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अमेरिका के डरहम में ड्यूक यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर वर्जीनिया जारुली के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने कहा,
“हमारे परिणाम जीवित रहने में लिंग भिन्नता की पहेली में एक और अध्याय जोड़ते हैं।”
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के जर्नल प्रोसिडिंग में प्रकाशित शोध की टीम ने मृत्यु दर आंकड़े का विश्लेषण किया था।
(इनपुट समयधारा के पुराने पन्नो से)

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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