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नई दिल्ली (समयधारा) =:भारत-चीन के बीच सीमा विवाद व भारतीय सैनिकों की शहादत के बदले l
भारत ने चीन के 51 एप व उसके बाद 48 अन्य एप पर बैन लगा दिया था l इस बैन में Tik Tok जैसे प्रसिद्द एप भी थी l
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार देश में प्रतिबंधित चाइनीज शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक (Tiktok) भारत दोबारा आने के लिए बेताब है।
अपने भारतीय कारोबार को बेचने के लिए टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस (Bytedance) ने मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) से संपर्क किया है।
एक रिपोर्ट में दावा किया गाया है कि इस संबंध में दोनों कंपनियों के बीच जुलाई के अंत में बातचीत शुरू हुई थी।
दोनों कंपनियां अभी किसी भी फाइनल नतीजे पर नहीं पहुंची हैं। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टिकटॉक खरीदने की अटकलों को सिर्फ अफवाह बताया है।
इस रिपोर्ट में रिलायंस-टिकटॉक डील की जानकारी रखने वाले 6 सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि रिलायंस समूह टिकटॉक में निवेश की संभावनओं पर विचार कर रहा है।
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सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अभी टिकटॉक में निवेश से लाभ और हानि का आकलन कर रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने रिलायंस के अधिकारियों से संपर्क किया था।
इस दौरान उन्होंने रिलायंस को टिकटॉक की भारतीय यूनिट में निवेश का प्रस्ताव दिया।
इस ऑफर के बाद से ही रिलायंस की टेलिकॉम यूनिट रिलायंस जियो की टीम इस पर विचार कर रही है कि,
क्या इस मौके पर टिकटॉक में निवेश करना सही रहेगा। हालांकि, इस संबंध में बातचीत अभी शुरुआती दौर में है।
रिलायंस की ओर से टिकटॉक में निवेश किए जाने पर विचार करने की यह खबर ऐसे समय में आई है,
जब अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने पर विचार कर रही है।
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इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 सितंबर तक का वक्त दिया है। यदि बाइटडांस 15 सितंबर तक कोई सौदा नहीं कर पाती है
तो टिकटॉक पर लगाया गया बैन लागू हो जाएगा। इस बीच पिछले सप्ताह यह खबर भी आई थी कि,
टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए ट्विटर भी बाइटडांस से बातचीत कर रही है।
एक तरफ जहां टिकटॉक के भारतीय कारोबार की वैल्यू 3 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।
वहीं, टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार की वैल्यू 30 बिलियन डॉलर के करीब बताई जा रही है।
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गौरतलब है कि गलवान घाटी में 20 भारतीय सानिकों की शहादत के बाद भारत में 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया गया था।
इनमें टिकटॉक के अलावा यूसी ब्राउजर, शेयर इट, हैलो, लाइक, कैम स्कैनर, शीन क्वाई जैसे कई ऐप शामिल हैं।
भारत ने अपने फैसले के पीछे संप्रभुता, सुरक्षा और निजता का हवाला देते हुए बैन की बात कही थी।
TikTok पर चीन की सरकार के साथ यूजर के डाटा शेयर करने का आरोप कई देश लगाते रहे हैं।
इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में भी चीन के 47 ऐप पर बैन लगाया था।
इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन थे। भारत अब तक चीन के 106 ऐप्स पर बैन लगा चुका है।
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