Google Doodle:गूगल ने शानदार डूडल के साथ सुभद्रा कुमारी चौहान को किया याद

सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी कविता कालजयी है जोकि वीर रस से परिपूर्ण है और झांसी की रानी की बहादुरी,त्याग-समर्पण और आत्मसम्मान को दर्शती है।

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नई दिल्ली: हम सभी बचपन से एक कविता…’बुंदेले हर बोलो के मुंह से हमने सुनी कहानी थी…खूब लड़ी मर्दानी… वो तो ‘झांसी वाली रानी थी’…सुनकर बड़े हुए है।

इसकी रचनाकार है हिंदी की लोकप्रिय कवियत्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान'(subhadra-kumari-chauhan)और गूगल(Google)ने आज,16 अगस्त को सुभद्रा कुमारी चौहान के 117वें जन्मदिवस पर उनकी याद में एक शानदार डूडल(Doodle) बनाया है।

कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 को हुआ था।

गूगल ने सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्मदिन सेलिब्रेट करने के लिए Subhadra Kumari Chauhan’s 117th Birthday नाम से बहुत ही प्यारा डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया है।

सुभद्रा कुमारी चौहान के 117वें जन्मदिवस पर गूगल-डूडल

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गौरतलब है कि सुभद्रा कुमारी चौहान को भारतीय स्वाधीनता संग्राम की पहली महिला सत्याग्रही (Google doodles India’s first woman satyagrahi Subhadra Kumari Chauhan) के तौर पर भी जाना जाता है।

सुभद्रा कुमारी चौहान के गूगल-डूडल को न्यूजीलैंड की कलाकार प्रभा मल्या ने निर्मित किया है।

देश में बच्चे-बच्चे की याद में आज भी स्थित कविता ‘झांसी की रानी (Jhansi Ki Rani)’ को लिखने के लिए सुभद्रा कुमारी चौहान को पहचाना जाता है।

सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी कविता कालजयी है जोकि वीर रस से परिपूर्ण है और झांसी की रानी की बहादुरी,त्याग-समर्पण और आत्मसम्मान को दर्शती है।

पढ़िये सुभद्रा कुमारी चौहान रचित ‘झांसी की रानी’ कविता की कुछ पंक्तियां

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हिंदी कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान(Hindi Writer Subhadra Kumari Chauhan)द्वारा रचित कविता झांसी की रानी (Jhani Ki Rani) की कुछ पंक्तियां नीचे हम पेश कर रहे हैं, आप पूरी कविता पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें (झांसी की रानी)

सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में भी आयी फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की क़ीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन् सत्तावन में
वह तलवार पुरानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुँह
हमने सुनी कहानी थी।
ख़ूब लड़ी मर्दानी वह तो
झाँसी वाली रानी थी॥
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रानी लक्ष्मीबाई उर्फ ‘झांसी की रानी’ पर बन चुकी है बॉलिवुड में भी फिल्में

सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) ने जिस बेहतरीन तरीके से झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का चित्रण अपनी कविता में किया है,उसी तरह कई बॉलीवुड फिल्मों में भी झांसी की रानी की वीरता को संजोया गया है।

रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को बॉलिवुड(Bollywood) में पहली बार 1953 में फिल्म के रूप में दिखाया गया था।

इसका निर्देश सोहराब मोदी ने किया था  और झांसी की रानी उनकी पत्नी मेहताब बनी थीं।

इसके बाद वर्ष 2019 में रिलीज हुई फिल्म ‘मणिकर्णिका’ का नाम लिया जा सकता है। इस फिल्म में कंगना रनौत ने झांसी की रानी का किरदार निभाया था।

हालांकि टीवी सीरियल्स में भी कई बार झांसी की रानी को दिखाया गया है।

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Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।