नई दिल्ली:ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected-भारत का चांद मिशन(India’s moon mission)चंद्रयान-3(Chandrayaan-3)चांद के बहुत करीब पहुंच गया है और अब उम्मीद जताई जा रही है कि चंद्रयान-3 चांद की सतह पर 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट पर सफलतापूर्वक उतर(ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected)जाएंगा।
यह दावा रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO)ने किया।
रविवार को ही रूस(Russia)का 47 साल बाद किया गया मून मिशन फेल(Russian Moon Mission Crash) हो गया।
रविवार को रूसी लूना-25 अंतरिक्ष यान के दुर्घटनाग्रस्त(Russian Luna-25 crashes)होने के बाद, चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान बन सकता(Chandrayaan-3 might be first to land on Moon’s south)है।
इसरो(ISRO)ने कहा कि चांद की सतह पर पहुंचने के लिए लैंडर मॉड्यूल सर्वप्रथम अंदरूनी जांच प्रक्रिया को पार करेगा।
इसरो ने कहा कि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद(ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected)है.
इससे पहले, इसरो ने कहा था कि मॉड्यूल 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
इसरो ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर रविवार तड़के एक पोस्ट में कहा, ‘‘दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग (धीमा करने की प्रक्रिया) अभियान में लैंडर मॉड्यूल सफलतापूर्वक कक्षा में और नीचे आ गया है.
मॉड्यूल अब आंतरिक जांच प्रक्रिया से गुजरेगा और निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करेगा.”
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन(Chandrayaan-3 Mission)के जरिये अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करेगा.
इसने कहा कि यह उपलब्धि भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, और उद्योग की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है जो अंतरिक्ष अन्वेषण में राष्ट्र की प्रगति को प्रदर्शित करता है.
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चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण 23 अगस्त टीवी पर
इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम का टेलीविजन पर 23 अगस्त को सीधा प्रसारण किया जाएगा, जो इसरो की वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज, और डीडी (दूरदर्शन) नेशनल टीवी चैनल सहित कई मंचों पर पांच बजकर 27 मिनट से शुरू(ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected)होगा.
इसरो ने कहा, ‘‘चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग एक ऐतिहासिक क्षण है जो न केवल उत्सुकता बढ़ाएगा, बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण की भावना भी उत्पन्न करेगा.”
इसरो ने कहा कि इसके आलोक में देश भर में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों और शिक्षकों के बीच इसे सक्रियता से प्रचारित करने के लिए आमंत्रित किया गया है, तथा चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का परिसरों में सीधा प्रसारण आयोजित किया(ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected)जाएगा.
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल 14 जुलाई को मिशन की शुरुआत होने के 35 दिन बाद बृहस्पतिवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे.
इसरो के सूत्रों ने पूर्व में कहा था कि प्रणोदन मॉड्यूल से अलग हुए लैंडर को एक ऐसी कक्षा में लाने के लिए ‘डीबूस्ट’ (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजारा जाएगा, जहां पेरिल्यून (चंद्रमा से कक्षा का निकटतम बिंदु) 30 किलोमीटर और अपोल्यून (चंद्रमा से सबसे दूर का बिंदु) 100 किमी की दूरी पर होगा, जहां से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया जाएगा. उस दौरान, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की कोशिश की(ISRO-claim-Chandrayaan-3-soft-landing-on-Moon-23rd-August-expected)जाएगी.
पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 का प्रवेश
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कवायद से पहले इसे छह, नौ, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्रमा की सतह के नजदीक आ सके।
इससे पहले,14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था।
गत एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर भेजा गया।
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(इनपुट एनडीटीवी खबर से भी)