चंदा मामा-2 मिशन आज रात करेगा कूच…ISRO ने की तैयारियां पूरी
चंद्रयान 2 में महिला शक्ति ! की भी बड़ी भूमिका, 15 जुलाई 2.51am पर होगा लांच

ISRO Mission Chandrayaan-2 tobe Launched on 15-July-2019
नई दिल्ली, 14 जुलाई (समयधारा) : इंडिया अपने सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 को आज रात करीब
2.51(सोमवार तडके 2.51am) को लांच करने जा रहा है l चंद्रयान-1 2008 में लांच किया था,
भारत अब चंद्रयान 2 को लांच कर एक नया इतिहास रचेगा l
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन डॉक्टर के. सिवन ने शनिवार को बताया कि
हम 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे अपने सबसे प्रतिष्ठित मिशन चन्द्रयान-2 को लॉन्च करने जा रहे हैं।
मिशन के लिए भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV MK-3 का इस्तेमाल होगा।
सफल लॉन्चिंग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के लैंड करने में करीब 2 महीने का वक्त लगेगा।
मिशन सफल रहा तो चंद्रयान-2 के 6 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है।
चंद्रयान-2 मिशन की खास बात यह है कि इस बार यह चांद की सतह पर उतरेगा।
भारत : ISRO का टारगेट 2019 में 32 अंतरिक्ष अभियान
ISRO Mission Chandrayaan-2 tobe Launched on 15-July-2019
2008 में लॉन्च हुआ चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया जरूर था लेकिन वह चंद्रमा पर उतरा नहीं था।
उसे चांद की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित कक्षा में स्थापित किया गया था।
चंद्रयान-2 मिशन पर कुल 978 करोड़ रुपये की लागत आई है।

करीब एक दशक पहले चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी की खोज की थी, जो बड़ी उपलब्धि थी।
यही वजह है कि भारत ने दूसरे मून मिशन की तैयारी की।
चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा जहां उम्मीद है कि बहुतायत में पानी मौजूद हो सकता है।
चंदा मामा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पानी के प्रसार और मात्रा का निर्धारण l
चंदा मामा के मौसम, खनिजों और उसकी सतह पर फैले रासायनिक तत्वों का अध्ययन l
चंदामामा की सतह की मिट्टी के तत्वों का अध्ययन l
हिलियम-3 गैस की संभावना तलाशेगा जो भविष्य में ऊर्जा का बड़ा स्रोत हो सकता है l
ISRO Mission Chandrayaan-2 tobe Launched on 15-July-2019
लॉन्च के बाद धरती की कक्षा से निकलकर चंद्रयान-2 रॉकेट से अलग हो जाएगा।
रॉकेट अंतरिक्ष में नष्ट हो जाएगा और चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।
ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा का चक्कर लगाना शुरू कर देगा। उसके बाद लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरेगा।
यान को उतरने में लगभग 15 मिनट लगेंगे और तकनीकी रूप से यह लम्हा बहुत मुश्किल और चुनौतीपूर्ण होगा
क्योंकि भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया है। लैंडिंग के बाद लैंडर का का दरवाजा खुलेगा और वह रोवर को रिलीज करेगा।
रोवर के निकलने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा।
इसके 15 मिनट के अंदर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
ISRO Mission Chandrayaan-2 tobe Launched on 15-July-2019
चंद्रयान 2 में महिला शक्ति ! की भी एक बड़ी भूमिका है l
इसरो बड़े गर्व से कहता है कि हमारे यहाँ 30 फीसदी से भी ज्यादा महिला वैज्ञानिक/कर्मचारी/इंजिनियर काम करती है l
इस मिशन में भारत की अंतरिक्ष में ताकत का एक और नमूना दुनिया देखेगा l
वही भारत इस मिशन के द्वारा अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने को तैयार है l
इस मिशन की सफलता से भारत के आगे के सारे मिशन के रास्ते साफ़ हो जायेंगे l खासकर मंगल को लेकर l
(इनपुट एजेंसी व सोशल मीडिया से भी)