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Breaking:Maharashtra Crisis:आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली,कहा-बागियों पर फिलहाल फैसला न लें स्पीकर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोग्यता के फैसले पर अभी स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। दोनों गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फिलहाल कोर्ट का फैसला आने तक स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगाई गई है।

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नई दिल्ली:महाराष्ट्र के सियासी संकट(Maharashtra Political Crisis)पर आज, 11 जुलाई 2022 सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई को टाल दिया(Maharashtra-Political-Crisis-Supreme-court-hearing-postponed)है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोग्यता के फैसले पर अभी स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं(Speaker-cant-decide-disqualification-of-rebel-MLAs-until-court-verdict)करेंगे।

दोनों गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फिलहाल कोर्ट का फैसला आने तक स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगाई गई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र संकट के लिए एक नई बेंच का गठन किया जाएगा और तभी सुनवाई होगी।

फिलहाल यथास्थिति बनी रहेगी। यानि आज सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के सियासी संकट पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया (Maharashtra-Political-Crisis-Supreme-court-hearing-postponed-says-Speaker-cant-decide-disqualification)है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)में महाराष्ट्र के सियासी संकट से जुड़ी दोनों खेमों की याचिकाओं पर आज सुनवाई होनी थी।

एक ओर शिवसेना के बागी मंत्री और अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde)सहित बागी विधायकों को मिले डिप्टी स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर सुनवाई होनी(Supreme-court-hearing-today-over-Uddhv-Thackeray-shiv Sena-rebel-MLAs-disqualification-notice)थी,

तो दूसरी ओर शिवसेना(ShivSena)प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)द्वारा राज्यपाल के नई सरकार बनाने के न्यौते(Governor decision)पर दायर याचिका पर आज सुनवाई होनी है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट(Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray)दोनों की ओर से कई याचिकाएं दायर की गई है,जिनपर आज सुनवाई संभव है।

दरअसल, शिवसेना(ShivSena) के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath-Shinde)और बागी विधायकों की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर सोमवार 27 जून को सुनवाई हुई थी।

शिंदे गुट जान का खतरा बता और डिप्टी स्पीकर के नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट(Maharashtra-Political-Crisis-Eknath-Shinde-group-reached-SC-said-life-threat)पहुंचा।

उन्होंने दलील दी है कि डिप्टी स्पीकर का नोटिस असंवैधानिक है।

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सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर,केंद्र सरकार और कई अन्य लोगों को नोटिस भेज दिया।

अब इस मामले की अगली सुनवाई आज यानि 11 जुलाई को होनी है। दो जजों की बेंच ने शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई की है।

दरअसल,शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ याचिका दाखिल की है और कहा है कि उन्हें बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है। डिप्टी स्पीकर का नोटिस असंवैधानिक है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)ने शिंदे गुट से पूछा कि आप बॉम्बे हाईकोर्ट(Bombay High court)क्यों नहीं गए।

इस पर शिंदे गुट(Eknath Shinde)के वकील नीरज किशन कौल ने शिंदे गुट का पक्ष रखते हुए कहा कि बागी विधायकों की जान को खतरा है।

जस्टिस सूर्यकांत ने शिंदे गुट से पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। कौल ने कहा कि हमारे पास 39 विधायक है। सरकार अल्पमत में है। हमे धमकी दी जा रही है ।

हमारी संपत्ति जलाई जा रही है । बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के लिए माहौल नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी डिप्टी स्पीकर ने सिर्फ नोटिस जारी किया है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर और केंद्र सरकार दोनों को नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में सभी पक्षों को अपनी बात कहने का मौका देंगे। 11जुलाई को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।

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हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं न कहीं शिंदे गुट को राहत प्रदान कर दी है। चूंकि अब बागी विधायकों को आज शाम तक महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को जवाब देने की बाध्यता फिलहाल नहीं रही।

नतीजा उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई भी अधर में लटक गई,जोकि शिंदे गुट चाहता था।

वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने भी महाराष्ट्र राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी,जिसपर आज सुनवाई होनी है।

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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अगर उद्धव ठाकरे के पक्ष में गई तो महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा फिर एक बार बदल सकती है।

वहीं, अगर कोर्ट ने शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाया तो सरकार के साथ-साथ उद्धव ठाकरे के हाथ से पार्टी सिंबल भी जा सकती है।

 

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महाराष्ट्र संकट से जुड़ी अहम बातें:

 

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-उद्धव ठाकरे खेमा ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी आज सुप्रीम कोर्ट में इस बात का जिक्र करेंगे. उद्धव खेमे का कहना है कि 4 न्यायिक आदेशों के बावजूद पहले का मामला 11 जुलाई को सूचीबद्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र के सभी मामलों की सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

 

 

-महाराष्ट्र राजनीतिक संकट की याचिकाओं को सोमवार को सुनवाई होनी है. न्यायाधीशों ने अंतिम सप्ताह में दोनों गुटों की तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि 11 जुलाई की तारीख होगी.

 

 

 

-महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर दायर याचिकाओं के एक बैच पर आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले, रविवार को शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु और डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल सहित शिवसेना गुट के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है.

 

 

 

 

-डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस को जायज ठहराया और कहा है कि उन्हें जवाब देने के लिए उचित समय दिया गया है.

 

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-डिप्टी स्पीकर ने यह भी कहा है कि विधायकों द्वारा उन्हें हटाने का नोटिस अमान्य था. दरअसल, बागी गुट के विधायकों ने नोटिस जारी होने के बाद उन्हें हटाने के लिए याचिका दाखिल कर दी थी. 

 

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-दूसरी ओर, मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि “दलबदल को पुरस्कृत करने का इससे कोई बेहतर तरीका नहीं है कि वह अपने नेता को मुख्यमंत्री का पद प्रदान करें” और अदालत से निर्देश मांगा है ताकि बागी विधायकों को तब तक निलंबित किया जाए जब तक कि अयोग्यता की कार्यवाही पूरी न हो जाए. 

 

 

 

 

 

 

 

 

-बता दें कि शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. इस कारण राज्य में सियासी संकट आ गया. हफ्ते भर से अधिक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली. 

 

 

 

 

 

 

 

-पार्टी से बगावत के बाद बनी सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री.हालांकि, नई सरकार के गठन को उद्धव खेमे ने चुनौती दी, जिसके बाद विधानसभा में एकनाथ शिंदे को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा. फ्लोर टेस्ट में उन्होंने सफलता हासिल की. 

 

 

 

 

 

 

-हालांकि, उद्धव खेमे ने राष्ट्रपति को पूरे घटनाक्रम का जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि बागी विधायकों से संबंधित मामला कोर्ट में लंबित है ऐसे में उन्होंने एकनाथ शिंदे के सरकार बनाने का न्योता किस प्रकार दे दिया. 

 

 

 

 

 

-इस मामले में उद्धव खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसके अतिरिक्त नए स्पीकर राहुल नार्वेकर ने जो पद संभालते ही शिवसेना में बदलाव किए उससे संबंधित एक मामला भी कोर्ट में लंबित है, जिस पर आज सुनवाई होनी है. 

 

 

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