Sunita-Williams-Return-NASA-Crew-10-Arrives-At-International-Space-Station-Spacex-NTC
वॉशिंगटन: आखिरकार भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी तय हो गयी l अगर सब कुछ सही रहा तो वह 19 मार्च को अंतरिक्ष से वापसी करेगी l
उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष में नौ महीने से फंसे अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर को वापस लाने के लिए नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का क्रू-10 मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया हैl
नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से Falcon 9 रॉकेट के जरिए Dragon स्पेसक्राफ्ट पर Crew-10 मिशन को लॉन्च किया गया थाl
इस क्रू में चार अतंरिक्षयात्री शामिल हैं, जिसमें अमेरिका के दो और जापान के साथ-साथ रूस के भी अंतरिक्षयात्री सवार हैंl
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थोड़ी देर में क्रू-10 के अंतरिक्षयात्री डॉकिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगेl बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिलचस्पी हैl
उन्होंने स्पेस एक्स के मालिक एलॉन मस्क को भी इसकी जिम्मेदारी दी हैl ट्रंप ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि बाइडेन ने सुनीता और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में ही छोड़ दिया हैl
इसके बाद मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस दिशा में काम शुरू किया था लेकिन तकनीकी कारणों से 15 मार्च को क्रू-10 की लॉन्चिंग टल गई थी,
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जिसे बाद में लॉन्च किया गयाl मालूम हो कि क्रू-10 स्पेस एक्स के मानव अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली का 10वां क्रू रोटेशन मिशन हैl यह नासा और स्पेस एक्स का संयुक्त मिशन हैl
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर पिछले साल 5 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गई थीl उन्हें एक हफ्ते बाद वापस लौटना था,
लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में गड़बड़ी की वजह से वो वहां पर फंस गईंl
दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर स्पेस गए थेl इसके बाद उन्हें वापस लाने की कई कोशिशें हो रही हैंl
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने शुक्रवार को एक नया क्रू अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना किया,
जिससे वहां फंसे दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की नौ महीने बाद वापसी का रास्ता साफ हो गया।
नासा ने कहा था कि क्रू-10 मिशन शुक्रवार को सफलता पूर्वक लॉन्च हो गया है l
अब अंतरिक्ष यात्री विलियम्स और विल्मोर को लेकर क्रू-9 मिशन के बुधवार (19 मार्च) को आईएसएस से प्रस्थान करने की उम्मीद है।
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो के यूक्लिड में हुआ था।
उनके पिता, दीपक पाण्डया, भारतीय मूल के थे और उनकी माता, बोनी पाण्डया, स्लोवेनियाई मूल की थीं। सुनीता की परवरिश मैसाचुसेट्स के नेधम में हुई थी।
शिक्षा और प्रारंभिक करियर
सुनीता ने 1983 में नेधम हाई स्कूल से स्नातक किया। 1987 में उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स नेवल एकेडमी से फिजिकल साइंस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की।
इसके बाद, 1995 में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।
अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद, सुनीता ने अमेरिकी नौसेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में सेवा की। उन्होंने कई अभियानों में हिस्सा लिया और अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित की गईं।
नासा में करियर
1998 में, सुनीता को नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। उन्होंने दो अंतरिक्ष अभियानों में हिस्सा लिया है l
- STS-116 मिशन (दिसंबर 2006 – जून 2007): इस मिशन के दौरान, सुनीता ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 195 दिनों तक रहकर एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने इस मिशन में कुल 4 स्पेसवॉक किए, जो कुल मिलाकर 29 घंटे और 17 मिनट के थे।
- एक्सपेडिशन 32/33 (जुलाई 2012 – नवंबर 2012): इस मिशन में, सुनीता ने ISS की कमांडर के रूप में सेवा की। उन्होंने इस दौरान 3 स्पेसवॉक किए, जिससे उनके कुल स्पेसवॉक की संख्या 7 हो गई और कुल समय 50 घंटे और 40 मिनट हो गया।
कुल मिलाकर, सुनीता ने अंतरिक्ष में 322 दिनों का समय बिताया है, जो उन्हें सबसे अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से एक बनाता है।
वर्तमान स्थिति
हाल ही में, सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक मिशन के दौरान तकनीकी समस्याओं के कारण अपेक्षित समय से अधिक समय तक अंतरिक्ष में फंसे हुए है। उनकी वापसी के लिए स्पेसएक्स द्वारा एक रॉकेट लॉन्च किया गया, और 19 मार्च 2025 को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लौटने की उम्मीद है।
सुनीता विलियम्स की प्रमुख उपलब्धियां
- स्पेसवॉक में रिकॉर्ड: सुनीता ने कुल 7 स्पेसवॉक किए हैं, जो कुल मिलाकर 50 घंटे और 40 मिनट के हैं, जो एक महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक रिकॉर्ड है।
- ISS की कमांडर: वह ISS की कमांडर बनने वाली दूसरी महिला हैं।
- पुरस्कार और सम्मान: सुनीता को उनकी सेवाओं के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें नासा स्पेस फ्लाइट मेडल, नासा एक्सेप्शनल सर्विस मेडल और नेवी कमेंडेशन मेडल शामिल हैं।
व्यक्तिगत जीवन
सुनीता का विवाह माइकल जेl विलियम्स से हुआ है, जो एक संघीय पुलिस अधिकारी हैं।
उन्हें दौड़ना, तैराकी, ट्रायथलॉन, विंडसर्फिंग और साइक्लिंग जैसे खेलों में रुचि है। इसके अलावा, वह एक शौकीन पशु प्रेमी भी हैं।
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निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की कहानी प्रेरणादायक है। उनकी उपलब्धियों ने न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि उन्होंने महिलाओं के लिए नए मानदंड स्थापित किए हैं। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि समर्पण, मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सुनीता विलियम्स की उपलब्धियां और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
(इनपुट एजेंसी सोशल मीडिया सहित AI से भी)