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देश में महिलाओं के लिए जानलेवा बन रहे है सैनिटरी नैपकिन?कैंसर,ह्रदय विकारों को दे रहे जन्म

क्या हो जब आपको पता चलें कि जिस पैड का आप इस्तेमाल कर रही है वह भले ही महावारी(Menstruation)में आपको आराम दे रहा है, लेकिन उसके अंदर से कुछ ऐसे रसायन भी निकल रहे है जो महिलाओं में कैंसर(Cancer),ह्दय रोग(heart-disease),डाइबिटीज(Diabetes)और कई स्वास्थ्य समस्याओं(Health issues)के जन्म दे सकते है।

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नई दिल्ली:पीरियड्स(Periods)ज्यादातर महिलाओं के लिए काफी तकलीफदेय स्थिति होती है लेकिन प्राकृतिक नियमों के चलते प्रत्येक महिला को हर महीने इसका सामना करना ही पड़ता है।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं है और कामकाज में पीरियड बाधा न बने इसके लिए तकरीबन हर देश की हर महिला सैनिटरी नैपकिन(sanitary napkins)का इस्तेमाल करती है।

लेकिन क्या हो जब आपको पता चलें कि जिस पैड का आप इस्तेमाल कर रही है वह भले ही महावारी(Menstruation)में आपको आराम दे रहा है, लेकिन उसके अंदर से कुछ ऐसे रसायन भी निकल रहे है जो महिलाओं में कैंसर(Cancer),ह्दय रोग(heart-disease),डाइबिटीज(Diabetes)और कई स्वास्थ्य समस्याओं(Health issues)के जन्म दे सकते(sanitary napkins side effects in women)है।

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ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक स्टडी में यह बात खुलकर आई है।

जिसके बाद सवाल उठ रहे है कि देश में बिक रहे सैनिटरी नैपकिन क्या महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो रहे(Sanitary-Napkins-harmful-chemicals-can-cause-cancer-heart-disease-for-women)है?

दरअसल, दिल्ली के एक गैर  संगठन (NGO) की तरफ से कराए गए अध्ययन में सामने आए परिणाम तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं।

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इस स्टडी के मुताबिक, भारत में बिकने वाले प्रमुख सैनिटरी नैपकिन में रसायनों(chemicals) की उच्च मात्रा मिली है जो हृदय संबंधी विकार, मधुमेह और कैंसर से जुड़े होते(Sanitary-Napkins-harmful-chemicals-can-cause-cancer-heart-disease-for-women)हैं।

एनजीओ ‘टॉक्सिक लिंक’ की स्टडी में सैनिटरी नैपकिन के कुल दस नमूनों में थैलेट और अन्य परिवर्तनशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) पाए गए हैं।

इनमें बाजार में उपलब्ध छह इनऑर्गेनिक (कार्बनिक) और चार ऑर्गेनिक (अकार्बनिक) सैनिटरी पैड के नमूने थे। अध्ययन के नतीजे ‘मेंस्ट्रल वेस्ट 2022’ शीर्षक से एक रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए हैं।

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ह्दय रोग से लेकर कैंसर तक का कारण बन रहे पैड

थैलेट के संपर्क से हृदय विकार, डाइबिटीज, कुछ तरह के कैंसर और जन्म संबंधी विकार समेत विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं होने की बात कही गयी(Sanitary-Napkins-harmful-chemicals-can-cause-cancer-heart-disease-for-women)है।

वीओसी से मस्तिष्क विकार, दमा, दिव्यांगता, कुछ तरह के कैंसर आदि समस्याएं होने का खतरा होता है।

स्टडी के अनुसार ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक सभी तरह के सैनिटरी नैपकिन में उच्च मात्रा में थैलेट पाया गया।

डीआईपीबी, डीबीपी, डीआईएनपी, डीआईडीपी समेत अन्य पैथलेट्स का पता लगाने के लिए पैड्स की जांच की गई थी।

इसमें रसायनों की उच्च मात्रा से पता चला कि इसका इस्तेमाल करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता(Sanitary-Napkins-harmful-chemicals-can-cause-cancer-heart-disease-for-women)है।

महिलाएं कैसे बचें सैनिटरी नैपकिन से?
यह स्टडी यह भी बताती है कि सभी कार्बनिक पैड के नमूनों में उच्च स्तर के वीओसी मिलना हैरान करने वाला था क्योंकि अब तक माना जाता था कि ऑर्गेनिक पैड सुरक्षित होते हैं।
अध्ययन के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को ऐसे सुरक्षित उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए जो बिना किसी शारीरिक बाधा के उनकी दैनिक गतिविधियों को करने में सहायक हों।
आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में विश्वभर में इस्तेमाल करके फेंकने वाले सैनिटरी नैपकिन ज्यादा फेमस है।
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(इनपुट एजेंसी से भी)

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