श्राद्ध क्या है?
What is Shradh
श्राद्ध कर्मकांड को महालय या 'पितृपक्ष' के नाम से भी पुकारा जाता है, हिंदू धर्मानुसार, श्राद्ध शब्द 'श्रद्धा, से बना है, जिसका मतलब है-पितरों के प्रति श्रद्धा भाव
पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं,इस अवधि में पितृ अपने परिजनों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं.पितृ पक्ष के दौरान पितरों को श्रद्धा के साथ भोजन कराना,दान करना और तर्पण करने का विशेष महत्व है
भोजन और पिंडदान
वस्त्र दान दक्षिणा सहित तर्पण करना होता है.
पितृ तर्पण दिन के
3 कालों में जाता है-
कुतुप काल, रोहिण काल और अपराह्न काल कहा जाता है
-कुतुप काल में 11:36 से 12:25 बजे तक का समय होता है।
-रोहिण काल में 12:25 से 1:14 बजे तक का समय होता है।
-अपराह्न काल में 1:14 से 3:41 बजे का समय होता है।
श्राद्ध कितने प्रकार के होते है?
श्राद्ध पांच प्रकार के होते हैं जिनमें पितृपक्ष के श्राद्ध
पार्वण श्राद्ध कहलाते हैं.
इन में अपराह्न व्यापिनी
तिथि की प्रधानता है.
जिनकी मृत्यु तिथि
का ज्ञान न हो,
उनका श्राद्ध अमावस्या
को करना चाहिए.
श्राद्ध हमेशा मृत्यु होने वाले
दिन करना चाहिए