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अफगानिस्तान : आज 145 लोग भारत पहुंचे, पंजशीर पर संघर्ष जारी

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात काफी खराब हो चुके हैं, और हजारों की संख्या में लोग अफगानिस्तान से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.

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afghanistan India evacuated 145 Indians Afghan nationals taliban sent fighters to capture panjshir

नई दिल्ली (समयधारा) : भारत ने सोमवार को काबुल से 145 भारतीयों और अफगानी नागरिकों को निकाला है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात काफी खराब हो चुके हैं,

और हजारों की संख्या में लोग अफगानिस्तान से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, IndiGo 6E 1702 और Vistara UK284 से करीब 145 लोगों को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लाया गया है।

इन यात्रियों का इमिग्रेशन क्लीयरेंस और RT-PCR टेस्ट हुआ। इससे पहले रविवार को भी अफगानिस्तान से 392 लोगों को भारत लाया गया था।

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इनमें दो विधायक भी शामिल थे। इन लोगों को तीन अलग-अलग फ्लाइट से भारत लाया गया।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को कहा था कि कई बदलाव किए गए हैं ताकि अमेरिका और अफगानी सहयोग देश छोड़कर निकल सकें।

उन्होंने बताया कि इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के रुकने की डेडलाइन बढ़ा दी जाए।

अभी तक 31 अगस्त की डेडलाइन है। बाइडेन ने उम्मीद जताई कि 31 अगस्त तक अफगान में फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

पंजशीर का संघर्ष 

तालिबान ने रविवार को कहा कि उसके “सैकड़ों” लड़ाके पंजशीर घाटी की ओर जा रहे हैं। ये अफगानिस्तान का वो इलाका है,

जिस पर अभी तक तालिबानियों को कब्जा नहीं हो हुआ है और न ही अब से पहले वे कभी इस पर कब्जा कर पाए।

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जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, तब से पंजशीर में कुछ पूर्व सैनिक और अधिकारी यहां से

तालिबान के खिलाफ अपना प्लान तैयार कर रहें, क्योंकि ये घाटी शुरू से ही तालिबान के विरोधी गढ़ के रूप में जानी जाती है।

तालिबान ने अपने अरबी ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “इस्लामिक अमीरात के सैकड़ों मुजाहिदीन इसे नियंत्रित करने के लिए पंजशीर राज्य की ओर बढ़ रहे हैं,

स्थानीय राज्य के अधिकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से इस इलाके को सौंपने से इनकार कर दिया।”

तालिबान विरोधी ताकतों के एक प्रवक्ता के अनुसार, जब से राजधानी काबुल सहित तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है,

तब से हजारों लोगों ने पंजशीर में शरण ली है। अली मैसम नाजरी ने AFP को बताया कि पंजशीर में मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद,

जिनकी 11 सितंबर, 2001 के हमलों से दो दिन पहले अल-कायदा द्वारा हत्या कर दी गई थी,

उनके बेटे अहमद मसूद ने आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए लगभग 9,000 लोगों की एक सेना को इकट्ठा करने की मांग की है।

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नाज़ारी ने कहा कि समूह सरकार की एक नए सिस्टम पर जोर देना चाहता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर लड़ने के लिए तैयार है।

मसूद ने रविवार को सऊदी अरब के अल-अरबिया प्रसारक को बताया, “कई अफगान प्रांतों से सरकारी फोर्स पंजशीर आई।”

उन्होंने कहा, “तालिबान लंबे समय तक नहीं टिकेगा अगर वह इस रास्ते पर चलता रहा।

हम अफगानिस्तान की रक्षा के लिए तैयार हैं और हम उन्हें लड़ने की चेतावनी देते हैं।”

Radha Kashyap