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भारी बहुमत से पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित

मॉस्को, 19 मार्च :  रूस के मतदाताओं ने व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति के रूप में चौथे कार्यकाल को मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय चुनाव आयोग के सोमवार के आंकड़े 76.68 फीसदी वोट के साथ उनकी जीत जाहिर कर रहे हैं।

पुतिन का यह अब तक सबसे बड़ा स्कोर है। हालांकि, विपक्षी कार्यकर्ताओं ने मतदान में हेराफेरी के कई मामलों को उजागर किया है। रूस में रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन अब तक हुई मतगणना में शानदार बढ़त बनाए हुए हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग (सीईसी) ने सोमवार को यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, रविवार को हुए चुनाव में लगभग 5.55 करोड़ मतदाताओं ने पुतिन (65) के समर्थन में वोट किया, जिसने उनके लिए रास्ता बनाया। पुतिन 2024 तक देश का नेतृत्व करेंगे।

सीईसी की रपट के मुताबिक, चुनाव में मतदान 67.47 फीसदी हुआ। प्रमुख विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी पर गबन का दोष सिद्ध होने पर उन्हें चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। नवलनी ने कहा कि गबन क्रेमलिन द्वारा गढ़ा गया था।

मॉस्को में एक रैली को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि मतदाताओं ने बीते कुछ सालों की उपलब्धियों को मान्यता दी है। परिणामों की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए फिर से छह साल के लिए सरकार चलाने के सवाल पर पुतिन हंसे। उन्होंने कहा, “आप जो कह रहे हैं वह थोड़ा मजाकिया है। क्या आप सोचते हैं कि मैं यहां 100 साल का होने तक बना रहूंगा। नहीं।”

बीबीसी के मुताबिक, विश्व के नेताओं ने पुतिन के फिर से निर्वाचित होने पर बधाई दी है। लेकिन हाल के हफ्तों में रूस के साथ बढ़ते तनाव की वजह से पश्चिम के किसी नेता ने उनकी जीत पर प्रतिक्रिया नहीं की है। यह तनाव ब्रिटेन के पूर्व जासूस को जहर देने के बाद बढ़ा है, जिसके लिए ब्रिटेन सरकार रूस को जिम्मेदार मानती है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि उनके देश की रूस के साथ भागीदार इतिहास के सर्वोच्च स्तर पर है।

पुतिन को बधाई देने वाले देशों में कजाकिस्तान, बेलारूस, वेनेजुएला, बोलीविया व क्यूबा के नेता भी शामिल हैं।

हालांकि, जर्मनी के विदेश मंत्री हइको मास ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाया और कहा कि रूस एक जटिल साझेदार बना रहेगा, लेकिन उन्होंने कहा, “हम संवाद जारी रखना चाहते हैं।”

पुतिन की बड़े स्तर पर जीत की भविष्यवाणी की गई थी। उनके 2012 के मत प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पुतिन 2012 में 64 फीसदी वोट से जीते थे।

पिछला चुनाव रिकार्ड दमित्री मेदवेदेव ने 2008 में बनाया था। उन्होंने सिर्फ 70 फीसदी मतदान के साथ 5.25 करोड़ मत हासिल कर जीत दर्ज की थी।

सीईसी के मुताबिक, अभी तक की मतगणना में कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन 11.87 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। उनके बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रशिया के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्की 5.73 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। वहीं, सिविल इनीशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचक को 1.64 फीसदी वोट मिले हैं।

पुतिन के प्रचार अभियान टीम ने इसे असाधारण जीत बताया। एक प्रवक्ता ने रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स से कहा, “हमने जो प्रतिशत देखा है, वह अपने आप में बोलता है। यह पुतिन के भविष्य के फैसलों के लिए जनादेश है और उन्हें बहुत कुछ करना है।”

एलेक्सी नवलनी ने शुरुआती नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने गुस्से को काबू करने में नाकाम हैं।

यूक्रेन से अलग कर क्रीमिया को अपने नियंत्रण में करने के बाद रूस में पहली बार चुनाव हुआ है।

हालांकि, यूक्रेन में रह रहे रूसी नागरिकों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई।

–आईएएनएस

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