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Russia-Ukraine war:रूस का खतरनाक कदम,पुतिन ने परमाणु हथियारों की तैनाती का दिया आदेश,समझें परिणाम

पुतिन इन हथियारों को तैनात कर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों पर अपने दबाव को बढ़ाना चाहते हैं।

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मॉस्को:रूस की यूक्रेन के खिलाफ जंग(Russia-Ukraine-war)अब बेहद ही खतरनाक और भयावह रूप लेती दिख रही है।

प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को परमाणु हथियारों(Nuclear Weapons) की तैनाती का आदेश जारी कर दिया है और अपने परमाणु निवारक बल(Russian Nuclear Deterrent Forces)को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है।

इस कदम से रूस ने यूक्रेन के साथ अपने युद्ध को बहुत डरावना रूप दे(Russia-Ukraine-war-latest-update)दिया है।

पुतिन के इस आदेश से पूरा विश्व बहुत सकते में आ गया है।अमेरिका सहित नाटो चीफ ने रूस के इस निर्णय को बेहद भयावह करार दिया है।

कहा जा रहा है कि पुतिन ने यह कदम रूस पर लगाएं गए आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब स्वरूप और यूक्रेन द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग के आरोपों के बाद उठाया है।

अब व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संकट(Ukraine Crisis)के दौरान अब परमाणु बलों(Putin-orders-nuclear-deterrent-forces-on-High Alert) को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया  है।

आपको बता दें कि रूस के परमाणु निवारक बलों (Russia Nuclear Power) में अलग-अलग तरह के कई सामरिक हथियार शामिल हैं।

ये हथियार पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड के साथ हमला कर सकते हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल रक्षात्मक और आक्रामक रूप से किया जा सकता है।

दुनिया के हर परमाणु शक्ति संपन्न देश के पास परमाणु निवारक बल मौजूद हैं। हालांकि, इनकी तैनाती बहुत की कम देखने को मिलती है।

माना जा रहा है कि पुतिन इन हथियारों को तैनात कर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों पर अपने दबाव को बढ़ाना चाहते हैं।

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पुतिन ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिमी देश न केवल हमारे देश के खिलाफ आर्थिक क्षेत्र में दुश्मनी वाली कार्रवाई कर रहे हैं।

मैं उन नाजायज प्रतिबंधों के बारे में बात कर रहा हूं जिनसे हर कोई अच्छी तरह वाकिफ है। प्रमुख नाटो देशों के शीर्ष अधिकारी भी हमारे देश के खिलाफ आक्रामक बयान दे रहे हैं।

पुतिन का इशारा स्विफ्ट भुगतान प्रणाली की ओर था। रविवार को ही अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के प्रमुख बैंको को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर करने का ऐलान किया था।

पश्चिमी देशों के इस कदम को रूस पर आर्थिक परमाणु हमला कहा जा रहा है। इससे रूसी बैंको को अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, रूसी बैंकों को इससे बाहर जाने पर भारी नुकसान होने की आशंका भी है।

जानें क्या है स्विफ्ट सिस्टम जिसके कारण बौखला गए है पुतिन

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स्विफ्ट (SWIFT) का मतलब सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन होता है। यह एक तरह का हाई सिक्योरिटी नेटवर्क है, जिससे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन की जाती है।

इसकी स्थापना 1973 में टेलेक्स की जगह की गई थी। अब तक दुनिया के 200 से अधिक देश अपनी बैंकिंग के लिए स्विफ्ट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।

इसे ग्लोबल फाइनेंस चेन के लिए एक जरूरी तकनीक माना जाता है। स्विफ्ट को बेल्जियम में स्थित एक बोर्ड संचालित करता है। इसमें रूस के सेंट्रल काउंटरपार्टी क्लियरिंग सेंटर में मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन एडी एस्टानिन भी शामिल हैं।

यूरोप में बढ़ सकता है और ज्यादा तनाव,परमाणु हथियारों की छिड़ सकती है होड़

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रूस के परमाणु हथियारों की तैनाती के बाद यूरोप में तनाव और ज्यादा गहरा सकता है। यूरोप(Europe)में रूस के अलावा फ्रांस और ब्रिटेन के पास भी परमाणु हथियार हैं।

ये दोनों देश अमेरिका के दोस्त और नाटो(NATO) के सदस्य हैं। ऐसे में रूस के आसपास के इलाकों में ये देश भी अपने-अपने परमाणु हथियारों को तैनात कर सकते हैं।

हालांकि, संख्यात्मक रूप से बिना अमेरिका के फ्रांस और ब्रिटेन रूस का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अगर अमेरिका भी रूस के नजदीक अपने परमाणु हथियारों को तैनात करता है तो इससे भविष्य में गतिरोध और ज्यादा गंभीर हो सकता है।

 

रूस के पास कुल 4477 न्यूक्लियर हथियार

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फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार रूस के पास कुल 4477 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 2565 स्‍ट्रेटज‍िक और 1912 नॉन स्‍ट्रेजिक हथियार हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि पिछले कुछ साल से रूस अपने परमाणु बल और उसके आधारभूत ढांचे का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है।

रूस ने यूक्रेन(Ukraine) और दूसरे यूरोपीय देशों की सीमा पर पहले से ही कई परमाणु ठिकानों को बना रखा हैं। यहां तैनात लॉन्चर्स से परमाणु हथियारों तो तुरंत फायर किया जा सकता है।

ऐसा भी दावा किया गया था कि रूस के परमाणु हथियार सोवियत संघ के जमाने के न होकर काफी आधुनिक हैं।

दिसंबर 2021 में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने बताया था कि उसके परमाणु जखीरे में आधुनिक हथियारों और उपकरणों की तादाद 89.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इससे पहले साल 2020 में यह 86 प्रतिशत था।

 

इस समय विश्व के चार देशों के पास है एक्टिव परमाणु हथियार

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एफएसए की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के चार देशों के पास हमले के लिए तैयार परमाणु हथियार हैं। इस सूची में 1800 एक्टिव परमाणु हथियारों के साथ अमेरिका(U.S.) टॉप पर है।

दूसरे स्थान पर रूस(Russia) है, जिसके पास एक्टिव परमाणु हथियारों की संख्या 1600 है। तीसरे स्थान पर फ्रांस(France) और चौथे स्थान पर ब्रिटेन(Britain) है।

अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों में लगाकर अलग-अलग तैनात किया हुआ है।

अमेरिका के कुल परमाणु हथियारों की संख्या 5550 है, जिसमें से 3800 स्टॉकपीस में रखे गए हैं। इसके अलावा 1750 ऐसे हथियार हैं, जो अपनी उम्र पूरी करने के बाद निष्क्रिय पड़े हुए हैं।

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Ravi