Russia-Ukraine War:बिना खाना-पानी,भारी बर्फबारी,शून्य से नीचे के तापमान में फंसे है हजारों भारतीय छात्र,सरकार से लगाई मदद की गुहार

यूक्रेन के पिसोचिन में फंसे ये भारतीय छात्र भूखे-प्यासे है।भारी बर्फबारी के कारण बाहर निकलने के साधन भी मुहैया नहीं है।तापमान भी शून्य से नीचे जा चुका है। ऐसे में इन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि इन्हें बचा लिया जाएं।

पिसोचिन में फंसे हजारों भारतीय छात्र(तस्वीर,साभार-एनडीटीवी.कॉम)

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नई दिल्‍ली:रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग(Russia-Ukraine-War)की मार भारतीय छात्रों(Indian students) पर बुरी तरह पड़ी है।

यूक्रेन(Ukraine)के विभिन्न इलाकों में फंसे भारतीय छात्र अभी भी भारत सरकार से गुहार लगा रहे है कि उन्हें किसी भी तरह से बचाकर स्वदेश लाया(Russia-Ukraine-War-Indian-students-stuck-in-pisochyn-hungry-and-thirsty-ask-GOI-for evacuation)जाएं।

पूर्वी यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के एक समूह ने उन्हें पश्चिमी बॉर्डर पर ले जाने की अपील की ताकि वह सुरक्षित भारत में अपने घर जा सकें।

यूक्रेन के पिसोचिन (Pisochyn)में फंसे ये भारतीय छात्र भूखे-प्यासे है।भारी बर्फबारी के कारण बाहर निकलने के साधन भी मुहैया नहीं है।

तापमान भी शून्य से नीचे जा चुका है। ऐसे में इन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि इन्हें बचा लिया(Russia-Ukraine-War-Indian-students-stuck-in-pisochyn-hungry-and-thirsty-ask-GOI-for evacuation)जाएं।

भारत सरकार(GOI)की यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव को अर्जेंट छोड़ने की एडवाइजरी के बाद इन स्टूडेंट्स ने बताया है कि ये पिसोचिन (Pisochyn) में फंसे है।

यहां रूस की गोलीबारी और मिसाइलों से हमला लगातार हो रहा है। छात्रों ने बताया है कि इन्होंने दो दिन से कुछ न खाया है और न ही पिया है।

रूस की गोलीबारी से खाने-पीने के साधन कट गए है। हजारों की संख्या में यहां भारतीय छात्र फंसे है और यहां पर तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे माइनस में जा पहुंचा है।

यूक्रेन में फंसे ये भारतीय छात्र बहुत मुश्किल हालातों में है।

इन छात्रों के समूह में से एक छात्र ने वीडियो मैसेज में कहा है कि, ‘हम पिछले दो दिन से यहां बिना खाने-पानी के फंसे हुए हैं। करीब एक हजार स्‍टूडेंट यहां अटके हैं।

कांटेक्‍टर लीव जाने की बस के लिए 500 से 700 डॉलर की मांग कर रहा है। हमें दूतावास की ओर से कोई अपडेट नहीं मिला है।’ इस छात्र ने कहा, ‘हमें कहा गया था कि यदि हमें बस नहीं मिलती तो हमें पैदल रेलवे स्‍टेशन जाना चाहिए और शहर से बाहर की ट्रेन लेनी चाहिए।’

एक अन्‍य स्‍टूडेंट ने कहा, ‘लेकिन दूतावास में हमारा जिससे संपर्क हुआ, उसे हमें चलने के लिए नहीं बल्कि रुकने को कहा क्‍योंकि यह खतरनाक है। हमें समझ नहीं आ रहा,क्‍या करें? ‘

पहले छात्र ने कहा, ‘हमें विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं, कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं है।

दूतावास की ओर से कहा जाता है-हम कर रहे हैं, हम कर रहे हैं। लेकिन क्‍या? तापमान तेजी से नीचे गिरता जा रहा है, आप यहां बर्फबारी देख सकते हैं।’ दूसृरे स्‍टूडेंट ने गुहार लगाई-कृपया किसी तरह हमें घर पहुंचाइए।

भारतीय दूतावास(Indian Embassy)ने पिछले सप्‍ताह खारकीव, सुमी और कीव में भारी संघर्ष को लेकर चेतावनी जारी की थी।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सुमी में ट्रेन और बसें चलनी बंद हो गई हैं। शहर से बाहर पहुंचाने वाले रास्‍ते और ब्रिज तबाह गए हैं और यहां सड़क पर जोरदार  संघर्ष चल रहा है।

इस बीच, केंद्र सरकार ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की कोशिशें तेज कर दी(Russia-Ukraine-War-Indian-students-stuck-in-pisochyn-hungry-and-thirsty-ask-GOI-for evacuation)हैं।

सरकार ने गुरुवार को यूक्रेन के खारकीव शहर में रह रहे भारतीय नागरिकों से एक फॉर्म भरने की अपील की, ताकि निकासी के काम में तेजी लाई जा सके।

सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्‍यावहारिक तौर पर रूस के नियंत्रण में है और रूसी शहर से भारतीयों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।

 

 

(इनपुट एजेंसी से भी)

 

 

 

 

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Ravi: