श्रीलंका संकट-प्रधानमंत्री राजपक्षे को छोड़ सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
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नई दिल्ली:श्रीलंका कंगाली की कगार पर पहुंच गया है।श्रीलंका इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा(Sri-Lanka-economic-crisis)है।
श्रीलंका(Sri Lanka)में खान-पान की आवश्यक वस्तुओं की कमी हो जाने के कारण देश में हिंसा,आगजनी,सरकारी संपत्तियों में तोड़-फोड़ और प्रदर्शन जारी है।
श्रीलंका में ईंधन की किल्लत और लंबे-लंबे समय तक बिजली की दिक्कत ने आम जनता की तकलीफों को और बढ़ा दिया(Sri-Lanka-economic-crisis-Sri-Lanka-government-declares-emergency)है।
देश में बिगड़ते हालात देख राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे(Gotabaya Rajapaksa)ने आपातकाल लागू(Sri-Lanka-government-declares-emergency)कर दिया है।
जानें श्रीलंका के आर्थिक सकंट से जुड़ी अहम बातें:
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–श्रीलंका में आपातकाल 1 अप्रैल से लागू किया गया(Sri-Lanka-government-declares-emergency)है। श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक चीजों की सप्लाई को जारी रखने के लिए ये फैसला लिया गया।
-पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया और कोलंबो और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया, ताकि छिटपुट विरोध प्रदर्शनों को रोका जा सके।
-श्रीलंका की आम लोगों को लगता है कि देश की आर्थिक बदहाली के लिए मौजूदा सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार है, इसलिए कोलंबो में हिंसा का दौर जारी है। सरकार के नीतियों के खिलाफ लोगों ने गाड़ियों में आगजनी की।
-श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक गजट जारी करते हुए एक अप्रैल से इमरजेंसी लागू करने का ऐलान कर दिया(Sri-Lanka-government-declares-emergency)है। देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल चरमरा चुकी है।
-राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपनी सरकार के कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि विदेशी मुद्रा संकट उनकी देन नहीं है। आर्थिक मंदी काफी हद तक महामारी से प्रेरित थी। जिससे श्रीलंका का टूरिज्म भी चौपट हो गया।
-कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है। लोगों के पास खाने-पीने की चीजों की भी भारी कमी हो गई हैं। वहीं खाने की कीमतें भी आसमान छू रही है।
–श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट(Sri Lanka economic crisis)के बीच विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की भी कमी हो गई है। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है।
-जरूरी चीजों की भारी किल्लत से जूझ रही श्रीलंका की जनता शुक्रवार रात को कोलंबो में सड़कों पर उतर आई थी। 5000 से ज्यादा लोगों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर की ओर रैली निकाली। इस दौरान भीड़ की पुलिस से झड़प हुई है जिसके बाद कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
-पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस बीच, भारत की तरफ से 40,000 टन डीजल की खेप श्रीलंका के तटों तक पहुंच चुकी है। भारत ने डीजल की ये खेप क्रेडिट लाइन के तहत दी है।
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