Taliban-will-reinstate-strict-punishment-and-make-own-laws-on-the-Quran in-Afghanistan
नईदिल्ली/काबुल:तालिबान(Taliban)ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद उसकी पूरी दुनिया को ही उल्ट दिया है।नए तालिबानी राज में भी न सिर्फ औरतों से उनकी आजादी छिन्नी गई है,
बल्कि अब जल्द ही तालिबान अफगानिस्तान में अंग काटने और फांसी की सजा को बहाल करने की भी सोच रहा है। इतना ही नहीं, वह कुरान पर भी अपने कानून बनाएगा।
Taliban-will-reinstate-strict-punishment-and-make-own-laws-on-the-Quran in-Afghanistan
अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार(Taliban new government in Afghanistan) के तौर-तरीके आज भी पुराने कट्टरपंथी ही नजर आ रहे है,फिर भले ही वह दुनिया को कहता फिर रहा हो कि अब वह बदल गया है।
पूरा विश्व जानता है कि नई तालिबान सरकार में आधे से ज्यादा आतंकवादी है,जिन्हें यूएन ने प्रतिबंधित कर रखा है।
तालिबान दुनियाभर के देशों से उसे मान्यता देने की जुगत में लगा है।
हालांकि इस मुद्दे पर सार्क में तो पाकिस्तान(Pakistan) को मुंह की खानी भी पड़ी है,जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए नई तालिबान सरकार की सिफारिश की थी।
सार्क के सभी देशों ने न केवल इसे खारिज कर दिया बल्कि इस शनिवार होने वाली बैठक भी रद्द(SAARC meeting cancelled) कर दी।
तालिबान की बर्बरता की कहानियां इतिहास में दफन है। तो क्या अब नई तालिबान सरकार क्या सच में बदल गई है?ऐसा लगता तो नहीं।
चूंकि तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने न्यूज एजेंसी एपी से बातचीत में कहा है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर फांसी और अंगों को काटने की सजा दी(Taliban-will-reinstate-strict-punishment-and-make-own-laws-on-the-Quran in-Afghanistan)जाएगी।
लेकिन यह संभव है कि ऐसी सजा सावर्जनिक स्थानों पर न दी जाए।
तुराबी ने साफ कहा है कि स्टेडियम में दंड देने को लेकर दुनिया ने हमारी आलोचना की है। हमने उनके नियमों और कानूनों के बारे में कुछ नहीं कहा है।
ऐसे में कोई हमें यह नहीं बताए कि हमारे नियम क्या होने चाहिए। हम इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान पर अपने कानून(Taliban-will-reinstate-strict-punishment-and-make-own-laws-on-the-Quran in-Afghanistan) बनाएंगे।
15 अगस्त को काबुल(Kabul) पर तालिबान के कब्जे के बाद से दुनिया की निगाहें अफगानिस्तान पर टिकी हैं कि क्या तालिबान 1990 के दशक वाले नियम कानून फिर से थोपेगा या नहीं।
लेकिन तुराबी के इन बयानों से साफ है कि तालिबान की विचारधारा जस की तस है।
पिछले तालिबान शासन के दौरान हत्यारों को खुले मैदान में गोली मार दिया जाता था। चोरों का एक हाथ काट दिया जाता था और हाईवे पर डकैती करने वालों के एक हाथ और पैर काट दिए जाते थे।
तुराबी के बयानों से यह साफ है कि इन नियमों में कोई बदलाव संभव नहीं है।
तुराबी ने इस बात पर लगातार जोर दिया है कि अफगानिस्तान(Afghanistan) के कानूनों की नींव कुरान होगी और फिर से वही सजा बहाल की जाएगी।
तुराबी ने कहा है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाथ काटना बेहद जरूरी है। सावर्जनिक तौर पर दंड देने को लेकर हम बातचीत कर रहे हैं और इसे लेकर हम जल्द ही नई नीति विकसित कर लेंगे।
बता दें कि तुराबी नई तालिबान सरकार के तहत जेलों के प्रभारी हैं।
वह उन तालिबान नेताओं में शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र (UN) की प्रतिबंध सूची में हैं।
बीते तालिबान शासन के दौरान, वह संगठन के सबसे क्रूर और समझौता न करने वालों में से एक था।
Taliban-will-reinstate-strict-punishment-and-make-own-laws-on-the-Quran in-Afghanistan