बिहार-गोवा : राजद और कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

पटना/गोवा, 19 मई : एक तरफ, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को राजद, कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के विधायकों के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में भी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया।

दूसरी तरफ,  कांग्रेस के नेताओं ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिंह से मुलाकात कर उनसे कर्नाटक की तर्ज पर गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को आमंत्रण देने का आग्रह किया। कांग्रेस ने याद दिलाया है कि राज्य में 16 विधायकों के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी है।

बिहार : इस दौरान राजद ने कर्नाटक मुद्दे पर पटना सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में धरना-प्रदर्शन कर विरोध किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने राजभवन से बाहर संवाददाताओं से कहा, “हमने राज्यपाल को 111 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। अगर महागठबंधन को सरकार बनाने का मौका दिया जाएगा तो वे सदन में बहुमत साबित कर देंगे।”

तेजस्वी ने कहा, “हमारे साथ राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, भाकपा (माले) के विधायक तो हैं ही, जद (यू) के भी कई विधायक संपर्क में हैं। पहले भी शरद यादव, उदय नारायण चौधरी जैसे कई नेता नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर जद (यू) छोड़ चुके हैं।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जद (यू) नेताओं में असुरक्षा की भावना आ गई है। वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन सदन में वे हमारा साथ देंगे।

उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को पहले सरकार बनाने का मौका मिल सकता है तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और इस पर विचार कर उन्हें इसकी जानकारी देने की बात कही। राजद नेता ने कहा कि राज्यपाल के निर्णय का इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।

उन्होंने कर्नाटक में वर्तमान सरकार को शनिवार को बहुमत साबित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी स्वागत किया।

इस मौके पर तेजस्वी के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के दानिश रिजवान, तेजप्रताप यादव, शिवचंद्र राम सहित अन्य नेता मौजूद थे।

इधर, कर्नाटक मुद्दे को लेकर राजद कार्यकर्ताओं ने पटना सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों धरना-प्रदर्शन किया। पटना में धरना कार्यक्रम में शामिल राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि कर्नाटक की सियासी घटना से संवैधानिक और संसदीय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है।

गोवा : 

कर्नाटक में राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी होने के आधार पर इसके नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका दिया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

राजभवन से बाहर विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल को एक अभिवेदन दिया गया है, जिसमें उनसे मार्च 2017 में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने और इसके 16 विधायक होने के बावजूद सरकार बनाने के लिए उसे आमंत्रण न देकर भाजपा को न्योता देने की ‘पिछली गलती को सुधारने’ का आग्रह किया गया है।

कावलेकर ने कहा, “हमने उनसे वही करने के लिए कहा, जो कर्नाटक के राज्यपाल ने किया है। हमने गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करने के लिए कहा क्योंकि हम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी हैं।”

कावलेकर ने कहा कि अगर सिन्हा कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करती हैं तो गोवा में कांग्रेस सरकार बनाएगी, पार्टी 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत साबित करने में सक्षम है।

उन्होंने कहा, “उन्होंने हमसे कहा है कि वह हमारे पत्र का दो दिन में जवाब देंगी।”

गोवा में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 13 सीट पर जीत मिली थी और कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

लेकिन, राजनीतिक दांव चलते हुए भाजपा ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मंजूरी मिलने के बाद दो क्षेत्रीय दलों और स्वतंत्र विधायकों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई।

कांग्रेस के एक विधायक विश्वजीत राणे ने बाद में पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 14 हो गई और कांग्रेस के 16 विधायक रह गए।

फिलहाल, विधानसभा में भाजपा और इसकी गठबंधन पार्टी के सदस्यों की संख्या 23 है। इसमें भाजपा के 14, गोवा फारवर्ड और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के 3-3 और तीन स्वतंत्र विधायक शामिल हैं।

–आईएएनएस

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