
Sawan-Shivratri-2025 Shubh-Muhurat Pooja-Vidhi Hindi
23 जुलाई 2025 की सावन शिवरात्रि का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, क्या करें—क्या न करें, और आध्यात्मिक लाभ।
🌕 23 जुलाई 2025: सावन शिवरात्रि – भोलेनाथ की कृपा व विशेष वरदान लेकर आती है.
सावन महीना पवित्रता, भक्ति और आत्मिक उन्नति का प्रतीक है। हर सोमवार का महत्व है, लेकिन सावन शिवरात्रि—जो आज 23 जुलाई 2025 को पड़ रही है—भक्तों के लिए विशेष वरदान लेकर आती है। यह दिन शिवभक्तों को आत्मशुद्धि, स्वास्थ्य लाभ, धन-संतुलन और आध्यात्मिक प्रकाश की प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है।
✨ 1. सावन शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
सावन महीने में शिवजी की विशेष उपासना का जिक्र पुराणों में मिलता है।
- त्रयोदशी तिथि की ऊर्जा: सावन शिवरात्रि त्रयोदशी तिथि पर पड़ती है, जिसे शिवपार्वती विवाह-व्रत की रात्रि माना जाता है।
- भक्ति से मुक्ति प्राप्ति: भक्ति, उपवास और मंत्र जाप से पाप धुलते हैं और आत्मा पवित्र होती है।
- आर्थिक-सामाजिक समृद्धि: पुराणों के अनुसार, सावन भोलेनाथ की कृपा से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है।
🕘 2. आज का शुभ मुहूर्त (23 जुलाई 2025)
कार्य | समय |
---|---|
त्रयोदशी प्रारंभ | 04:12 बजे सुबह |
उपवास प्रारंभ | 05:30 बजे (भोर उपवास आरंभ) |
मूलमुहूर्त | 09:45 – 11:15 बजे (पूजा-अभिषेक समय) |
रात्रि जागरण प्रारंभ | 18:30 बजे से |
त्रयोदशी समाप्त | 20:40 बजे रात्रि |
मूलमुहूर्त में पूजा करने, रुद्राभिषेक करने और मन्त्र उच्चारित करने से शिवजी की कृपा ओर बढ़ती है।
🙏 3. सावन शिवरात्रि पूजा–विधि
🔹 (a) उपवास व दिनचर्या
- यीश व्रत शुरू होने से पहले सुबह स्नान कर शुद्ध वेश धारण करें।
- हल्का व्रत करें—फलाहारी भोजन या एक समय हल्का भोजन ग्रहण करें।
- दिनभर सत्संग, शास्त्र वाचन, शिवचर्चा से मन को शांत रखें।
🔹 (b) रुद्राभिषेक विधि
- सोमवार को शिवलिंग पर जल, भस्म, चंदन, दूध, दही, शहद, घी से अभिषेक करें।
- आगार मंत्र—”ॐ नमः शिवाय”, “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र जपें। कम से कम 108 बार जप लाभकारी है।
- विधिपूर्वक भोजप्रसाद सहित बिल्वपत्र चढ़ाएं, जो शिवजी को प्रिय माने जाते हैं।
🔹 (c) रात्रि जागरण
- रातभर शिवगीता, रुद्रसुक्त, ॠग्वेद या ध्यान पाठ सुनें।
- भजन-कीर्तन, आरती और संगति द्वारा ऊर्जा का संचार होता है।
- सुबह त्रयोदशी समाप्त—विवेकपूर्ण पूजा समाप्त करें।
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✅ 4. सावन शिवरात्रि में क्या करें?
- व्रत रखें – निष्काम भक्ति से मन पवित्र होता है।
- पूजाविधान – शुद्ध मन से शिवलिंग अभिषेक करें।
- मंत्रजाप – “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।
- रुद्राभिषेक – पंचामृत व जल से शिवपूजा।
- रात्रि जागरण – जागकर भजन-कीर्तन करें।
- दान-पुण्य – भूखे को भोजन, जरूरतमंद को वस्त्र-दान करें।
- आध्यात्मिक चिंतन – ब्रह्मज्ञान, आध्यात्मिक ग्रंथ पढ़ें।
🚫 5. सावन शिवरात्रि में क्या न करें?
- मांसाहार, मदिरा, मांस और हिंसात्मक चीजों का त्याग करें।
- झूठ, निन्दा, क्रोध, हठ, ईर्ष्या से बचें।
- हिंसात्मक कार्यों में भाग न लें और वाद-विवाद, विरोध से दूर रहें।
- अनावश्यक विवाद या राजनीतिक चर्चा से बचें।
💫 6. सावन शिवरात्रि के आध्यात्मिक लाभ
- आत्मिक शांति – मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
- शरीरिक स्वास्थ्य – व्रत, ध्यान, संयम से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मान-सम्मान – सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है और संबंध सुधरते हैं।
- आर्थिक संतुलन – विवेकपूर्वक व्रत और दान के फलस्वरूप स्थिरता आती है।
- आध्यात्मिक विकास – भक्ति भाव ऊँचा होता है और धर्मिक ज्ञान बढ़ता है।
🌼 7. सावन शिवरात्रि के साथ साधना सुझाव
- साधनारूपी रात्रि मंच बनाएं–दीप, चंदन, भस्म, मंदिर में ध्यान दें।
- सुबह-शाम शिवलिंग या चित्र को प्रणाम करें।
- पांच-पांच मिनट मेडिटेशन करें और शिवजी से अपनी मनोकामनाएं साझा करें।
🧘♂️ 8. अंतिम शब्द और प्रतीक
आज की 23 जुलाई 2025 की सावन शिवरात्रि एक ऐसा अवसर है जब “भोलेनाथ की कृपा, भक्ति और आंतरिक परिपक्वता” जीवन के सभी क्षेत्रों में आ सकती है—स्वास्थ्य, संबंध, कार्य और आत्म-संवर्धन।
शिवभक्ति से मन पवित्र, जीवन धन्य होना निश्चित है। 🙏