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“70 साल का झूठ नहीं, 10 साल का दिखावा है असली धोखा – Rahul का Modi पर वार!”

राहुल गांधी का बयान: ओबीसी सम्मेलन में मोदी पर करारा वार : "झूठ और जुमलों का नाम है Modi – Rahul बोले 'देश को अब धोखा नहीं चाहिए!'

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🗣️ राहुल गांधी का बयान: ओबीसी सम्मेलन में मोदी पर करारा वार

लोकसभा विपक्ष नेता राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं, बल्कि “एक बड़ा शो” मात्र हैं जिसका कोई गहराई या substance नहीं है। उन्होंने कहा:

“मैं आपको बता रहा हूं — आप लोगों ने इसे अपने सिर पर चढ़ा रखा है। ये कोई बड़ी समस्या नहीं है। ये जो मीडिया वाले हैं, इनो ने इसका ‘गुब्बारा’ बना दिया है। कोई substance नहीं है। मैं कहता हूं, Modi mein dum nahi hai।
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राहुल गांधी ने अपने इस बयान के दौरान ओबीसी समाज की असली राजनीतिक शक्ति को पहचानने का आह्वान किया। उनका कहना था कि ओबीसी देश की “productive force” है, लेकिन उसे अपनी वास्तविक ताकत का एहसास नहीं है। उन्होंने जातीय जनगणना की भी जोरदार मांग की, जिससे सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण प्राप्त हो सके।


📍 राहुल गांधी का संदेश: मोदी से ऊपर ओबीसी जागरूकता

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई केवल किसी नेता के खिलाफ नहीं, बल्कि ओबीसी समाज की कमजोर प्रतिनिधित्व-अधिकारिता के खिलाफ है। कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी पिछली सरकारों की जातीय जनगणना न कराने की भूल स्वीकार की, और इस को सुधारने की कोशिश की बात कही।

उनकी अपील यह थी कि ओबीसी समुदाय को अब स्वयं अपनी राजनीतिक ताकत पहचानने की ज़रूरत है — तभी वास्तविक सामाजिक परिवर्तन संभव है।

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⚡ मोदी समर्थकों की प्रतिक्रिया: BJP व भक्‍तों की तीखी प्रतिक्रिया

🧾 केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटा वार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ओबीसी परिवार से आने वाले नेता हैं — धमेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर निशाना लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी ओबीसी मुद्दे को अपनी राजनीतिक भूख की खातिर भड़काना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर ओबीसी समाज के खिलाफ पूर्व में काम करने का आरोप भी लगाया।


🧨 भाजपा नेताओं और सोशल मीडिया पर हमले

भाजपा नेता राम कदम समेत अन्य नेताओं ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को अप्रसंगिक, अपमानजनक और राजनीति में मोहभंग की तैयारी वाला झूठा व्याकरण करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल स्वयं सत्ता न मिलने पर चुनाव आयोग पर असंतोष जता रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

उधर भाजपा के सोशल मीडिया खेमों में राहुल गांधी और कांग्रेस को “दाव-पेंच में असफल, आधा-अधूरा, और विभाजनकारी” कहा गया। bhakts (मोदी समर्थक) ने राहुल को उग्र विरोधी राजनीति, विरोध की राजनीति, और देशद्रोह तक का ठप्पा लगाया।


🎯 कांग्रेस की रणनीति और चुनावी मायने

🔍 ध्यान ओबीसी सशक्तिकरण पर

राहुल गांधी ने अपनी ध्यान केंद्रित की है ओबीसी समुदाय पर—उनका तर्क है कि ओबीसी समाज भारत का असली उत्पादन शक्ति है, जो राजनीतिकादियों या सामाजिक न्याय के अधिकारों से वंचित रहा है।

उनकी रणनीति यह स्पष्ट करती है कि कांग्रेस केवल मोदी को निशाना नहीं बना रही, बल्कि ओबीसी समुदाय को जागरूक कर उसे कांग्रेस नेतृत्व में राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में है।


📈 राजनीतिक प्रभाव

यह बयान 2025 बिहार और अन्य राज्यों के चुनावों के दृष्टिकोण से बहुत ही रणनीतिक नजर आता है — जहां ओबीसी वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभाता है। राहुल गांधी ने इसे लोकतांत्रिक सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय हेतु अभियान के रूप में पेश किया है।


🧩 निष्कर्ष

  • Rahul Gandhi का बयान मोदी के व्यक्तित्व की चर्चा से परे है—यह एक सांस्कृतिक राजनीतिक संदेश है, ओबीसी समाज को जुटाने और जागरूक करने का।

  • BJP और मोदी समर्थकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे व्यक्तिगत आरोप और सस्ते इशारों में बदलने की कोशिश की।

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  • भविष्य में यह बयान 2025-26 के चुनावों में कांग्रेस की ओबीसी लीडरशिप रणनीति का पहला बड़ा कदम माना जा सकता है।

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Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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