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ब्रेकिंग न्यूज़: मालेगांव बम धमाका-17 वर्षों का इंतजार-सभी आरोपी बरी

Malegaon-Blast-Case-2008-Verdict-Updates : सबूतों के अभाव में मालेगांव के सभी आरोपी बरी कर दिए गए है l

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🔥 मालेगांव बम धमाका: एक घटना, 17 वर्षों का इंतज़ार

सबूतों के अभाव में मालेगांव के सभी आरोपी बरी कर दिए गए है l

29 सितंबर 2008 की रात, महाराष्ट्र के मालेगांव में भिखु चौक के पास एक मोटोसाइकिल बम विस्फोट हुआ जिसमें 6 लोगों की मृत्यु हो गई और लगभग 100 लोग घायल हुए। विस्फोट एक ऐसे क्षेत्र में हुआ था जहाँ मुस्लिम आबादी अधिक थी। प्रारंभ में महाराष्ट्र ATS ने आरोपितों की पहचान की, लेकिन बाद में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को जांच सौंप दी गई।


🧑‍⚖️ मामला – आरोपियों का परिचय

कुल 7 आरोपियों पर मुकदमा चलेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर – पूर्व सांसद, हिंदुत्व नेता

  • लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित

  • रिटायर मेजर रमेश उपाध्याय

  • अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, और समीर कुलकर्णी

इन पर यूएपीए (अवैध गतिविधियों रोकथाम अधिनियम) और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में charges framed हैं।


👩‍🔬 साध्वी प्रज्ञा कौन हैं?

  • जन्म: 2 फरवरी 1970, मध्य प्रदेश।

  • छात्र जीवन में ABVP की सदस्य रहीं, बाद में RSS से जुड़ीं।

  • 2019 में BJP के टिकट पर भोपाल से सांसद बनीं।

  • एनआईए ने शुरू में 2015 में उन्हें “clean chit” देने का रुख अपनाया, फिर 2017 में कुछ गंभीर धाराएँ खत्म की गईं, लेकिन अभी चेहरा आतंकवाद का आरोपी रहा।

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🕵️ विस्फोट की जांच और सबूत

  • 2009 में पहली chargesheet दाखिल: 11 accused + 3 वांटेड।

  • मुख्य सबूतों में शामिल हैं:

    • विस्फोट में प्रयोग हुई एलएमएल बाइक प्रवण भयाकृत रूप से प्रज्ञा के नाम पर पंजीकृत।

    • 323 गवाह, कॉल डेटा रिकॉर्ड्स, voice samples, लैपटॉप रिकॉर्डिंग्स आदि।

    • प्रारंभिक ATS रिपोर्ट्स में गंभीर खामियाँ मिलीं; NIA ने पुनः जांच की।


⚖️ अदालत की यात्रा – 17 वर्ष की प्रतीक्षा का फैसला

  • 2011 में केस NIA को सौंपा गया

  • 2018 से ट्रायल शुरू हुआ; अप्रैल 2025 में दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें पूरी की गईं।

  • अदालत ने 19 अप्रैल 2025 को फैसला सुरक्षित रखा और 31 जुलाई 2025 को घोषणा की

  • इस दौरान 10,800 सबूत, 323 गवाही और 5 जज शामिल रहे।


🧑‍🤝‍🧑 अकसर नतीजे से पहले बयान

  • रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय ने दावा किया कि पूरे मामले को ATS ने fabricate किया, गवाहों को डराया, और सबूत लगाए गए।

  • सभी आरोपी ने कहा: “हम निर्दोष हैं, न्याय करेंगे।”


🏛️ अब क्या फैसला आना बाकी है?

  • एनआईए कोर्ट 31 जुलाई को फैसला सुना सकती है: यह निर्दोषता की संभावना के साथ एक ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है।

  • यह देश की न्याय प्रणाली, राजनीति और investigative प्रक्रियाओं पर गहरा असर डाल सकता है।

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✅ निष्कर्ष: मालेगांव केस का महत्व

  • यह मामला सिर्फ एक बम विस्फोट तक सीमित नहीं — इसकी जांच, राजनीतिक विवाद, और आरोपियों की पृष्ठभूमि ने इसे राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बना दिया।

  • आज के फैसले से यह 17‑वर्ष पुरानी यात्रा एक मोड़ पर खड़ी होगी — निर्दोषता या दोषी ठहराए जाने से समाज में न्याय और भरोसा की भावना प्रभावित होगी।


📌 Key Points Summary

  • घटना: मालेगांव में 6 लोगों की मौत, 100 घायल

  • मुख्य आरोपी: साध्वी प्रज्ञा, पुरोहित, उपाध्याय आदि

  • जाँच एजेंसियाँ: ATS → NIA

  • सबूत: मोटरसाइकिल, लैपटॉप, कॉल डेटा, voice samples

  • समय: ट्रायल 2018‑2025, फैसला आज तय

  • विशेष: 10800 सबूत, 323 गवाह, 1300+ पेज लिखित दलीलें

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

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