
NavratriDay7 MaaKaalratri PujaBeejMantra KathaAarti
दिन 7 – माँ कालरात्रि
1: माँ कालरात्रि का परिचय
“नवरात्रि के सातवें दिन पूजी जाती हैं माँ कालरात्रि। यह रूप अत्यंत उग्र और भयंकर है, लेकिन भक्तों के लिए हमेशा कल्याणकारी हैं। माँ का रंग काला है, गले में मुण्डमाला और हाथ में खड्ग धारण करती हैं।”
2: माँ कालरात्रि की कथा
“कथा है कि शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज जैसे असुरों का संहार करने के लिए माँ ने अपना कालरात्रि रूप धारण किया। इस रूप ने सम्पूर्ण दुष्ट शक्तियों का नाश कर दिया।”
3: माँ कालरात्रि का बीज मंत्र
“माँ कालरात्रि का बीज मंत्र है –
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से भय और शत्रु नष्ट होते हैं तथा आत्मबल मिलता है।”
4: माँ कालरात्रि की पूजा विधि
“सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा में लाल फूल और गुड़ का भोग लगाएँ। धूप-दीप जलाकर आरती करें। इस पूजा से जीवन से सभी भय दूर हो जाते हैं।”
5: माँ कालरात्रि की आरती (संक्षिप्त अंश)
जय कालरात्रि माँ, जय भवानी।
भक्तों के दुःख हारी, संकट हरानी।।
काला रूप, भयंकर रूप धारिणी।
पर भक्तों के लिए दीनदयालिनी।।
रक्तबीज और शुंभ-निशुंभ का संहार।
भक्तों की रक्षा करती माँ अपार।।
जो करे तेरा ध्यान और सेवा।
माँ हर भय और बाधा मिटाती।।
जय कालरात्रि माँ, जय भवानी।
भक्तों के दुःख हारी, संकट हरानी।।
“जय कालरात्रि माँ, सब दुःख हारिणी।
आरती करने से भक्त का जीवन संकटों से मुक्त हो जाता है।”
6: सातवें दिन का रंग – नीले का महत्व
“नवरात्रि के सातवें दिन नीला रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग शक्ति, गहराई और स्थिरता का प्रतीक है। यह माँ कालरात्रि की दिव्य शक्ति को दर्शाता है।”
7: माँ कालरात्रि और भय का अंत
“माँ कालरात्रि को ‘संहारक शक्ति’ कहा जाता है। ये भक्तों के सभी भय और संकटों का अंत कर देती हैं। जो भी सच्चे मन से इनकी उपासना करता है, उसे कभी किसी प्रकार का भय नहीं रहता।”
8: माँ कालरात्रि से प्राप्त आशीर्वाद
“माँ कालरात्रि की कृपा से साधक को अदम्य साहस, आत्मबल और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। साथ ही जीवन की सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं।”
9: माँ कालरात्रि की रोचक कथा
“कथा है कि रक्तबीज का हर बूंद से नया असुर जन्म लेता था। तब माँ कालरात्रि ने उसे अपने मुँह से निगलकर उसका अंत किया। तभी से इन्हें अद्भुत संहार शक्ति की देवी माना जाता है।”
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🎥 शॉर्ट 70: माँ कालरात्रि से जुड़े भय निवारण उपाय
“नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि को गुड़ और धूप अर्पित करें। ‘ॐ कालरात्र्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे सभी प्रकार का भय और संकट दूर होता है।”
🌸 दिन 7 – माँ कालरात्रि
1️⃣ परिचय
“नवरात्रि के सातवें दिन हम माँ कालरात्रि की पूजा करते हैं। ये काली रूप वाली, भयहरण और संकट नाशिनी देवी हैं। सिंह पर सवार, घोर रूपधारी माँ कालरात्रि भक्तों के जीवन से भय, अज्ञान और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं।”
2️⃣ कथा और पौराणिक महत्व
“कथा के अनुसार, जब राक्षसों ने धरती पर आतंक मचाया, तब माँ कालरात्रि ने अपने भयंकर रूप से उनका संहार किया। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से उनकी पूजा करते हैं, उनके जीवन से सभी भय और संकट दूर हो जाते हैं।”
3️⃣ मंत्र और जाप विधि
बीज मंत्र:
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
जाप विधि:
- कम से कम 108 बार जाप करें।
- मंत्र जाप के समय काले या लाल फूल और दीपक का उपयोग करें।
- मन में केवल माँ की भक्ति और श्रद्धा रखें।
4️⃣ पूजा और भोग विधि
- काले या लाल फूल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं और देवी के चित्र या मूर्ति के सामने रखें।
- भोग में हलवा, गुड़, दूध या फल रखें।
- पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करें।
5️⃣ रंग और पहनावा
“सातवें दिन का शुभ रंग काला या गहरा लाल है। ये रंग शक्ति, साहस और भय नाश का प्रतीक हैं।”
6️⃣ पूर्ण आरती (मंदिरों में गाई जाने वाली)
**जय कालरात्रि माता, जय भवानी।
सिंह पर विराजे, भयहरण धारिणी।
घोर रूप, भयंकर रूपधारी।
भक्तों के जीवन से भय दूर करें।
जो कोई तेरा ध्यान करे,
उसके घर में सुख-शांति आये।
मनोकामना सभी पूर्ण हो जाएं।
भक्ति से जीवन सफल और मंगलमय हो।
आरती तेरी भक्त गाएं,
सभी संकट और भय दूर करें।
साहस, शक्ति, विजय और सुरक्षा दें माँ।
जय कालरात्रि माता, जय भवानी।
भक्तों के जीवन में नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करो।
सदैव भक्ति भाव बनाए रखना।
भक्तों के भय और संकट दूर करो।
सदा कृपा दृष्टि बनाए रखना।
जय कालरात्रि माता, जय भवानी।
सिंह पर विराजे, भयहरण धारिणी।
घोर रूप, भयंकर रूपधारी।
भक्तों के जीवन से भय दूर करें।
जय कालरात्रि माता, जय भवानी।”
7️⃣ आशीर्वाद और उपाय
“जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से माँ कालरात्रि की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में साहस, सुरक्षा, भय से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। नियमित पूजा और मंत्र जाप से घर में सुख-शांति बनी रहती है।”