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राहुल गांधी सैनिको-पायलटों को भड़का रहे है, यह बहुत खतरनाक है : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 8 फरवरी : राहुल गांधी सैनिको-पायलटों को भड़का रहे है, यह बहुत खतरनाक है – निर्मला सीतारमण

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों को खारिज कर दिया,

जिसमें उन्होंने राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समानांतर बातचीत करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने इसके अलावा राहुल पर सशस्त्र बलों को सरकार के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया।

उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से कहा, “राहुल ने जो कहा है, मैं आज उसपर आपत्ति जताती हूं-

ह वायुसेना के पॉयलट और अधिकारियों को कह रहे हैं कि ‘देखिए प्रधानमंत्री आपके साथ क्या कर रहे हैं’।

इसका मतलब क्या है, उनके दिमाग में क्या चल रहा है? क्या वह उन्हें सरकार के खिलाफ उकसाना चाहते हैं?

क्या यह विपक्ष का जिम्मेदारी भरा कार्य है? यह बहुत खतरनाक है।”

उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस बहुराष्ट्रीय कार्पोरेट के गंदे खेल का खिलौना बन गई है। उनकी भाषा देशहित में नहीं है।”

सीतारमण ने कहा कि वह उनके हाव-भाव को देखकर ‘काफी आश्चर्यचकित’ हैं।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने आज अपने प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री को चोर कहा और मुझे झूठी कहा।

मैंने पहले भी कहा है कि हम किसी बड़े परिवार से नहीं आते हैं, इसलिए वह हमारी छवि बिगाड़ने का प्रयास करते हैं।”

राहुल ने इससे पहले एक प्रेस वार्ता संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2015 में

फ्रांस से राफेल सौदा मामले में एक समानांतर बातचीत में सीधे संलिप्त रहने का आरोप लगाया।

एक अंग्रेजी अखबार द्वारा इस मामले पर ‘एकतरफा’ स्टोरी करने के लिए फटकार लगाते हुए रक्षामंत्री ने कहा,

“एक अखबार, फाइल पर की गई एक टिप्पणी को छापता है, जोकि पूर्व रक्षा सचिव द्वारा लिखी गई है।

उसी टिप्पणी में वह कह रहे हैं कि रक्षामंत्री को एक बयान देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने टिप्पणी को देखा और इसपर हस्ताक्षर भी किया।

तत्कालीन रक्षामंत्री पर्रिकर की इसपर क्या प्रतिक्रिया थी? मैंने यही बात संसद में कही है।”

मीडिया घरानों पर निशाना साधते हुए, उन्होंने कहा, “अगर अखबार की रिपोर्ट एक टिप्पणी को दर्शाती है

तो उसे तब के रक्षामंत्री के बयान को भी इसमें दर्शाना चाहिए था। वह नैतिक पत्रकारिता होती।”

फाइल की टिप्पणी पर तत्कालीन रक्षामंत्री की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, “आपकी टिप्पणी सही है,

लेकिन इसके लिए इतना उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। सबकुछ सही है। यह पर्रिकर का जवाब था, जोकि रक्षा सचिव की फाइलों में है।”

उन्होंने कहा, “तत्कालीन रक्षामंत्री का बयान बहुत स्पष्ट था।

मैं दुखी हूं कि चयनित टिप्पणी छापी गई और इसे फर्जी तरीके से मुद्दा बनाया गया।”

सीतारमण ने कहा, “रक्षा सचिव और वार्ता समिति के सदस्य के हस्ताक्षर के साथ फाइल सुरक्षा संबंधित

मंत्रिमंडलीय समिति और मंत्रिमंडल को भेजी गई, उसके बाद ही उसे मंजूरी दी गई और तब समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।”

प्रधानमंत्री और पीएमओ का बचाव करते हुए, सीमारमण ने कहा, “अगर पीएमओ ने मामले में प्रगति के बारे में पूछा तो,

इसे हस्तक्षेप या समानांतर बातचीत नहीं माना जा सकता।”

संप्रग सरकार के दौरान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद(एनएसी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा,

“क्या सोनियाजी सभी मंत्रालय के काम में दखल दे रही थी या एक समानांतर मंत्रिमंडल चला रही थी या किसी मंत्री के अधिकारों को छीन रही थीं?”

उन्होंने कहा, “चयनित हिस्से को उजागर करना अच्छा नहीं है। मुझे कांग्रेस से काफी अपेक्षाएं हैं।”

–आईएएनएस

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

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