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नई दिल्ली:अब आपको देश में फोर्ड की कारें नहीं मिल सकेंगी।अमेरीका की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड (Ford India) ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स बंद करने का निर्णय किया है।
फोर्ड कंपनी भारतीय मार्केट में लंबे समय से लगातार घाटा झेल रही है। कोरोना महामारी के बाद हालात और ज्यादा बदत्तर हो गए है।
कंपनी की वाहनों की बिक्री में भी लगातार गिरावट आई है।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी को तकरीब 2 अरब डॉलर का नुकसान(Ford-to-shut-down-vehicle-manufacturing-plants-in-India-after-$2-billion-loss) हुआ है।
इसलिए आखिरकार निरतंर होते नुकसान को देखते हुए फोर्ड ने भारत में अपनी व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्रीज को बंद करने का फैसला ले ही(Ford-to-shut-down-vehicle-manufacturing-plants-in-India)लिया।
इससे देश में Ford कार और एसयूवी खरीदने वाले ग्राहकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
लेकिन कंपनी ने बयान जारी करके कहा है कि मौजदूा ग्राहकों को कंपनी अपनी सर्विस देना जारी रखेगी।
अमेरिका की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी Ford Motor Company ने भारत में अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बंद करने का फैसला(Ford-to-shut-down-vehicle-manufacturing-plants-in-India) किया है,
जिसकी वजह से यहां बनने वालीं Ford Figo, Ford Freestyle, Ford Aspire जैसी हैचबैक और सिडैन कारों के साथ ही Ford Ecosport और Ford Endeavour जैसी कारों का उत्पादन बंद हो जाएगा और आने वाले समय में इसकी भारत में बिक्री भी बंद हो जाएगी।
फोर्ड के इस फैसले का असर उसकी फैक्ट्री में काम करने वाले 40000 कर्मचारियों पर होगा।
कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने कर्मचारियों से कहा कि वह भारत में तैयार किए गए पॉपुलर मॉडल जैसे कि फोर्ड फिगो, फोर्ड फ्रीस्टाइल का प्रोडक्शन तेजी से कम करेगा।
हालांकि, कंपनी साणंद के इंजन प्लांट को चालू रखेगी। दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, साणंद और कोलकाता में कंपनी के पार्ट्स डिपो भी हैं।
फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, अनुराग मेहरोत्रा ने कहा, “फोर्ड भारत में ग्राहकों को सर्विस और वारंटी सपोर्ट को जारी रखेगी।
फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसे मौजूदा प्रोडक्ट की बिक्री मौजूदा डीलर इन्वेंट्री के बेचे जाने के बाद बंद हो जाएगी। फोर्ड का भारत में एक लंबा और गौरवपूर्ण इतिहास है।
हम अपने ग्राहकों और रीस्ट्रक्चरिंग से प्रभावित लोगों के लिए कर्मचारियों, यूनियनों, डीलरों और सप्लायर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
Ford देश में इम्पोर्ट कर सकती है कारें
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कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने पुष्टि की है कि फोर्ड ने अपने साणंद (गुजरात) और मराईमलाई (चेन्नई) स्थित प्लांट्स में मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का निर्णय इसलिए लिया है, क्योंकि भारत में उसे कुछ खास मुनाफे के संकेत नहीं दिख रहे हैं।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि कंपनी देश में अपनी कुछ कारों को इम्पोर्ट करके बेचना जारी रखेगी। यह जनरल मोटर्स की तर्ज पर ही काम करेगी, जो 2017 में भारत से बाहर हो गई थी।
फोर्ड की महज 1000 कारें बची है, कार खरीदनी है तो जल्दी करें
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फिलहाल भारत में फोर्ड डीलरशिप में कंपनी की महज 1000 कारें बची हैं और आप फोर्ड की कार खरीदना चाहते हैं जल्दी करें, क्योंकि आने वाले समय में ये कारें भारत में नहीं मिलेंगी।
दरअसल फोर्ड लंबे समय से भारत में नुकसान में थी और यहां मौजूद फोर्ड प्लांट्स का भी सही से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था।
पिछले कुछ वर्षों से फोर्ड की कारों की बिक्री काफी घट गई थी और इस वजह से कंपनी को काफी नुकसान हो रहा था।
आने वाले समय में फोर्ड की कंप्लीट बिल्ड यूनिट (CBU) कारों की भारत में बिक्री होगी और ये हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारें होंगी, जिनमें Mustang Mach-E जैसी धांसू कार भी होगी।
फोर्ड को हुआ है भारी घाटा
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फोर्ड इंडिया(Ford India)की मानें तो बीते 10 वर्षों में कंपनी को 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
आने वाले समय में नुकसान से बचने के लिए कंपनी खुद को फिर से संरचित करने वाली है।
कंपनी अपने दिल्ली, चेन्नै, मुंबई, सानंद और कोलकाता डिपो को मेंटेन करने रखेगी और डीलरशिप के साथ मिलकर काम करेगी।
भारत में फोर्ड के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की कुल प्रोडक्शन कैपासिटी हर साल 4 लाख यूनिट की है, लेकिन डिमांड न होने की वजह से उसका 20 पर्सेंट इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है।
ऐसे में कंपनी ने यहां प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया है।
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(इनपुट एजेंसी से भी)