AirIndia पेशाबकांड – 30 लाख का जुर्माना, पायलट 3 महीने के लिए सस्पेंड.
क्रू मेंबर की रिपोर्ट से शिकायतकर्ता महिला के दावों पर सवाल, यात्री शंकर मिश्रा पर चार महीने का प्रतिबंध,

AirIndia urine scandal 30 lakh fine pilot suspended for 3 months peshab kand
नयी दिल्ली (समयधारा) : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पेशाब मामले में बड़ा एक्शन लिया हैl
डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया हैl साथ ही घटना के समय विमान उड़ा रहे पायलट का लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया हैl
इसके साथ ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया के निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया हैl
एयर इंडिया ने गुरुवार को यात्री शंकर मिश्रा पर पिछले साल 26 नवंबर को पेशाब करने की घटना के लिए चार महीने का प्रतिबंध लगा दिया थाl
यह प्रतिबंध उस पर लगाए गए 30 दिन के प्रतिबंध के अतिरिक्त थाl नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के संज्ञान में,
यह घटना 4 जनवरी को आई और नवीनतम कार्रवाई विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन के लिए हैl एयर इंडिया के सीईओ ने इस घटना के लिए माफी मांगी थीl
सीईओ ने कहा था कि चालक दल के चार सदस्यों तथा एक पायलट को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है,
तथा एयरलाइन विमान में शराब परोसने की अपनी नीति की समीक्षा कर रही हैl
AirIndia urine scandal 30 lakh fine pilot suspended for 3 months
एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला सह-यात्री के ऊपर कथित तौर पर पेशाब करने के मामले में अब क्रू मेंबर की रिपोर्ट आ गई है।
करीब 4 पन्नों की यह रिपोर्ट इस मामले को अलग मोड़ देती हुई दिख रही है।
रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा करती है कि शिकायतकर्ता महिला को शायद एक सह-यात्री की ओर से उकसाया गया था
और उसके बाद का महिला का व्यवहार उनके ‘इरादे और सत्यता’ पर सवाल खड़ा करता है।
यह मामला 26 नवंबर 2022 को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट AI 102 से जुड़ा है।
फ्लाइट के बिजनेस क्लास में सफर कर रहीं एक AirIndia urine scandal 30 lakh fine pilot suspended for 3 months peshab kand , AirIndia 30 लाख का जुर्माना, पायलट 3 महीने के लिए सस्पेंड…72 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि नशे की हालत में एक सहयात्री ने उनकी सीट के पास आकर उनपर पेशाब किया था।
क्रू मेंबर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने महिला को हर संभव सहायता देने का वादा किया और कहा कि उतरने पर उनके लिए एक व्हीलचेयर मौजूद होगी।
चार्जी द्वारा शिकायतकर्ता महिला को उकसाने की संभावना। एस भट्टाचार्जी सीट नंबर पर 8A पर बैठे थे।
यह आरोपी शंकर मिश्रा (8C) की सीट के ठीक बगल वाली सीट थी। साथ ही शिकायतकर्ता महिला (9A) की ठीक आगे वाली सीट थी।
भट्टाचार्जी ने बोर्डिंग के दौरान फर्स्ट क्लास में अपग्रेड करने का अनुरोध किया था, जिसे एयरलाइन ने ठुकरा दिया था।
क्रू की रिपोर्ट के मुताबिक, उस दिन फ्लाइट में चीजें मोटे तौर पर इस तरीके से हुई थींl
शिकायतकर्ता महिला अपनी सीट से उठकर क्रू मेंबर के पास आईं और कहा कि एक सहयात्री ने उनके ऊपर पेशाब किए हैं,
जिससे उनके कपड़े गीले हो गए हैं और उन्हें खुद को साफ करने की जरूरत है। उन्होंने वहीं पर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे।
उन्हें क्रू की ओर से तौलिया, सैवलॉन (एक एंटीसेप्टिक), चप्पल, मोजे दिए गए और टॉयलेट में जाकर बदलने का अनुरोध किया गया।
क्रू मेंबर ने फिर उनकी सीट, आस-पास के इलाके और उनके जूते को साफ और सैनिटाइज किया।
साथ ही महिला और उनकी बगल वाली सीट पर बैठी को-पैसेंजर के बैग को भी साफ किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अपने जूते को ड्राई क्लीन करने की मांग की, लेकिन उन्हें बताया गया कि विमान में ड्राई-क्लीनिंग की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहती है कि एयर इंडिया उनके खराब हुए सामान के लिए मुआवजा दे और वह इस मामले में पुलिस शिकायत दर्ज करने पर भी विचार कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि फ्लाइस से उतरने पर भट्टाचार्जी उनसे बात करने के लिए एक रिपोर्टर की व्यवस्था करेंगे।
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शिकायतकर्ता महिला ने अपनी सीट बदलने की मांग नहीं की थी, फिर भी उन्हें 9A की जगह 12C सीट दी गई।
साथ में एक ब्लैंकेट और पिलो भी उन्हें दिया गया। उन्होंने क्रू मेंबर को उनकी मदद के लिए धन्यवाद दिया और फिर सो गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में आरोपी व्यक्ति ने शिकायतकर्ता महिला से मुलाकात कर उनसे माफी मांगी थी।
उन्होंने आपस में सुलह कर लिया और आरोपी व्यक्ति ने महिला के सामानों को ड्राईक्लीन करवा कराकर
उसे डिलीवर करने का वादा किया और साथ में उन्हें 200 डॉलर का मुआवजा देने पर भी सहमति जताई।
केबिन क्रू की रिपोर्ट के बाद के हिस्से में कई ऐसे डिटेल हैं, जो शिकायकर्ता महिला के दावे के उलट हैं।
फ्लाइट के लैंड करने के कुछ घंटे बाद, महिला ने दावा किया था कि क्रू ने उनके जूतों और बैग को अच्छे से साफ नहीं किया था
और उन्होंने तुरंत उनकी देखभाल नहीं की थी। ऐसा तब हुआ जब उन्होंने क्रू को उसकी मदद के लिए कुछ घंटे पहले तारीफ की थी।
महिला के रुख में यह बदलाव ‘8A पर बैठे गेस्ट’ से बात करने के तुरंत बाद आया था, जिनका नाम भट्टाचार्जी है।
इससे पहले बोर्डिंग के दौरान भट्टाचार्जी ने फर्स्ट क्लास में अपग्रेड करने का अनुरोध किया था। इस पर उन्हें बताया कि फ्लाइट में आने के बाद अपग्रेड एयरलाइन की पॉलिसी के खिलाफ है।
भट्टाचार्जी को जैसे ही इस मामले का पता चला, उन्होंने आरोपी की सीट (8C) के बगल में बैठने से इनकार कर दिया और खुद के लिए और महिला के लिए अपग्रेड की मांग की।
यहां ये नोट करना जरूरी है कि शिकायतकर्ता ने कभी भी खुद की सीट को अपग्रेड करने के लिए नहीं कहा और इस समय तक वह अपनी नई सीट पर सो चुकी थीं।
शिकायतकर्ता महिला की ठीक बगल वाली सीट यानी 9C पर बैठे यात्री ने जो बयान दिया है कि,
वह महिला के ‘बाद में कहे बयानों’ के उलट है। समयधारा स्वतंत्र रूप से इस बयान की पुष्टि नहीं कर सका।
फ्लाइट के लैंड करने पर महिला को प्राथमिकता के आधर पर व्हीलचेयर दी गई थी।
हालांकि जब क्रू के सदस्य कस्टम्स हाल में उनसे मिले तो उन्होंने शिकायत किया कि उन्हें लैंडिंग पर व्हीलचेयर नहीं दी गई थी।
जब क्रू के एक सदस्य ने कहा कि उसने शिकायतकर्ता महिला को व्हीलचेयर पर बैठे हुए देखा है,
तो शिकायतकर्ता ने अपना रुख बदल लिया और कहा कि वह वह जल्दी में थी, इसलिए व्हीलचेयर से उतर गईं।
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शिकायतकर्ता महिला ने फिर आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति मुआवजे देने के अपने वादे से मुकर गया था।
क्रू की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद आरोपी व्यक्ति मौके पर महिला के पास आया और दोनों के बीच बातचीत से पता चला कि
महिला की बात में ईमानदारी नहीं थी क्योंकि आरोपी ने पेमेंट करने का प्रूफ दिखाया था।
एयर इंडिया की इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
महिला की शिकायत के आधार पर, बीते 4 जनवरी को आरोपी शंकर मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत),
354 और 509 (एक महिला की शील भंग करना), 510 (नशे में सार्वजनिक तौर पर गलत व्यवहार करना)
और एविएशल रूल्स की धारा 23 के तहत (विमान पर हमला या डराना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।”
FIR दर्ज होने के बाद मिश्रा कुछ दिनों तक फरार थे और उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया। एयर इंडिया ने उन्हें नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है।
आखिरकार 6 जनवरी को उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया और कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
(इनपुट मनीकण्ट्रोल हिंदी से और एजेंसी से भी)