सीबीआई को 3 दिन और मिली कार्ति चिंदबरम की हिरासत

नई दिल्ली, 6 मार्च :  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने यहां मंगलवार को धनशोधन मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की सीबीआई हिरासत तीन दिनों के लिए बढ़ा दी। इससे पहले सीबीआई ने दावा किया था कि इस मामले में कार्ति की संलिप्तता साबित करने के लिए उसके पास नए पर्याप्त सबूत हैं। सीबीआई ने इससे पहले मंगलवार को पूछताछ के लिए कार्ति चिदंबरम की नौ और दिन की हिरासत मांग की थी। उन्हें पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था और वह अब सीबीआई की हिरासत में हैं।

न्यायाधीश सुनील राणा ने अपने पांच पन्नों के आदेश में कहा, “कार्ति चिदंबरम की सीबीआई हिरासत आरोपी से पूछताछ और पूर्ण जांच के लिए तथा सबूत को बचाने के लिए जांच तेजी से आगे बढ़ाने के लिए बढ़ाना ‘जरूरी’ है, जो मुकदमे के लिए उपयोगी और सत्य को सामने लाने वाला साबित हो सकता है।”

इससे पहले बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के बीच घंटों चली बहस के दौरान, कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल ‘एक आतंकवादी नहीं है’ कि उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।

सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहे हैं और जब भी सीबीआई चाहेगी, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई की तरफ से बहस करते हुए कहा कि एजेंसी को कार्ति चिदंबरम से पूछताछ की जरूरत है क्योंकि एजेंसी को पर्याप्त नए सबूत मिले हैं।

मेहता ने कहा, “सोमवार को कुछ और कंपनियों के नाम सामने आए हैं और इसके लिए हिरासत जरूरी है।”

सीबीआई ने अदालत में दस्तावेज दाखिल किए हैं, जिसे आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम द्वारा किए गए विदेशी लेन-देन से संबंधित माना जा रहा है।

मेहता ने आरोप लगाया कि कार्ति इस मामले में सबूत के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और अगर अदालत उसकी हिरासत बढ़ाएगी तो, वह उनसे अपराध कबूल करवा लेंगे।

उन्होंने कहा कि कार्ति चिदंबरम ने पूछताछकर्ताओं को अपने फोन के पासवर्ड देने से इनकार कर दिया, जो ‘एक सबूत है’ और वह सहयोग नहीं कर रहे हैं। 

मेहता ने कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि कार्ति को चुप रहने का अधिकार है, लेकिन जब संबंधित प्रश्न पूछा जाता है तो, उन्हें जवाब देना चाहिए।”

वहीं, सिंघवी ने अदालत से कहा कि आरोपी पहले ही पांच दिन एजेंसी की हिरासत में बिता चुके हैं और मुंबई में उनका सामना इंद्राणी मुखर्जी से केवल 25 मिनट तक ही कराया गया था। इंद्राणी पूर्व मीडिया कार्यकारी हैं, जो हत्या के मामले में जेल में हैं। साथ ही वह इस धनशोधन मामले में गवाह भी हैं।

सिंघवी ने तर्क दिया कि सीबीआई द्वारा रिमांड को आगे बढ़ाने वाले आवेदन में कोई भी कारण नहीं दिया गया है। फिर क्यों वह कार्ति की हिरासत को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। 

मामले की पिछली सुनवाई में सीबीआई ने अदालत से कहा था कि कार्ति चिदंबरम का मुखर्जी से आमना-सामना कराया जाएगा। सीबीआई ने कहा था कि मुखर्जी ने कथित रूप से दावा किया है कि कार्ति ने उनसे 10 लाख डॉलर की मांग की थी और उन्होंने कार्ति को बतौर रिश्वत वह रकम अदा की थी। 

उन्होंने कहा, “कार्ति बम लिए हुए आतंकवादी नहीं हैं। उनसे बिना हिरासत में लिए भी पूछताछ की जा सकती है।”

मेहता ने इसके जवाब में कहा कि सिर्फ इंद्राणी का बयान ही आरोपी के खिलाफ सबूत नहीं है।

अदालत ने कार्ति चिदंबरम को कोर्ट रूम में उनके पिता पी. चिदंबरम और माता नलिनी से 10 मिनट के लिए मुलाकात करने की इजाजत दी।

इससे पहले, इससे संबंधित एक और मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में कार्ति चिंदबरम की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा। कार्ति ने इस मामले में उनके खिलाफ ईडी द्वारा जारी समन को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने हालांकि याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्ति की इस मांग को नकार दिया कि ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने दिया जाए।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को मुकर्रर करते हुए कहा कि न्यायालय केवल कार्ति के वकील कपिल सिब्बल द्वारा उठाए गए कानून के प्रश्न पर सुनवाई करेगा।

–आईएएनएस

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