लक्ष्मी विलास बैंक का होगा DBS में विलय, बैंक पर मोरेटोरियम भी लागू
लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सारी शक्तियां RBI को दी गई हैं, RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक में पैसे जमा करने वाले लोगों से नहीं घबराने को कहा, बैंक के डिपोजिटर मोरेटोरियम लागू होने से RBI की मंजूरी के बिना 25,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे
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नईं दिल्ली (समयधारा) : आखिरकार Laxmi Vilas Bank पर सरकार ने शिकंजा कस ही लिया l
रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक पर मोरेटोरियम लागू कर दिया है।
RBI ने कहा कि बैंक के रिवाइवल का कोई दमदार प्लान ना होने की वजह से उसे यह फैसला लेना पड़ा।
RBI ने यह भी कहा कि बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए यह फैसला लेना पड़ा।
लक्ष्मी विलास बैंक पर मोरेटोरियम लागू करने के तुरंत बाद RBI ने DBS बैंक इंडिय लिमिटेड के साथ विलय का भी ऐलान कर दिया।
विलय स्कीम का ऐलान करते हुए RBI ने कहा कि DBS Bank 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी
ताकि नई ईकाई के क्रेडिट ग्रोथ को सपोर्ट मिल सके।
पहले ही मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार सबसे पहले यह जानकारी दी थी कि,
DBS बैंक में लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की दौड़ में सबसे आगे होने की बात कही थी।
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लक्ष्मी विलास बैंक पर लागू किया गया मोरेटोरियम यस बैंक से अलग है,
क्योंकि यस बैंक के रीकंस्ट्रक्शन के लिए मोरेटोरियम लागू किया गया था
लेकिन लक्ष्मी विलास बैंक के मामले में RBI ने दबाव बनाकर उसका विलय DBS के साथ कराने का ऐलान किया है।
इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बैंक की खराब हालत देखते हुए इस पर एक महीने के लिए मोरेटोरियम लागू करने का फैसला किया था।
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RBI ने कहा कि DBS Bank India Ltd के पास पर्याप्त पूंजी है और विलय के बाद भी DBS Bank India ltd की वित्तीय स्थिति मजबूत रहेगी।
लक्ष्मी विलास बैंक पर मोरेटोरियम लागू करना काफी अहम फैसला है
क्योंकि पिछले कुछ दिनों से यह खबर आ रही थी कि लक्ष्मी विलास बैंक Clix Group के साथ विलय की तैयारी में था।
लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है। लिहाजा बैंक को चलाते रहने के लिए पूंजी की सख्त जरूरत है।
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चेन्नई के इस बैंक के शेयरहोल्डर्स की 25 सितंबर की बैठक में काफी हंगामा हुआ था।
नाराज शेयरहोल्डर्स ने बैठक में सभी सात डायरेक्टर्स की दोबारा नियुक्ती खारिज कर दी।
इनमें बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO एस सुंदर भी शामिल थे।
ऐसा शायद ही कभी हुआ हो जब RBI की तरफ से नियुक्त CEO को शेयरहोल्डर्स ने बाहर कर दिया हो।
लक्ष्मी विलास बैंक के दूसरी तिमाही के नतीजों से ही उसकी खस्ता हालत का पता चलता है।
बैंक का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPAs) 24.45 फीसदी था जो बहुत ज्यादा था। वहीं बैंक का NPA 7.01 दर्ज किया गया था।
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केंद्र सरकार ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे चेन्नई बेस्ड प्राइवेट बैंक लक्ष्मी विलास बैंक (Laxmi Vilas Bank- LVB) को एक महीने के लिए मोरेटोरियम (Moratorium) पर डाल दिया है।
रिवाइवल की ठोस योजना पेश करने में विफल रहने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) पर 16 दिसंबर 2020 तक मोरेटोरियम (Moratorium) लागू कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने एक ऑर्डर जारी कर कहा, लक्ष्मी विलास बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए
केंद्र सरकार ने बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पावर को एक महीने के लिए सीज करने का फैसला किया है।
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जमाकर्ताओं (depositors) को सिर्फ 25,000 रुपए निकालने की इजाजत दी गई है।
लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सारी शक्तियां RBI को दी गई हैं।
इसके साथ ही केनरा बैंक (Canara Bank) के पूर्व नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन टीएन मनोहरन (TN Manoharan) को बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है।
वहीं, RBI के अधिकारियों ने कहा कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरू कदम उठाए जाएंगे।
RBI बैंक की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। केंद्र सरकार ने यह कदम उन खबरों के बाद उठाया
जिसमें कहा गया था कि बैंक के शेयरहोल्डर्स की 25 सितंबर की बैठक में काफी हंगामा हुआ था।
नाराज शेयरहोल्डर्स ने बैठक में सभी सात डायरेक्टर्स की दोबारा नियुक्ति को लेकर नाराजगी दिखाई थी,
जिसमें LVB के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO एस सुंदर भी शामिल थे।
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बढ़ते एनपीए (NPA) के कारण बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क में डाला गया था,
तभी से लक्ष्मी विलास बैंक RBI के लिए परेशानी का सबब रह है।
लगातार दो साल तक कैश की कमी और निगेटिव रिटर्न के कारण बैंक को PCA फ्रेमवर्क में डाला गया था।
RBI ने अक्टूबर 2019 में इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस (India Bulls Housing Finance) के साथ LVB के मर्जर को रोक दिया था।
इसके बाद सितंबर 2020 में नाराज शेयरहोल्डर्स ने बैठक में सभी सात डायरेक्टर्स की दोबारा नियुक्ती खारिज कर दी।
साथ ही इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में लक्ष्मी विलास बैंक का शुद्ध घाटा (Net loss) 396.99 करोड़ रुपये तक पहुंच गया,
जिससे परेशानी और बढ़ गई। इन वजहों से बैंको को मोरेटोरियम में डालना पड़ा है।
RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक में पैसे जमा करने वाले लोगों से नहीं घबराने को कहा है।
बैंक के डिपोजिटर मोरेटोरियम लागू होने से RBI की मंजूरी के बिना 25,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे।
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