रजोनिवृत्ति हार्मोन उपचार से हृदयरोग के खतरे को भी कम किया जा सकता है
लंदन, 10 मार्च : भारतीय मूल के एक शोधकर्ता की अगुवाई में किए गए अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कि रजोनिवृत्ति हार्मोन उपचार से हृदयरोग के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
रजोनिवृत्ति हार्मोन उपचार का उपयोग पसीना आने, नींद में खलल पड़ने व योनि मार्ग में सूखापन की शिकायतों का इलाज करने के लिए किया जाता है।
अध्ययन में पाया गया कि रजोनिवृति हार्मोन उपचार से मानव हृदय के बायें निलय (हृदय के निचले हिस्से का कोष) और बायीं धमनी प्रकोष्ठ की संरचना व प्रकार्य में थोड़ा फर्क पड़ता है।
इससे हृदय की नलिका के कार्य में अनुकूलन आता है और इसकी घातकता व दिल के काम नहीं करने की दर में भी कमी आती है।
लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मिहिर संघवी ने कहा, “यह पहला अध्ययन है जिसमें रजोनिवृत्ति हार्मोन उपचार के उपयोग और हृदय की संरचना व प्रकार्य में सूक्ष्म बदलाव के बीच संबंध दर्शाया गया है। यह भविष्य में हृदयरोग संबंधी शिकायतों की पूर्व सूचना देने में सहायक हो सकता है।”
–आईएएनएस