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जो भी व्यक्ति केरल के मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाएगा, मैं उसे एक करोड़ रुपये दूंगा: आरएसएस नेता

उज्जैन/भोपाल/तिरुवनंतपुरम, 3 मार्च : केरल में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ विवादित बयान देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उज्जैन महानगर इकाई के प्रचार प्रमुख डॉ. कुंदन चंद्रावत अपनी घोषणा पर अडिग हैं, वहीं केरल मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सचिव कोदियेरी बालकृष्णन ने कहा कि आरएसएस विजयन का बाल बांका भी नहीं कर पाएगा और उन्होंने संघ को माकपा से न उलझने की चेतावनी दी। कुंदन चंद्रावत ने विजयन का सिर काटकर लाने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इस विवादित बयान ने राज्य ही नहीं देश की सियासत में भूचाल ला दिया है। विपक्षी जहां हमलावर है, वहीं संघ ने अपने पदाधिकारी के बयान से किनारा कर लिया है।

चंद्रावत ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्हें बुधवार के अपने बयान पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, “केरल की वामपंथी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। संघ की शाखा लगाने वालों की हत्या की जा रही है। उनका इनाम का ऐलान पीड़ितों के प्रति संवेदना है।”

केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में मध्य प्रदेश के उज्जैन में बुधवार को जनाधिकार समिति द्वारा आयोजित सभा में चंद्रावत ने कहा, “हिंदुओं के खून में शिवाजी का जज्बा नहीं रहा। मैं घोषणा करता हूं कि जो भी व्यक्ति केरल के मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाएगा, उसे मैं अपनी संपत्ति से एक करोड़ रुपये का इनाम दूंगा।”

चंद्रावत ने कहा, “मेरे पास इतनी संपत्ति है कि मैं उसे बेचकर इनाम दे सकता हूं मेरा मकान ही एक करोड़ रुपये का है और जो यह काम करेगा, उसे मकान बेचकर इनाम दूंगा। मैं इनाम की घोषणा इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि ऐसे गद्दारों को देश में रहने का अधिकार नहीं है।”

चंद्रावत के बयान की विपक्ष ने तीखी निंदा की है। मध्य प्रदेश माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा, “संघ के पदाधिकारी का बयान अत्यंत आपत्तिजनक, आपराधिक धमकी देने वाला है। उम्मीद है कि प्रदेश की पुलिस इस मामले में समुचित कार्रवाई करेगी।”

वहीं, केरल माकपा के सचिव कोदियेरी बालकृष्णन ने कहा कि आरएसएस विजयन का बाल बांका भी नहीं कर पाएगा और उन्हें संघ को माकपा से न उलझने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, “अगर वे कुछ करते हैं, तो हम उन्हें सबक सिखाने को मजबूर हो जाएंगे।”

बादल सरोज ने कहा कि आरएसएस से जुड़े भारतीय जता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के 13 लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में हाल ही में मध्यप्रदेश में पकड़े गए हैं, वहीं इसी राज्य के नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम पश्चिम बंगाल में मासूम बच्चों की तस्करी के मामले में भी सामने आया है। देश के साथ गद्दारी और मनुष्यता विरोधी अपराधों में सिद्धहस्त संगठन (आरएसएस) से इतने ही घिनौने आचरण की उम्मीद की जा सकती है।

मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने संघ पदाधिकारी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अंतिम चरणों के मतदान में वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर दिया गया है।

वहीं, कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने इस बयान को तालिबानी मानसिकता का प्रतीक बताया।

मप्र कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने एक बयान जारी कर चंद्रावत के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।

एक तरफ जहां विपक्ष हमलावर है, वहीं चंद्रावत के बयान से संघ ने किनारा कर लिया है। राजधानी भोपाल में मानव अधिकार मंच द्वारा केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में आयोजित धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे.नंदकुमार ने बयान से किनारा करने की रस्म निभाते हुए कहा, “केरल में हो रही घटनाओं से लोग भावुक हैं, लोग अपनी बात कह रहे हैं, मगर संघ की ऐसी भाषा नहीं है और संघ इसके पक्ष में भी नहीं हैं।”

नंदकुमार से संवाददाताओं ने जब डॉ. चंद्रावत के बयान पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, “मैंने न तो ऐसा बयान कहीं देखा है और न ही पढ़ा है, मगर केरल में जो हो रहा है, उससे लोग भावुक हैं। कुछ लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, मगर ऐसा कहने वाला संघ कार्यकर्ता नहीं हो सकता, क्योंकि संघ की यह भाषा नहीं है।”

केंद्र और मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के मार्गदर्शक संगठन आरएसएस में ‘बयान से किनारा करने’ की परंपरा रही है। हाल ही में हरियाणा के एक मंत्री अनिल विज ने कहा था कि अब नोटों (रुपये) पर से भी महात्मा गांधी की तस्वीर हटवा दी जाएगी। इस मामले ने जब तूल पकड़ा, तो रस्म निभाते हुए विज के बयान से किनारा कर लिया गया था।

–आईएएनएस

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