शायरी : कही ज़िद पूरी… कही जरूरत भी अधूरी… कही ‘सुगंध’ भी नहीं….

मेरी आँखों से जो गिरता है वो दरिया देखो, मैं हर हाल में ख़ुश हूँ,मेरा नज़रिया देखो... : शायरी की दुनिया

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कही ज़िद पूरी…
कही जरूरत भी अधूरी…

कही ‘सुगंध’ भी नहीं,
कहीं पूरा जीवन ‘कस्तूरी’…!!

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मेरी आँखों से जो गिरता है वो दरिया देखो,

मैं हर हाल में ख़ुश हूँ,मेरा नज़रिया देखो…!! 

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चौराहे पर खड़ी जिंदगी नजरें दौड़ाती हैं ,

काश कोई बोर्ड दिख जाए जिस पर लिखा हो!

सुकून..0.कि .मी. …….l 

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(इनपुट सोशल मीडिया से )

Vinod Jain