![Income Tax Return filling deadline has been extended till December 31 now](/wp-content/uploads/2021/02/samaydhara-latest-news_optimized.jpg)
नई दिल्ली, 15 मई : हॉस्पिटल के दवाखानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस l
सर्वोच्च न्यायालय ने मरीजों की तरफ से दायर एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जवाब मांगा है, जिसमें अस्पतालों द्वारा मरीजों के इन-हाउस फार्मेसी में दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर करने तथा बाहर से दवाइयां खरीदने से रोके जाने की जानकारी दी गई है।
न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की पीठ ने केंद्र, सभी राज्यों और सभी केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
अधिवक्ता विजय पाल डालमिया द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इन-हाउस दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उन्हें काफी वित्तीय नुकसान होता है।
डालमिया ने कहा कि इन-हाउस स्टोर काफी ऊंची कीमत पर दवाएं बेचते हैं, जबकि सामान्यत: दुकानों में एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) पर छूट दी जाती है।
उन्होंने अदालत से गुजारिश की है कि वह सरकार को निर्देश दे कि इस कदाचार पर प्रतिबंध लगाए और दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों और प्रत्यारोपण और चिकित्सा उपभोक्ता सामग्रियों के खरीदारों के हितों की रक्षा करे।
अधिवक्ता ने कहा, “इस संबंध में अभी तक कोई कानून या नीतिगत ढांचा नहीं है, जो अस्पतालों द्वारा दुरुपयोग करने और लोगों को लूटने से बचा सके।”
–आईएएनएस