38 दिन की सुनवाई के बाद ‘आधार-अनिवार्यता’ पर फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली, 11 मई : सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकों पर फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.के. सिकरी, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने 38 दिनों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को शुरू हुई थी।
इससे पहले, 14 दिसंबर को अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें सरकार और उसके विभागों पर विभिन्न सेवाओं और लाभ का फायदा उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के निर्णय से अंतरिम राहत देने की मांग की गई थी।
इस संबंध में बाद में सबसे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के.एस. पुत्तास्वामी ने याचिका दायर की थी। बाद में कई लोगों ने भी आधार की वैधता को चुनौती देने के संबंध में याचिका दाखिल की थी।
आधार की अनिवार्यता पर फैसला सेफ,फिलहाल बैंक,सिम से आधार लिंक जरूरी नहीं
आधार के खिलाफ पहले दिन से ही वरिष्ठ वकील श्याम दिवान लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्होंने न्यायमूर्ति पुत्तास्वामी और बाद में कई याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व किया।
–आईएएनएस