Walmart-Flipkart डील से देश भर के 20-22 करोड़ परिवार प्रभावित, सरकार इस पर रोक लगायें
नई दिल्ली, 7 मई : स्वदेशी जागरण मंच ने अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट और ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के सौदे का विरोध किया है।
मंच के पदाधिकारियों ने रविवार को कहा कि वालमार्ट के रिटेल ई-कॉमर्स के क्षेत्र मे उतरने से देसी कारोबारियों व उद्योगों को भारी नुकसान होगा।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने हमारे सहयोगी चैनल से कहा कि इस सौदे से छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो जाएगा और इससे देशभर में 20-22 करोड़ परिवार प्रभावित होंगे।
ओझा ने कहा, “हमारा विरोध देश में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में विदेशी निवेश को लेकर है।
वालमार्ट और फ्लिपकार्ट के सौदे से वालमार्ट ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों के जरिए देश के बाजार पर इस विदेशी कंपनी का प्रभुत्व कायम हो जाएगा और छोटे-छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो जाएगा।
मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “ई-कॉमर्स के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति नहीं है।
फ्लिपकार्ट और वालमार्ट का सौदा कानूनी रूप से अवैध होगा।” उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश इक्विटी के जरिए होना चाहिए। रिटेल कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है।
लिहाजा, सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।
उन्होंने इस सौदे से होने वाले नुकसान का आकलन करते हुए कहा कि ई-कॉमर्स के क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए कोई विनियामक नहीं है।
ऐसे में वालमार्ट जैसे विदेशी कंपनियों के इसमें उतरने से घरेलू उद्योग और व्यापार तबाह हो जाएगा।
महाजन ने कहा, “वालमार्ट पहले से ही होलसेल और लॉजिस्टिक्स में अपना साम्राज्य बना लिया है। फ्लिपकार्ट के साथ इसके सौदे से रिटेल कारोबार में इसका प्रभुत्व कायम हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि वालमार्ट चीनी वस्तुओं का सबसे बड़ा विक्रेता है। इससे देसी बाजार में चीनी वस्तुओं का आमद बढ़ जाएगी जिससे देसी उद्योग प्रभावित होगा।
महाजन ने कहा,” फ्लिपकार्ट-वालमार्ट मसले को लेकर विरोध के मद्देनजर हमारी बैठकें चल रही हैं। हम रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इसके बाद हम सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे। उन्होंने बताया कि अगले एक-दो दिन में स्वेदशी जागरण मंच की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को वे इस संबंध में पत्र लिखकर फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे से होने वाले नुकसान से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
महाजन ने कहा, “हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मिलकर उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे।”
सूत्रों के मुताबिक रिटेल कारोबार क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 75 फीसदी शेयर खरीदने जा रही है। फ्लिपकार्ट की बोर्ड ने इस सौदे को अनुमति दे दी है।
–आईएएनएस