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New Income-Tax Know Everything In Hindi About IT
नयी दिल्ली (समयधारा) : बजट में टैक्स को लेकर जो घोषणाएं हुई उससे आम आदमी को बड़ी राहत मिली,
पर इन सब के बीच इनकम टैक्स को लेकर लोगों के मन कई सारे सवाल उमड़ रहे हैl
नए इनकम टैक्स के सवाल-जवाब (INCOME TAX QUESTIONS & ANSWERS)
- नए इनकम टैक्स स्लैब कौन से है..?
- 80000 की अलग टैक्स रिलीफ क्या है..?
- 0 से 4 लाख सहित दूसरें वाले टैक्स स्लैब क्या है..?
- कैपिटल गेन टैक्स फ्री क्यों नहीं है..?
- नए टैक्स बिल में कुछ पेच तो नहीं फंसा होगा..?
- क्या सच में 12 लाख तक पर कोई टैक्स नहीं लगेगा..?
Income Tax-आम आदमी को मिली राहत, 12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
Income Tax-आम आदमी को मिली राहत, 12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
जानियें क्या है नया Income Tax slabs l
- 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा है।
- 12 लाख से 16 लाख तक की सालाना इनकम पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
- वहीं 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
- जबकि 20 लाख रुपये से 25 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 25 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
- 25 लाख रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
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- अगर 12 लाख तक टैक्स फ्री है तो यह 80000 की अलग टैक्स रिलीफ क्या है..?
₹12 लाख तक की आमदनी वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स में पूरी छूट मिलेगी क्योंकि रिबेट और कम टैक्स स्लैब रेट्स की वजह से उनका टैक्स जीरो हो जाएगा।
₹12 लाख कमाने वाले को ₹80,000 का टैक्स फायदा मिलेगा, जो वर्तमान टैक्स रेट्स के अनुसार 100% टैक्स राहत है।
वहीं, ₹18 लाख कमाने वाले को ₹70,000 और ₹25 लाख कमाने वाले को ₹1,10,000 की टैक्स छूट मिलेगी।
बजट 2025 के अनुसार, असेसमेंट ईयर 2026-27 से सेक्शन 87A के तहत रिबेट सीमा को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दिया गया है।
अधिकतम रिबेट राशि ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 कर दी गई है। हालांकि, यदि आपकी इनकम स्पेशल रेट्स पर टैक्स की जाती है, तो यह रिबेट लागू नहीं होगी।
- 12 लाख तक टैक्स फ्री है तो यह 0 से 4 लाख सहित दूसरें वाले टैक्स स्लैब क्या है..?
बजट 2025: नए टैक्स सिस्टम में प्रस्तावित इनकम टैक्स रेट्स
Income | Tax Rate |
0-4 lakh rupees | Nil |
4-8 lakh rupees | 5 per cent |
8-12 lakh rupees | 10 per cent |
12-16 lakh rupees | 15 per cent |
16-20 lakh rupees | 20 per cent |
20- 24 lakh rupees | 25 per cent |
Above 24 lakh rupees | 30 per cent |
यह टैक्स स्लैब एक नार्मल टैक्स स्लैब है जिनकी इनकम सैलेरी के अलावा अन्य माध्यमों से होती है यह टैक्स स्लैब वो है l
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यानी आपकी अन्य इनकम जैसे की बिज़नेस से, दलाली से, शेयर मार्केट से, TUTION से … आदि l
- कैपिटल गेन पर टैक्स देना होगा…यानी यह टैक्स फ्री क्यों नहीं है..?सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी।
अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा। कैपिटल गेन शेयर मार्केट से कमाई कहलाती है इसलिए इन्हें टैक्स में छूट नहीं मिलेगी l
- अभी टैक्स में छूट दे दी गयी है तो नया टैक्स बिल में कुछ पेच तो नहीं फंसा होगा..?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान नए इनकम टैक्स बिल की बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लेकर आएगी। इसमें टैक्स रिजीम में बदलाव से लेकर दूसरी नई चीजें शामिल हो सकती हैं।
इसलिए जो 12 लाख की टैक्स छूट दी गयी है वह जारी रहेगी l
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- क्या सच में 12 लाख 80000 तक पर कोई टैक्स नहीं लगेगा..?
अगर आपकी इनकम सैलेरी से आती है तो आपको 12 लाख तक कोंई भी टैक्स देना नहीं होगा l लेकिन आपकी 12 लाख की सैलेरी नहीं है और आपको अन्य साधनों से इनकम 12 लाख तक हो रही है तो आपको सैलेरी कम करने के बाद जिन साधनों से इनकम हो रही है उस पर टैक्स देना होगा l
जैसे की अगर आपकी 5 लाख की सैलेरी है और आपकी आय 10 लाख है तो आपको (1 लाख रुपये पर टैक्स जमा कराना होगा (5 लाख टैक्स छूट + 4 लाख 0 टैक्स तो बचे 1 लाख पर ही आपको टैक्स देना होगा ):
- 10 लाख इनकम
- 5 लाख टैक्स छूट
- 4 लाख तक 0 टैक्स
- 1 लाख पर 5 फीसदी के हिसाब से 5000 का टैक्स जमा कराना होगा l
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बजट 2025 के प्रस्तावित टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लायबिलिटी (वित्त वर्ष 2025-26):
Salary income | ₹10 lakh | ₹15 lakh | ₹20 lakh | ₹25 lakh | ₹30 lakh |
Less: Standard deduction | 75,000.00 | 75,000.00 | 75,000.00 | 75,000.00 | 75,000.00 |
Net Taxable Salary | 925,000.00 | 1,425,000.00 | 1,925,000.00 | 2,425,000.00 | 2,925,000.00 |
Tax | 32,500.00 | 93,750.00 | 185,000.00 | 307,500.00 | 457,500.00 |
Less: Rebate under section 87A | 32,500.00 | – | – | – | – |
Surcharge | – | – | – | ||
Education Cess | – | 3,750.00 | 7,400.00 | 12,300.00 | 18,300.00 |
Tax payable | – | 97,500.00 | 192,400.00 | 319,800.00 | 475,800.00 |
Source: Taxmann |
अन्य राहत
TDS और TCS की सीमा में वृद्धि- किराए पर टैक्स कटौती (TDS) की सीमा को ₹2.40 लाख सालाना से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया है। इससे छोटे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और अनुपालन आसान होगा।
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टैक्स कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है।
रिमिटेंस पर TCS- RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत रिमिटेंस पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है। हालांकि, शिक्षा ऋण के लिए किए गए रिमिटेंस पर TCS हटा दिया गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने 4 साल तक रिटर्न भरने की भी राहत दी है। असिसमेंट ईयर में दोबारा यानी अपडेटेड रिटर्न भरा जा सकेगा। इसके साथ ही सरकार ने डोनेशन पर मिलने वाली छूट की राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने से सरकार का डायरेक्ट टैक्स 1,00,000 करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स 2,600 करोड़ रुपये कम होगा।
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वहीं केंद्रीय बजट में अगस्त 2024 या उसके बाद राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खातों से निकासी पर टैक्स से छूट देने का भी प्रस्ताव है।
इससे पहले,
हमने पहले भी अपनी आर्टिकल में आपको बताया था की इस बार का बजट दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया जाएगाl
और इस बजट में महिलाओं के लिए विशेष पैकेज या उन्ही को ध्यान में रखकर बजट पेश किया जाएगा l
मोदी सरकार के लिए दिल्ली चुनाव को जितना बहुत ही जरुरी है l उसका पूरा ध्यान दिल्ली चुनाव में लगा हुआ हैl
बजट 2025: उम्मीदें और संभावनाएं
इनकम टैक्स के दो विकल्पों में से एक विकल्प पुराना/मौजूदा टैक्स स्लैब है और दूसरा विकल्प है नया टैक्स स्लैब, जो बजट 2020 में लाया गया।
मौजूदा नियमों के मुताबिक, पूरे देश में एक स्लैब सिस्टम काम करता है।
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जहां अलग-अलग स्लैब के लिए अलग-अलग टैक्स दरें (tax rates) निर्धारित की गईं हैं। व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स की तीन कैटेगेरी बनाई गईं हैं।
एक 60 साल से कम के लोग, दूसरा सीनियर सिटीजन्स 60 से 80 साल के और तीसरा 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया है।
मौजूदा सिस्टम में इनकम टैक्स के 6 स्लैब बनाए गए हैं। इसके मुताबिक,
- 3 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
- 3 लाख से 7 लाख तक की सालाना इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है।
- वहीं 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है।
- जबकि 10 लाख रुपये से 12 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
- 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 20 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होता है।
- 15 लाख रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
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इन नए नियमों में लाए गए टैक्स स्लैब में दरें तो कम हैं,
लेकिन इसमें सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली और अन्य दूसरी कर छूटों को खत्म कर दिया गया है।
वहीं पुराने इनकम टैक्स की व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
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वहीं अगर सालाना इनकम 3 लाख रुपये से लेकर 7 लाख रुपये के दायरे में आती है तो 5 फीसदी टैक्स लगता है।
हालांकि 7 लाख से अधिक की इनकम पर इनकम टैक्स एक्ट 87A के तहत 12,500 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं।
इसके साथ ही 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की सालाना इनकम पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुल इनकम 10 लाख रुपये से अधिक है तो 20 फीसदी टैक्स लगता है।
अब बात करते है इसमें परिवर्तन क्या हो सकता है l
7 टैक्स स्लैब में परिवर्तन हो सकता है l जैसे की जो 3 लाख की रियायत है उसे बढ़ाकर 5 लाख तक हो सकती है l
वही इस बार महिलाओं को 5 लाख की जगह 7 लाख तक टैक्स पर छूट मिल सकती है l
पर इनकम टैक्स में बदलाव तो सरकार को करना ही होगा l इसका सबसे बड़ा कारण है चुनाव l
(इनपुट एजेंसी से भी)