अब बैंक या पोस्ट ऑफिस में 20 लाख रुपये से ज्यादा निकालने-जमा करने पर Aadhaar/PAN अनिवार्य
इतना ही नहीं, किसी व्यक्ति द्वारा बैंक या सहकारी बैंक या डाकघर में करंट अकाउंट(Current account) या कैश क्रेडिट अकाउंट खोलने के लिए भी अब पैन और आधार नंबर देना जरूरी(PAN-Aadhaar compulsory)कर दिया गया है।
Aadhaar-or-PAN-compulsory-for-withdrawals-and-deposits-above-Rs-20-Lakh-cash
नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने अब बैंक(Banks)और पोस्ट ऑफिस(Post Office)से किसी एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की नकद राशि(Cash above Rs 20 Lakh) जमा करने या निकालने पर पैन या आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया(Aadhaar-or-PAN-compulsory-for-withdrawals-and-deposits-above-Rs-20-Lakh-cash-in banks-post-office-now)है।
इतना ही नहीं, किसी व्यक्ति द्वारा बैंक या सहकारी बैंक या डाकघर में करंट अकाउंट(Current account) या कैश क्रेडिट अकाउंट खोलने के लिए भी अब पैन और आधार नंबर देना जरूरी(PAN-Aadhaar compulsory)कर दिया गया है।
दरअसल,10 मई, 2022 को जारी एक अधिसूचना में, सरकार विशेष रूप से स्थायी खाता संख्या (PAN) या आधार(Aadhaar)के बिना वित्तीय लेनदेन करने वालों से संबंधित नए नियम लेकर आई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(CBDT) ने इनकम टैक्स (Income tax rules Fifteenth Amendment 2022) नियम, 2022, नाम के नए नियम बनाए हैं।
इन नए नियमों के अनुसार, निम्नलिखित लेनदेन में पैन या आधार(PAN-Aadhaar) नंबर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा:
Aadhaar-or-PAN-compulsory-for-withdrawals-and-deposits-above-Rs-20-Lakh-cash:
-किसी बैंक या सहकारी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में किसी व्यक्ति के एक या एक से अधिक खाते में एक वित्तीय वर्ष में कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक का कैश जमा या जमा राशि पर पैन या आधार देना अनिवार्य होगा।
-किसी बैंकिंग कंपनी या सहकारी बैंक या डाकघर में किसी व्यक्ति के एक या अधिक खाते में एक वित्तीय वर्ष में कुल 20लाख रुपये या उससे ज्यादा की नकद निकासी या निकासी के लिए भी पैन या आधार अनिवार्य होगा।
यानि एक वित्त वर्ष में बैंकों से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए पैन नंबर की जानकारी देना या आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करना अनिवार्य होगा।
-इसके अलावा किसी बैंक या सहकारी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा।
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एकेएम ग्लोबल के कर साझेदार संदीप सहगल ने इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसकी वजह से बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य(Aadhaar-or-PAN-compulsory-for-withdrawals-and-deposits-above-Rs-20-Lakh-cash)होगा।
सहगल ने कहा, ‘‘इससे वित्तीय प्रणाली में नकदी के आवागमन पर नजर रखने में सरकार को मदद मिलेगी। इससे संदिग्ध नकद जमा एवं निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी।”
फिलहाल इनकम टैक्स(Income Tax)से जुड़े कार्यों के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है। आयकर विभाग से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है।
लेकिन बड़ी नकद राशि के लेनदेन(Cash transactions)के समय अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो वह आधार का इस्तेमाल कर सकता है।
नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है, लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है।
नांगिया एंड कंपनी के साझेदार शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रख पाना आसान हो जाएगा।
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