अब सभी तरह के लोन होंगे महंगे,RBI ने रेपो रेट 40 फीसदी,CRR 50 फीसदी बढ़ाया
इतना ही नहीं आरबीआई ने संकेत दिए है कि खाद्द महंगाई दर भी और बढ़ सकती(food-inflation-expect-increase)है।
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नई दिल्ली:आरबीआई(RBI)ने आज,बुधवार 4 मई को बैंकों और ग्राहकों को और जोरदार झटका देते हुए रेपो रेट में 40 फीसदी बढ़ोतरी करके 4.40% करने का एलान कर(RBI-repo-rate-hike-by-40-basis-points-to-4.40-per)दिया और इसके साथ ही कैश रिजर्व रेशियो भी 50 फीसदी बढ़ाकर4.50% करने का निर्णय किया(CRR-raise-to-4.50per)है।
इतना ही नहीं आरबीआई ने संकेत दिए है कि खाद्द महंगाई दर भी और बढ़ सकती(food-inflation-expect-increase)है।
इसका असर यह होगा कि अब आम उपभोक्ता के लिए होम सहित सभी प्रकार के लोन(Loan)लेना और महंगा हो जाएगा।चूंकि बैंक जिस दर पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेता है,वो रेपो रेट अब 4.40 फीसदी बढ़ गया है(RBI-repo-rate-hike-by-40-basis-points-to-4.40-per-CRR-raise-to-4.50per)
साथ ही बैंक भी अब ग्राहकों को कम लोन देंगे चूंकि आरबीआई(RBI)में जो बैंकों का पैसा रिजर्व रखा जाता है,जिसे CRR कहते है,वह भी आरबीआई ने बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया है।
देश में बढ़ती महंगाई से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को यह घोषणा की है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी(MPC) ने अर्थव्यवस्था(Economy)में क्रेडिट फ्लो को कंट्रोल करने के लिए पॉलिसी रेपो रेट(Repo Rate)में 40 बेसिस पॉइंट का इजाफा करके 4.40% करने का ऐलान कर दिया है
और इसके साथ ही बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो (CRR) भी 50 फीसदी बढ़ाकर 4.50% कर दिया(RBI-repo-rate-hike-by-40-basis-points-to-4.40-per-CRR-raise-to-4.50per) है।
Repo rate बढ़ने से अब ग्राहकों की ईएमआई(EMI)भी बढ़ जाएगी और CRR में इजाफा होने से बैंको के पास एकदम से 83,711.55 करोड़ रुपये कैश कम हो जाएंगे। जिससे बैंक ग्राहकों को लोन भी कम ही दे सकेंगे।
शक्तिकांत दास ने बताया कि आने वाले समय में खाद्द महंगाई दर और ज्यादा बढ़ सकती है। आरबीआई के इस फैसले की घोषणा के साथ ही शेयर बाजार(Share market)औंधे मुंह धड़ाम से गिर गया।
रेपो रेट में इजाफा होने से अब बैंकों से लोन लेना महंगा और मुश्किल भरा हो जाएगा।
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जानें क्या है रेपो रेट?- what is repo rate
रेपो रेट,अर्थात वो रेट जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है, उस में बढ़ोतरी होने से ग्राहकों के लिए भी अब सब तरह के लोन लेना महंगा हो जाएगा। आरबीआई ने इसमें 4.40% की वृद्धि कर दी है। ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
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जानें CRR क्या है? what is CRR
बैंकों को अपनी कुल जमाराशि का एक निर्धारित हिस्सा आरबीआई के पास जमा रखना होता है।इसे ही कैश रिजर्व रेशियो कहते है।
आऱबीआई इस पैसे को अपने पास इसलिए रिजर्व रखती है ताकि कभी किसी बैंक से ग्राहक भारी तादाद में पैसा निकालने लग जाएं तो बैंक पैसा चुकाने से मना नहीं कर सकते।
सीआरआर का एक मतलब यह भी है कि अब बैंकों को आरबीआई के पास अपना पैसा ज्यादा जमा करना पड़ेगा,जिससे ग्राहकों को लोन देने के लिए बैंक के पास पैसा कम बचेगा।
नतीजा,रेपो रेट हो और सीआरआर में बढ़ोतरी का सीधा असर आखिरकार ग्राहक की जेब और उसके आर्थिक हालातों पर ही पड़ने वाला है।आरबीआई ने बताया कि कैश रिजर्व रेशियो में बढ़ोतरी 21 मई से लागू होगी।
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RBI ने अचानक क्यों बढ़ाएं रेपो रेट और सीआरआर?
आरबीआई ने देश में खुदरा महंगाई दर बढ़ने के कारण यह फैसला लिया है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और रूस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों और अंतराष्ट्रीय बाजार में गेहूं और खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में उथलपुथल को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने अनुमान जताया है कि महंगाई अभी ऊँचे स्तर पर बनी रहेगी। देश में बढ़ती महंगाई के संकट से निपटने के लिए आख़िरकार आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी रेपो रेट, यानी वो रेट जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है, उस में बढ़ोतरी का ऐलान कर(RBI-repo-rate-hike-by-40-basis-points-to-4.40-per-CRR-raise-to-4.50per)दिया।
मंशा अर्थव्यवस्था में कर्ज प्रवाह को नियंत्रित करने की है. इसका असर होम लोन और दूसरे तरह के लोन के ब्याज दर पर पड़ सकता है।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति को लेकर आपातकालीन बैठक (Monetary Policy Committee)के बाद जारी बयान में कहा, खाद्य महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी, वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी से घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमतों पर असर दिखाई दे रहा है, हालांकि देश में अना ज की आपूर्ति सामान्य है।
खाद्य तेलों (Edible Oils) के दाम भी आगे और बढ़ सकते हैं, क्योंकि इंडोनेशिया द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध का प्रभाव दिखाई देगा. कच्चे तेल के दाम (Crude Oil Prices) भी ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं.
दरअसल, हाल के हफ़्तों में यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चा तेल के रेट अंतराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर के ऊपर बना हुआ है, इंडोनेशिया सरकार द्वारा Palm आयल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबन्ध ने खाने-पीने के तेल की कीमतों में उथल पुथल बढ़ा दी है।
चिंता यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में बढ़ती कीमतों को लेकर भी है।
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