CBSE Exams 2022: दो हिस्सों में होगी Board की परीक्षाएं, ये होगा सिलेबस का पैटर्न
इतना ही नहीं,शैक्षणिक सत्र 21-22 की परीक्षा के लिए सिलेबस को भी कम किया जाएगा।प्रत्येक अवधि में 50 फीसदी सिलेबस होगा।
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नई दिल्ली:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सोमवार को शैक्षणिक सत्र 2021-2022(academic year 2021-2022) के लिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं की नई योजना का एलान किया।
इसके अनुसार, अब साल के अंत में एक बोर्ड परीक्षा की जगह, शैक्षणिक सत्र 21-22 को दो भागों में विभाजित किया गया है।
यानि 2021-22 सत्र के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं दो अवधि में संपन्न कराई(CBSE-plans-Board-Exams-2022-for-class-10-12-in-two-parts)जाएंगी।
इतना ही नहीं,शैक्षणिक सत्र 21-22 की परीक्षा के लिए सिलेबस को भी कम किया जाएगा।
प्रत्येक अवधि में 50 फीसदी सिलेबस होगा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बोर्ड पहली अवधि की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर(2021) में आयोजित की जाएंगी और दूसरी अवधि के बोर्ड एग्जाम मार्च और अप्रैल(2022) में आयोजित होंगे।
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वर्ष 2021-2022 की बोर्ड परीक्षाओं में कैसे सेट होगा पेपर
CBSE Board exams 2021-2022 paper setting pattern
पहली अवधि या टर्म I की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर 2021 में आयोजित की जानी हैं, और इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) होंगे, जो तर्कसंगत पाठ्यक्रम के केवल पहले भाग को कवर करेंगे।
ये परीक्षाएं 90 मिनट की अवधि की होंगी। बोर्ड प्रश्न पत्रों और अंकन योजनाओं को स्कूलों को भेजेगा, जो बाहरी परीक्षकों और पर्यवेक्षकों की देखरेख में परीक्षा आयोजित करेंगे और परिणाम बोर्ड को भेजेंगे।
टर्म II की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर मार्च-अप्रैल 2022 में आयोजित की जानी हैं।
इस परीक्षा में दो घंटे लंबे पेपर विभिन्न फॉर्मेट्स में प्रश्नों के साथ होंगे, लेकिन “यदि स्थिति सामान्य परीक्षाओं के लिए अनुकूल नहीं हुई”, तो टर्म II परीक्षा भी 90 मिनट के MCQ पेपर के रूप में होगी।
सीबीएसई ने सोमवार को अपनी ऑफिशियली(cbse official website) स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को बीते वर्ष की तर्ज पर युक्ति संगत बनाया जाएगा,जब पाठ्यक्रम में 30फीसदी की कमी की गई थी।
शैक्षणिक सत्र 21-22 में बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट ऐसे होगा तय
CBSE Board exams 2021-2022 result criteria
दोनों टर्म में होने वाले परीक्षाओं के परिणाम अंत में फाइनल स्कोर में योगदान देंगे,बोर्ड ने कोविड की स्थिति के आधार पर चार विकल्पों का सुझाव रखा है।
चार उपाय इस प्रकार है-
-पहला,यदि दोनों एंड-टर्म की परीक्षाएं केंद्रों पर करवाई जा सकती है,तो दोनों परीक्षाओं के बीच थ्योरी मार्क्स समान रुप से वितरित किए जाएंगे।
-दूसरा,यदि टर्म I परीक्षा के समय स्कूल बंद करना पड़ता है और छात्रों को अपने घरों से ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा लिखनी पड़ती है, लेकिन टर्म II की परीक्षा, केंद्रों पर आयोजित की जा सकती है, तो टर्म I की परीक्षा का वेटेज अंतिम स्कोर कम कर दिया जाएगा, और अंतिम परिणाम की घोषणा के लिए टर्म II की परीक्षा का वेटेज बढ़ाया जाएगा।
-एक अन्य तरीका यह है कि- टर्म I परीक्षा स्कूल में आयोजित की जाती है, लेकिन टर्म II परीक्षा केंद्र में आयोजित नहीं की जा सकती है और छात्र इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन देते हैं –
“छात्रों की टर्मIMCQ आधारित परीक्षा(MCQ-based examination)और आंतरिक मूल्यांकन (internal assessments) की परफॉर्मेंस पर परिणाम आधारित होगा।”
-यदि स्कूलों या केंद्रों में से कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती है, तो परिणामों(Result) की गणना आंतरिक मूल्यांकन(internal assessments)और प्रैक्टिकल के आधार पर की जाएगी, और छात्रों द्वारा घर से लिए गए टर्म I और II परीक्षा के थ्योरी मार्क्स के आधार पर “मॉडरेशन के अधीन या अन्य उपाय मूल्यांकन की वैधता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए”।
साल के अंत के परिणाम(year-end results)प्रदान करने के लिए टर्म I परीक्षा के अंकों का वेटेज बढ़ाया(CBSE Board exams 2021-2022 result criteria) जाएगा।
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गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड ने शैक्षणिक वर्ष 2021-2021 के लिए अपनी मौजूदा अंतिम मूल्यांकन प्रणाली को जारी रखने की कोशिश की थी, लेकिन अंततःकोरोना संक्रमण को देखते हुए कक्षा 10 और 12 दोनों के लिए परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा
और वर्तमान में पहले आयोजित परीक्षाओं, प्रैक्टीकल परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही रिजल्ट घोषित करने की योजना बनानी पड़ी।
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि CBSE और अन्य को 10वीं और 12वीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क वापस करने का आदेश दिया जाएं।
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चूंकि कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई की 10वीं और12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं(CBSE 10-12 exams cancel due to corona) है।
याचिका में कहा गया है कि परीक्षाएं रद्द होने की दिशा में छात्रों से 10वीं और 12वीं के परीक्षा शुल्क के रूप में एकत्र किए गए पैसे को रखना पूरी तरह अनुचित है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि एग्जाम फीस के रूप में CBSE को करोड़ों रुपये प्राप्त हुए हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि जब परीक्षा रद्द करने से इसके मदो में कोई खर्च नहीं किया गया है तो केंद्र और CBSE को परीक्षा शुल्क(Examination fees) के रूप में ली गई रकम को वापस करना चाहिए।