![New education policy-New syllabus planning for class 1 to 12-min](/wp-content/uploads/2021/06/New-education-policy-New-syllabus-planning-for-class-1-to-12-min.jpg)
New-education-policy-New-syllabus-planning-for-class-1-to-12
नई दिल्ली:कोरोना महामारी(Coronavirus) ने देश में शिक्षा के तौर-तरीके बदल दिए है। ऑनलाइन क्लासेज(online classes) का कल्चर फिलहाल में मजबूरी सही लेकिन यह आहट है बदलते वक्त और पुरानी शिक्षा नीति में किए जाने वाले जरुरी बदलावों की।
ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर भी पहली बार कक्षा 1से 12वीं तक (new syllabus for class 1 to 12)के लिए नया सिलेबस तैयार करने की योजना बनाई गई है और नई शिक्षा नीति(New education policy) लाने का प्लान किया गया है।
ज्यादातर,राज्यों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(NCERT)ने चार विभिन्न सेक्टर्स में राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए कहा है।
राज्यों से जो पाठ्यक्रम सुझाव मिलेंगे, उन्हें शामिल करके एक नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) तय किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम(national-curriculum) जिला स्तर पर इनपुट के आधार पर तैयार किया जाएगा।
नया सिलेबस कैसा होना चाहिए
New-education-policy-New-syllabus-planning-for-class-1-to-12
मंत्रालय ने शिक्षा की संसदीय समिति को पिछले दिनों बताया कि पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का पाठ्यक्रम आएगा इसके बाद जिला स्तर पर भी परामर्श किया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि कमेटी अपनी रिपोर्ट जुलाई के अंत तक जमा कर देगी।
उन्होंने कहा कि इतिहास, भूगोल और साहित्य के सिलेबस में स्थानीय चीजों को भी शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नए सिलेबस में नई शिक्षा नीति की झलक देखने को मिलेगी। किताबें बहुत मोटी हों इसकी जरूरत नहीं बल्कि रुचिकर हो इसका ध्यान रखा जाए।
प्रत्येक पाठ्यपुस्तक का ई टेस्टबुक भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मानना है कि छात्रों से भी इस बारे में फीडबैक लेना चाहिए।
छात्रों की राय और योगदान से हो सकता है महत्वपूर्ण बदलाव
कक्षा नौ में पढ़ने वालो छात्र से क्लास 5 की पाठ्य पुस्तक तैयार करने के लिए कहना चाहिए। मेरे हिसाब से वो पाठ्यपुस्तक बहुत सटीक होगी।
उससे हमें एक आइडिया भी मिल जाएगा कि छात्र क्या सोच रहे हैं। दूसरी और तीसरी क्लास के लिए किताबें अमर चित्र कथा जैसी हों।
क्यों नहीं कॉमिक जैसे दो- तीन पाठ हों। कुछ पाठ को समझाने के लिए नाटकीय सहारा भी लेना चाहिए।
उन्होंने पाठ्यक्रम के लिए लोकल कंटेंट के शामिल करने की भी बात कही। विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे ने कहा कि इतिहास के विषय में 17 पाठ प्राचीन इतिहास से है तो तीन पाठ स्थानीय इतिहास से भी जुड़ा हो।
यह सिर्फ इतिहास ही नहीं भूगोल और साहित्य के लिए भी ऐसा किया जा सकता है।
New-education-policy-New-syllabus-planning-for-class-1-to-12