JNU प्रशासन की शिकायत पर आईशी घोष व अन्य 19 लोगों पर FIR दर्ज
हिंदू रक्षा दल नाम के संगठन ने जेएनयू हिंसा की जिम्मेदारी ली
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नई दिल्ली (समयधारा) : दिल्ली में JNU हिंसा की आग देश भर में भड़क गयी है l एक और जगह-जगह पर JNU हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है l
वही दूसरी और अहमदाबाद में ABVP और NSUI कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प देखने को मिली l
इस बीच पुलिस ने जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष पर एफआईआर दर्ज की है।
चार जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने के आरोप में घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर के आरोपी कॉलम में अन्य छात्रों का नाम शामिल नहीं किया गया है, लेकिन डिटेल में उनका नाम दर्ज किया गया है।
5 जनवरी को JNUहॉस्टल में हुई थी हिंसा l हिंसा के दौरान तीन हॉस्टलों में जमकर हिंसा हुई l
JNU की छात्र संध अध्यक्ष आईशी घोष सहित कई छात्रों के साथ मारपीट की गयी l वही तोड़फोड़ भी की गयी l
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अभी तक हमलावर पकड़ में नहीं आए हैं, लेकिन नकाबपोश हमलावरों पर जमकर राजनीति शुरू जरूर हो गई है।
हमले के बाद साबरमती हॉस्टल के दो वार्डन ने इस्तीफा दे दिया।
राम अवतार मीणा और प्रकाश साहू खुद यह कहते हुए अलग हो गए कि वे छात्रों को सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पाए।
वही दूसरी और हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंची है
आज तड़के भी हाथ में पोस्टर लेकर और हिंसा के खिलाफ नारे लगाते हुए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया।
वही हिंदू रक्षा दल नाम के संगठन ने जेएनयू हिंसा की जिम्मेदारी ली है।
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जॉइंट कमिश्नर दिल्ली पुलिस शालिनी सिंह आज जेएनयू कैंपस आएंगी। जांच के बाद उन्हें अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपनी है।
वही जावेद अख्तर खुल कर आईशी के समर्थन में नजर आये l आईशी पर एफआईआर से काफी गुस्से में नजर आ रहे
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर तंज कसते हुए कहा, ‘JNUSU अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर समझ से परे है।
आखिर उसने कैसे हाथ में लोहे की रॉड वाले राष्ट्रवादियों, देश प्रेमियों को अपने सिर से रोकने का साहस किया।
ये देशद्रोहियों ने हमारे गरीब गुंडों को ठीक से लाठी भी नहीं भांजने दिया। उन्होंने हर बार अपना शरीर सामने कर दिया। मुझे पता है कि उन्हें चोट पसंद है।’
The FIR against the president of JNUSU is totally understandable . How dare she stop a nationalist , desh Premi iron rod with her head . These anti nationals don’t even let our poor goons swing a lathi properly . They always put their bodies there . I know they love to get hurt .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 7, 2020
जानियें इससे पहले क्या-क्या हुआ l
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देश में यह क्या हो रहा है …! कभी सोचा भी नहीं था की जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में इस तरह का माहौल देखने को मिलेगा l
कई सारे सवाल इस हिंसा से सामने आये है l
सबसे बड़ा सवाल 200 नकाबपोश कौन..? कहा से आयें..?? और कहाँ गएँ..???
कुछ नकाबपोश द्वारा मारपीट, 5 घंटे तक उपद्रवी विश्वविद्यालय के अंदर l पुलिस नदारद l पुलिस यूनिवर्सिटी के बाहर l
अब लोग पुलिस की स्थिति को लेकर संदेह कर रहे है l पुलिस का यही कहना होगा l
अगर हम फिर विश्विद्यालय में जायेंगे तो फिर आप लोग प्रोटेस्ट करोंगे की पुलिस का यूनिवर्सिटी में क्या काम..? क्यों वह अन्दर आई..?
जेएनयू कैंपस में छात्रों पर लाठी, डंडों से लैस नकाबपोशों के हमले के बाद वहां बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात है।
लेफ्ट के छात्र संगठन और एबीवीपी हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जेएनयू कैंपस में जबरदस्त तनाव का माहौल है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से बात कर जेएनयू की स्थिति का जायजा लिया।
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
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मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरिया निशंक ने भी हिंसा पर जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक कैंपस में हालात अब सामान्य है। बड़े पैमाने पर पुलिसवालों की तैनाती कर दी गई है।
डीसीपी (साउथ वेस्ट) देवेंदर आर्य ने बताया, ‘कैंपस के भीतर हालात अब सामान्य हैं। पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है।
सभी हॉस्टल सुरक्षित हैं। रणनीतिक जगहों पर पुलिस की तैनाती की गई है।’
इससे पहले,
कल JNU Violence news- JNU में जबरदस्त बवाल और मारपीट हुई l
ABVP और JNUSU इस मारपीट को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे (JNU Violence news) है l
स्टूडेंट्स यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच झड़प हुई है।
लेफ्ट और एबीवीपी ने एक दूसरे को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
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बताया जा रहा है कि जेएनयू टीचर्स असोसिएशन ने बढ़ी हुई फीस को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें हंगामा हो गया।
JNU हिंसा (JNU Violence) को लेकर ट्विटर पर हैशटैग #SOSJNU, #JNUViolence, #JNUattack और #JNUProtests ट्रेंड होने लगे।
छात्रसंघ ने दावा किया है कि उनकी अध्यक्ष आइशी घोष (JNUSU President Aishe Ghosh)और कई दूसरे स्टूडेंट्स को ABVP के सदस्यों ने पीटा है।
पथराव भी किया गया है। झड़प के दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं,
जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष खून से लथपथ दिखाई दे रही हैं। एक तस्वीर में टीचर भी घायल दिखी हैं।
वही दूसरी और ABVP के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि,
जेएनयू (JNU) के पेरियार छात्रावास के छात्रों को वामपंथी छात्रों ने पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
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एबीवीपी (ABVP) की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने कहा, ‘करीब चार से पांच सौ लेफ्ट के लोग पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए,
यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा।
एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है
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और शायद मारपीट के बाद उनका हाथ टूट गया है। दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए,
जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोट आई हैं। उन्होंने कहा, ‘अंदर मौजूद छात्रों पर उन्होंने पत्थर और डंडे बरसाए।
इस बीच एबीवीपी ने कहा है कि उन्होंने फैसला किया है कि जैसे ही घायल हुए,
उनके साथी प्राथमिक उपचार के बाद लौटेंगे वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।
वामपंथी छात्रों के नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू ने इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन झूठी कहानी फैलाने में लगे हुए हैं।
जेएनयूएसयू (JNUSU) के महासचिव सतीश चंद्र ने कहा, ‘एबीवीपी और प्रशासन बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को निशाना बना रहे हैं।
यह और कुछ नहीं छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं।’
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(इनपुट एजेंसी से)