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Google ने शिवाजी गणेशन के 93वें जन्मदिन पर बनाया ये शानदार Doodle

1945 दिसंबर में गणेशन ने 17 वीं शताब्दी के भारतीय राजा शिवाजी का नाटकीय चित्रण किया और अपने अभिनय के सहारे उस रोल को इतना जीवंत कर दिया कि उनका नाम ही 'शिवाजी गणेशन' पड़ गया।

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नई दिल्ली: गूगल हमेशा अपने डूडल(Google Doodle) के साथ महान हस्तियों के जन्मदिन,त्यौहारों,किसी भी फील्ड की शख्सियतों के योगदान को याद करता है।

आज गूगल(Google)भारत के दिग्गज अभिनेताओं में से एक शिवाजी गणेशन का 93 वां जन्मदिन(sivaji-ganesan’s-93rd-birthday) शानदार डूडल(Doodle) बनाकर सेलिब्रेट (celebrating) कर रहा है।

गूगल ने शिवाजी गणेशन के 93वें जन्मदिन पर बनाया डूडल

तमिल फिल्मों के पहले मैथट एक्टर कहे जाने वाले शिवाजी गणेशन का अभिनय अद्वितीय था।

शिवाजी गणेशन का जन्म,1अक्टूबर 1928(sivaji ganesan birthday)को भारत के राज्य तमिनाडु के एक शहर विल्लुपुरम में हुआ था।

उनका जन्म का नाम वी. चिन्नैया मनरयार गणेशमूर्ति था।

एक्टिंग के प्रति इसे उनका जुनून ही कहेंगे कि महज 7 साल की बाल अवस्था में ही उन्होंने अपना घर-बार छोड़कर एक थियेटर ग्रुप का दामन थाम लिया था।

यहां पर उन्होंने बालपन और महिलाओं के रोल प्ले करना शुरु किया और इसके बाद देखते ही देखते वह लीड रोल करने लगे।

1945 दिसंबर में गणेशन ने 17 वीं शताब्दी के भारतीय राजा शिवाजी का नाटकीय चित्रण किया और अपने अभिनय के सहारे उस रोल को इतना जीवंत कर दिया कि उनका नाम ही ‘शिवाजी गणेशन'(sivaji-ganesan)पड़ गया।

बस फिर क्या था दर्शकों के जेहन में गणेशन शिवाजी के रूप में रच-बस गए और गणेशन ने फिर आगे चलकर अपनी पहचान इसी नाम शिवाजी गणेशन के साथ अभिनय की दुनिया में बनाई।

गणेशन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत1952 की तमिल फिल्म “पराशक्ति” के साथ की।अपने पांच दशक के सिनेमाई करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया,जिसमें से पराशक्ति उनकी पहली फिल्म थी।

अपने पांच दशके के सिनेमाई करियर में गणेशन ने सिर्फ तमिल ही नहीं, बल्कि हिंदी, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ सहित विभिन्न भाषाओं में तकरीबन 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।

शिवाजी गणेशन की अंतिम फिल्म1999 में रिलीज हुई पूपरिका वरुगिरोम है,जिसमें वह सहायक भूमिका में नजर आएं थे। उनका निधन 21 जुलाई, 2001 को हो गया था।

तमिल सिनेमा में अपनी दमदार आवाज और विविधतापूर्ण अभिनय के चलते गणेशन जल्द ही इंटरनेशनल लेवल पर भी प्रख्यात हो गए।

ऐसी महान शख्सियत शिवाजी गणेशन के जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए  गूगल ने उनकी भूमिकाओं को दर्शाता बेहतरीन डूडल बनाया(Google-Doodle-celebrating-sivaji-ganesan’s-93rd-birthday) है।

वर्ष 1961 में ट्रेंडसेटिंग बनी उनकी सबसे फेमस ब्लॉकबस्टर फिल्म “पासमलर” है,जोकि एक इमोशनल फैमिली ड्रामा है। इस फिल्म को तमिल सिनेमा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक कहा जाता है।

इतना ही नहीं, इसके बाद 1964 में आई फिल्म “नवरथी”, शिवाजी गणेशन की 100 वीं फिल्म है,जिसमें उन्होंने नौ अलग-अलग किरदार निभाकर एक रिकॉर्ड तोड़ दिया।

गणेशन ने अपनी ऐतिहासिक फिल्म “वीरपंडिया कट्टाबोम्मन” के लिए 1960 में एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता।

यह पुरस्कार जीतकर उन्होंने पहले भारतीय कलाकार के रूप में इतिहास रच डाला।उस समय के दर्शकों को उनकी फिल्म के संवाद आज भी याद है,जिसके कारण यह सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक बन गई।

शिवाजी गणेशन भारतीय सिनेमा की वो महान शख्सियत थे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया (Google-Doodle-celebrating-sivaji-ganesan’s-93rd-birthday)था।

उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके करियर के अंतिम समय में भी मिले।

फ्रांस ने 1995 में शिवाजी को अपने सर्वोच्च सम्मान, शेवेलियर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया।

तो वहीं, वर्ष 1997 में भारत सरकार ने भी शिवाजी गणेशन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है।

अभिनय के क्षेत्र में उनकी विरासत आज कई समकालीन भारतीय कलाकारों और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।

सिनेमाई जगत में उनके अद्भुत योगदान को याद करते हुए समयाधारा की ओर से शिवाजी गणेशन को जन्मदिन की शुभकामनाएं!

Remembering Sivaji-ganesan’s on 93rd birthday!

 

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।